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शिक्षकों की संशोधित सूचियां रात 1:30 बजे रद्द

{शाम 4 बजे लिस्ट बनाने का काम शुरू हुआ। जिसके इंतजार में देर शाम तक अभ्यर्थी कलेक्ट्री के बाहर धरने रहे।


{रात 11:30 बजे सीईओ की ओर से लिस्ट जारी की गई। लिस्ट पुरानी जिला परिषद कार्यालय में रखी गई।

{ लिस्ट में विधवा कोटे, विकलांग कोटे, एससी वर्ग में भारी अनियमितता थी। जिसका विरोध अभ्यर्थियों ने किया।

{ जिला परिषद सीईओ परशुराम धानका और अभ्यर्थियों के बीच करीब लिस्ट को लेकर रात 1 बजे तक बहस होती रही।

{अभ्यर्थियों के अनुसार जिला परिषद सीईओ ने उन्हें कानूनी कार्रवाई की धमकी तक दे दी।

{समानता मंच के संरक्षक दिग्विजयसिंह ने रात एक बजे एडीएम और सीईओ को कलेक्टर निवास ले गए। इस दौरान इनके वाहन भी स्वयं ने ही चलाए, ताकि चालक को बुलाने में समय खराब नहीं हो।

{ कलेक्टर निवास पर लिस्ट में गड़बड़ी की पुष्टि करते हुए रद्द कर दी। जिसमे जिला प्रमुख माधवलाल वरहात ने सूचियों पर साइन करने से मना कर दिया।

शिक्षक भर्ती सेे वंचित अभ्यर्थी रात डेढ़ बजे कलेक्टर निवास के पास एकत्रित।

अभ्यर्थियों ने सीईओ की गड़बड़ी गिनाई

आंदोलनका नेतृत्व करने वाले समानता मंच संरक्षक दिग्विजयसिंह ने प्रेस वार्ता कर गड़बड़ी को बताया।

{ पिछले एक माह से जिला परिषद सीईओ ने 61 पदों के लिए संशोधित सूचियां जारी करने की बात कह रहे थे, जबकि शुक्रवार को उन्होंने 13 अतिरिक्त पद का खुलासा किया।

{ शुक्रवार रात को संशोधित लिस्ट में वर्ग वार, जातिवार गड़बड़ी की गई। विकलांग के 5 पद में 4 पद ही भरे।

{ एसटी वर्ग की लिस्ट में चौथे स्थान पर वरीयता प्राप्त करने वाले उम्मीदवार का नाम ही नहीं था।

{ एससी पद के लिए 14 पद में से सिर्फ 10 की लिस्ट निकाली गई।

{ विधवा कोटे में भर्ती करने के बाद जनरल वर्ग महिला को भर्ती करना था। विधवा को ही नियुक्ति से वंचित रखा।

{ जिला परिषद सीईओ ने कोर्ट में जाने वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे दी जबकि उनसे अधिक पात्रता वाले अभी भी नियुक्ति से वंचित हैं।

{ कोर्ट के आदेश की आड़ में कई अयोग्य को नियुक्ति दी गई।

{ कोर्ट ने 25 महिलाओं को हटाने के आदेश दिए थे सीईओ ने 39 पुरुषों को नियुक्ति दे दी।

सीईओ शुक्रवार रात से जिला मुख्यालय से गायब

भास्करसंवाददाता | डूंगरपुर

शिक्षकभर्ती 2013 में संशोधित लिस्ट में गड़बड़ी मिलने के बाद शुक्रवार रात डेढ़ बजे कलेक्टर ने सूचियों को रद्द घोषित कर दिया। पूरे मामले में शुक्रवार रात को हंगामेदार घटनाक्रम चला।

जिला परिषद सीईओ परशुराम धानका की लापरवाही के कारण वंचित अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं मिल पा रही थी। जिसके कारण पंचायतीराज विभाग जयपुर के आदेश के बाद शुक्रवार को संशोधित लिस्ट निकालने के प्रयास किए थे। शुक्रवार शाम 4 बजे डूंगरपुर पहुंचे। जहां पर कलेक्टर के प्रतिनिधि के रूप में एडीएम विनय पाठक, जिला प्रमुख माधवलाल वरहात, डीईओ प्रारंभिक मणिलाल छगण की कमेटी ने लिस्ट तैयार करना शुरू किया। जिसमें खामियां मिली।

^जिलापरिषद सीईओ की ओर से लिस्ट में गड़बड़ी मिली है। इसके लिए संभागीय आयुक्त से बात कर उदयपुर जिला परिषद की टीम से सोमवार को पुन: लिस्ट तैयार की जाएगी। -राजेंद्र भट्ट, कलेक्टर

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