भास्कर संवाददाता | डूंगरपुर जिला परिषद में शिक्षक भर्ती 2013 के तहत नियुक्ति आदेश का इंतजार कर
रहे 86 अभ्यर्थियों को लेकर जिला परिषद में देररात सीईओ और एडीईओ सूचियां
बनाने की मशक्कत करते रहे।
लेकिन, अंतिम सूची जारी नहीं की। एक ओर जहां जिला परिषद कार्यालय में अंतिम सूचियों को जारी करने की मशक्कत में जुटे अधिकारी बैठे हुए थे, तो बाहर बाहर धरने पर अनशन कर रहे 86 अभ्यर्थी ठंड के मारे कंपकंपाते हुए सूचियों का इंतजार कर रहे थे।
हालांकि 86 में से 61 अभ्यर्थियों की सूची को अंतिम रूप दे दिया गया है, लेकिन 25 अन्य अभ्यर्थियों की सूची को लेकर जिला परिषद को राज्य सरकार से निर्देश नहीं मिले हैं। इस कारण अभी इन 25 को लेकर कोई भी कार्रवाई नहीं हो पाई है। गौरतलब है कि सीईओ परशुराम धानका पिछले दो दिनों से बाहर थे, वह शुक्रवार को ही डूंगरपुर पहुंचे थे। इसके बाद कलेक्टर राजेंद्र भट्ट के आदेश पर कार्रवाई करते हुए 61 अभ्यर्थियों की सूचियां बनाने पर कार्रवाई शुरू कर दी गई।
इनकाकहना है
^सूचियांतैयार करने का काम जारी है। तैयार होते ही सूची जारी कर देंगे। -मणिलालछगण, डीईओ
डूंगरपुर. देर रात कलेक्ट्री के बाहर धरने पर बैठे अभ्यर्थी, शिक्षक भर्ती 2013 में अभ्यर्थी कलेक्टर से नए दिशा-निर्देश पर चर्चा करते हुए।
अनशन में अन्य अभ्यर्थियों के साथ बैठी 25 महिला अभ्यर्थियों के मामले में अभी विधि और वित्त विभाग से स्वीकृति नहीं मिल पाई है। ये वह महिलाएं हैं, जिन्हें कोर्ट के आदेश पर नियुक्ति देनी है। दरअसल 2013 में जब भर्ती हुई थी, तब महिला आरक्षण के तहत 25 महिलाओं की सूची बनी थी, लेकिन तब जिला परिषद ने इन महिलाओं के नाम पुरुष वर्ग की सूची में डाल दिए थे। ऐसा करने के बाद पुरुष वर्ग की संख्या कम हो गई और मामला कोर्ट में चला गया। तब कोर्ट ने पहले मिलाकर सूची जारी करने के आदेश दिए। इसके बाद फिर से महिलाएं कोर्ट में चली गई और कहा कि ये गलती पंचायतीराज और जिला परिषद की है, हमारी गलती क्या है। इसके बाद कोर्ट ने महिलाओं के हक में निर्णय किया। ऐसे में इनकी नियुक्ति अटक गई। इस बीच सरकार की ओर से भी कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। इसी याचिका के कारण विधि विभाग से इन 25 महिलाओं की नियुक्ति आदेश और स्वीकृति अटक गई है। जबकि वित्त विभाग की ओर से एनओसी दे दी गई थी। फिलहाल इन 25 के मामले में पंचायतीराज ने आदेश दिया है कि कोर्ट का निर्णय आने के बाद ही आगे की प्रक्रिया की जाए। दूसरी ओर, सीईओ धानका को विशेष निर्देश देकर डूंगरपुर भेजा और वह 4 बजे यहां पर पहुंचे। इधर, कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने एडीएम विनय पाठक के मार्गदर्शन में कमेटी का गठन किया, जिसमें डीईओ मणिलाल छगन को भी शामिल किया। यही कमेटी देररात तक अन्य 61 अभ्यर्थियों की सूची जारी करने की मशक्कत करती रही।
लेकिन, अंतिम सूची जारी नहीं की। एक ओर जहां जिला परिषद कार्यालय में अंतिम सूचियों को जारी करने की मशक्कत में जुटे अधिकारी बैठे हुए थे, तो बाहर बाहर धरने पर अनशन कर रहे 86 अभ्यर्थी ठंड के मारे कंपकंपाते हुए सूचियों का इंतजार कर रहे थे।
हालांकि 86 में से 61 अभ्यर्थियों की सूची को अंतिम रूप दे दिया गया है, लेकिन 25 अन्य अभ्यर्थियों की सूची को लेकर जिला परिषद को राज्य सरकार से निर्देश नहीं मिले हैं। इस कारण अभी इन 25 को लेकर कोई भी कार्रवाई नहीं हो पाई है। गौरतलब है कि सीईओ परशुराम धानका पिछले दो दिनों से बाहर थे, वह शुक्रवार को ही डूंगरपुर पहुंचे थे। इसके बाद कलेक्टर राजेंद्र भट्ट के आदेश पर कार्रवाई करते हुए 61 अभ्यर्थियों की सूचियां बनाने पर कार्रवाई शुरू कर दी गई।
इनकाकहना है
^सूचियांतैयार करने का काम जारी है। तैयार होते ही सूची जारी कर देंगे। -मणिलालछगण, डीईओ
डूंगरपुर. देर रात कलेक्ट्री के बाहर धरने पर बैठे अभ्यर्थी, शिक्षक भर्ती 2013 में अभ्यर्थी कलेक्टर से नए दिशा-निर्देश पर चर्चा करते हुए।
अनशन में अन्य अभ्यर्थियों के साथ बैठी 25 महिला अभ्यर्थियों के मामले में अभी विधि और वित्त विभाग से स्वीकृति नहीं मिल पाई है। ये वह महिलाएं हैं, जिन्हें कोर्ट के आदेश पर नियुक्ति देनी है। दरअसल 2013 में जब भर्ती हुई थी, तब महिला आरक्षण के तहत 25 महिलाओं की सूची बनी थी, लेकिन तब जिला परिषद ने इन महिलाओं के नाम पुरुष वर्ग की सूची में डाल दिए थे। ऐसा करने के बाद पुरुष वर्ग की संख्या कम हो गई और मामला कोर्ट में चला गया। तब कोर्ट ने पहले मिलाकर सूची जारी करने के आदेश दिए। इसके बाद फिर से महिलाएं कोर्ट में चली गई और कहा कि ये गलती पंचायतीराज और जिला परिषद की है, हमारी गलती क्या है। इसके बाद कोर्ट ने महिलाओं के हक में निर्णय किया। ऐसे में इनकी नियुक्ति अटक गई। इस बीच सरकार की ओर से भी कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। इसी याचिका के कारण विधि विभाग से इन 25 महिलाओं की नियुक्ति आदेश और स्वीकृति अटक गई है। जबकि वित्त विभाग की ओर से एनओसी दे दी गई थी। फिलहाल इन 25 के मामले में पंचायतीराज ने आदेश दिया है कि कोर्ट का निर्णय आने के बाद ही आगे की प्रक्रिया की जाए। दूसरी ओर, सीईओ धानका को विशेष निर्देश देकर डूंगरपुर भेजा और वह 4 बजे यहां पर पहुंचे। इधर, कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने एडीएम विनय पाठक के मार्गदर्शन में कमेटी का गठन किया, जिसमें डीईओ मणिलाल छगन को भी शामिल किया। यही कमेटी देररात तक अन्य 61 अभ्यर्थियों की सूची जारी करने की मशक्कत करती रही।
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