पंचायत सहायक भर्ती से बचना चाहते थे 300 प्रिंसिपल - The Rajasthan Teachers Blog - राजस्थान - शिक्षकों का ब्लॉग

Subscribe Us

ads

Hot

Post Top Ad

Your Ad Spot

Tuesday 9 January 2018

पंचायत सहायक भर्ती से बचना चाहते थे 300 प्रिंसिपल

भास्करसंवाददाता | बांसवाड़ा

शिक्षाविभाग में गैर शैक्षणिक कार्यों के खिलाफ प्राचार्य और शिक्षक आवाज उठाते रहे हैं, लेकिन इस बार पढ़ाने के काम के अलावा जिम्मेदारी देने के खिलाफ संघर्ष शुरू कर राहत दिलाने के नाम पर चंदा इकट्ठा करने की मुहिम चर्चा का विषय बन गई है। इसमें 300 से ज्यादा पीईईओ ने हजार-हजार रुपए जमा करवाए, लेकिन नतीजे में कुछ हासिल नहीं हुआ।


इससे खुद को ठगे महसूस कर रहे कुछ अधिकारी अब फंडिंग करने वालों का भांडा फोड़ रहे हैं।

इस बारे में हालांकि माध्यमिक शिक्षा विभाग अनभिज्ञता जता रहा है, लेकिन यह भी कह रहा है कि इसकी शिकायत आने पर जांच करवाई जाएगी।

दरअसल, माध्यमिक शिक्षा के अधीन जिले में 300 से ज्यादा स्कूलों के प्राचार्यों को पीईईओ का जिम्मा सौंपने के बाद दायित्वों में लगातार इजाफा हुआ है। इसमें शैक्षणिक के साथ पंचायत सहायक भर्ती जैसे गैर शैक्षणिक कार्य भी शामिल होने से परेशानियां बढ़ी हैं। इससे असंतोष बढ़ा, तो लाभ लेकर कुछ अधिकारियों ने पीईईओ ग्रुप बनाया और इसके विरोध में सभी को साथ लेने की बात करते हुए शहर के ही एक स्कूल में बैठकें की। सरकार के नीतिगत निर्णयों की इस मुखालफत में बिना विभागीय मंजूरी के समूह बनाकर विरोध की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए बाकायदा 325 से ज्यादा पीईईओ से एक-एक हजार रुपए लिए गए। फिर भर्ती प्रक्रिया जैसे-तैसे किनारे पर गई, लेकिन इस प्रकरण को कोर्ट तक ले जाकर राहत दिलाना तो दूर, विभागीय स्तर पर भी कुछ नहीं हुआ। ऐसे में अब फंड में अंशदान करने वाले मुखर हो रहे हैं।

^पीईईओ का प्रदर्शन डीईईओ कार्यालय के बाहर मेरे कार्यकाल में नहीं हुआ। पीईईओ का ग्रुप बनाकर कुछ किया जा रहा है, तो इसकी जानकारी नहीं है। बेजा तरीके से फंड इकट्ठा करने और विभाग विरोधी गतिविधियां होने की शिकायत सामने आई तो इसकी गंभीरता से जांच करवाएंगे। -आरपी द्विवेदी, डीईओ सैकंडरी बांसवाड़ा

वीरपुर की प्राचार्य देवलता ने भी अंशदान देने की बात स्वीकारी, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि आगे क्या हुआ कुछ नहीं पता है। भापोर के प्राचार्य हर्ष राठौड़ का कहना है कि पैसे दिए हैं, लेकिन आगे खुद ही इसमें इंटरेस्ट नहीं लिया। जो फंड इकट्ठा हुआ, उसका हिसाब-किताब कौन देख रहा है इसकी भी जानकारी नहीं है।

वजवाना स्कूल के प्राचार्य महेंद्र समाधिया का कहना है कि पीओ ग्रुप में फंड इकट्ठा किया गया है, लेकिन रुपयों का सीधा संग्रह नहीं किया। अभी ग्रुप कोर्ट नहीं गया है। विभागीय कार्रवाई के बगैर ऐसा कैसे कर सकते हैं। दूसरी ओर, घाटोल ब्लॉक से बड़लिया के प्राचार्य जयकुमार भट्ट ने भी स्वीकार किया कि गैर जरूरी काम सौंपे जाने पर संघर्ष के लिए ग्रुप ने चंदा इकट्ठा किया, लेकिन इस दिशा में काम नहीं हुआ।

No comments:

Post a Comment

Recent Posts Widget
'; (function() { var dsq = document.createElement('script'); dsq.type = 'text/javascript'; dsq.async = true; dsq.src = '//' + disqus_shortname + '.disqus.com/embed.js'; (document.getElementsByTagName('head')[0] || document.getElementsByTagName('body')[0]).appendChild(dsq); })();

Advertisement

Important News

Popular Posts

Post Top Ad

Your Ad Spot

Copyright © 2019 Tech Location BD. All Right Reserved