गेंदमल पालीवाल/जयपुर.
धरियावद प्रतापगढ़ जिले के धरियावद कस्बे में एक कोचिंग सेंटर ऐसा है,
जहां आदिवासी तबके के युवाओं को निशुल्क कोचिंग करवाई जाती है। यह अनूठी
मुहिम मूलत: नागौर जिले के सरकारी शिक्षक रणवीर ठोलिया ने चार साल पहले
शुरू की थी।
चार साल में यहां पढ़ने वाले 85 युवा सरकारी नौकरी पा चुके हैं। इनका आरएएस, शिक्षक, पटवारी, एलडीसी तक में सलेक्शन हुआ है।
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सेंटर की शुरुआत 13 छात्रों के बैच से हुई थी। अभी यहां 1347 छात्रों के
दो बैच चल रहे हैं। पढ़ने के लिए प्रतापगढ़ ही नहीं डूंगरपुर, बांसवाड़ा,
चित्तौड़गढ़, उदयपुर तथा मध्यप्रदेश के नीमच और मंदसौर जिले से भी युवा
यहां आते हैं।
- पवनपुत्र कोचिंग सेंटर के नाम से इसका संचालन धरियावद में पावर हाऊस के पास चौधरी समाज के नोहरे में हो रहा है। यहां पढ़ने वाले 95% छात्र आदिवासी हैं।
अकेले ने की थी शुरुआत, अब नौ शिक्षकों का साथ
- कोचिंग सेंटर के निदेशक रणवीर ने छात्रों को पढ़ाने की शुरुआत अकेले ही की थी। आदिवासी और निर्धन तबके के छात्रों को नौकरी दिलवाने के लिए उनके जज्बे को देखकर उनके कोचिंग सेंटर से आठ और भी शिक्षक जुड़ चुके हैं।
- ये शिक्षक स्कूल समय के अलावा कोचिंग सेंटर में बारी-बारी से सेवाएं देते हैं। सेंटर चलाने के लिए 7 से 10 हजार रुपए मासिक खर्च भी अपनी जेब से करते हैं।
ऐसे हुई शुरुआत
- कंपीटिशन की निशुल्क तैयारी के लिए पवनपुत्र कोचिंग सेंटर की शुरुआत साल 2012 में व्याख्याता रणवीर ठोलिया ने करवाई थी। 13 छात्रों का पहला बैच कॉलेज के छात्रों का रहा था।
- डिग्री हासिल करने के बाद रणवीर इससे पहले साल 2007 में अपने गांव में निर्धन तबके के बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की निशुल्क तैयारी करवा चुके हैं।
- वे सितंबर 2012 में राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूल पायरा में ग्रेड थर्ड में शिक्षक और साल 2017 में आड़ उच्च माध्यमिक स्कूल में भूगोल विषय में प्रथम ग्रेड के शिक्षक रह चुके हैं।
कौन है रणवीर ठोलिया
- सेंटर के निदेशक रणवीर ठोलिया नागौर जिले के परबतसर के हैं। इनके पिता हरजीराम ठोलिया कृषि उपनिदेशक हैं। बड़े भाई रामचन्द्र ठोलिया नागालैंड मेें कमांडेंट तथा परिवार के कई लोग सरकारी सेवाओं में हैं।
- रणवीर एमए, एमकॉम, एमबीए, आरटेट, सी टेट, पीजीडीजीएन, सेट, नेट, जेआरएफ, एमडीएसयू अजमेर यूनिवर्सिटी से गोल्ड मेडलिस्ट रह चुके हैं।
- अजमेर जिले में वे 9 स्वर्ण, 8 रजत, 3 कांस्य पदक तथा एथलेटिक्स में वर्ष 2007 के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी रह चुके हैं।
चार साल में यहां पढ़ने वाले 85 युवा सरकारी नौकरी पा चुके हैं। इनका आरएएस, शिक्षक, पटवारी, एलडीसी तक में सलेक्शन हुआ है।
- पवनपुत्र कोचिंग सेंटर के नाम से इसका संचालन धरियावद में पावर हाऊस के पास चौधरी समाज के नोहरे में हो रहा है। यहां पढ़ने वाले 95% छात्र आदिवासी हैं।
अकेले ने की थी शुरुआत, अब नौ शिक्षकों का साथ
- कोचिंग सेंटर के निदेशक रणवीर ने छात्रों को पढ़ाने की शुरुआत अकेले ही की थी। आदिवासी और निर्धन तबके के छात्रों को नौकरी दिलवाने के लिए उनके जज्बे को देखकर उनके कोचिंग सेंटर से आठ और भी शिक्षक जुड़ चुके हैं।
- ये शिक्षक स्कूल समय के अलावा कोचिंग सेंटर में बारी-बारी से सेवाएं देते हैं। सेंटर चलाने के लिए 7 से 10 हजार रुपए मासिक खर्च भी अपनी जेब से करते हैं।
ऐसे हुई शुरुआत
- कंपीटिशन की निशुल्क तैयारी के लिए पवनपुत्र कोचिंग सेंटर की शुरुआत साल 2012 में व्याख्याता रणवीर ठोलिया ने करवाई थी। 13 छात्रों का पहला बैच कॉलेज के छात्रों का रहा था।
- डिग्री हासिल करने के बाद रणवीर इससे पहले साल 2007 में अपने गांव में निर्धन तबके के बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की निशुल्क तैयारी करवा चुके हैं।
- वे सितंबर 2012 में राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूल पायरा में ग्रेड थर्ड में शिक्षक और साल 2017 में आड़ उच्च माध्यमिक स्कूल में भूगोल विषय में प्रथम ग्रेड के शिक्षक रह चुके हैं।
कौन है रणवीर ठोलिया
- सेंटर के निदेशक रणवीर ठोलिया नागौर जिले के परबतसर के हैं। इनके पिता हरजीराम ठोलिया कृषि उपनिदेशक हैं। बड़े भाई रामचन्द्र ठोलिया नागालैंड मेें कमांडेंट तथा परिवार के कई लोग सरकारी सेवाओं में हैं।
- रणवीर एमए, एमकॉम, एमबीए, आरटेट, सी टेट, पीजीडीजीएन, सेट, नेट, जेआरएफ, एमडीएसयू अजमेर यूनिवर्सिटी से गोल्ड मेडलिस्ट रह चुके हैं।
- अजमेर जिले में वे 9 स्वर्ण, 8 रजत, 3 कांस्य पदक तथा एथलेटिक्स में वर्ष 2007 के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी रह चुके हैं।
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