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दस हजार मिडिल स्कूलों में एचएम नहीं

राज्यसरकार की ओर से माध्यमिक सेटअप की सरकारी स्कूलों में प्रमोशन और नई भर्ती से रिक्त पदों को भरने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर प्रारंभिक सेटअप की स्कूलों में 53 फीसदी प्रधानाध्यापकों के पद खाली होने पर भी इन्हें भरने के प्रयास नहीं हो रहे हैं। वर्तमान में राज्य की 10 हजार उच्च प्राथमिक स्कूलों में प्रधानाध्यापक नहीं है। विडंबना यह है कि विषयवार पद होने के बाद भी सरकार की ओर से इन स्कूलों के पदों को डीपीसी में शामिल नहीं किया जा रहा है। यहीं कारण है कि पदोन्नति होने के बाद भी प्रारंभिक सेटअप की स्कूलों में पद रिक्त रह रहे हैं। शिक्षा विभाग में हालही में सैकंड ग्रेड पदों पर हुई वर्ष 2017-18 की डीपीसी में आठ हजार से अधिक थर्ड ग्रेड टीचर्स का सैकंड ग्रेड पदों पर चयन हुआ है लेकिन इनका पदस्थापन माध्यमिक सेटअप की स्कूलों में होगा। एक ही विभाग में अलग-अलग नीति अपनाने से इसका असर नामांकन पर भी पड़ रहा है। जहां एक ओर माध्यमिक सेटअप की स्कूलों में बच्चों का नामांकन बढ़ रहा है। वहीं प्रारंभिक सेटअप की स्कूलों से बच्चे दूरी बना रहे हैं।

19,500 स्वीकृतपद

9,500कार्यरत

10,000खाली

^एक ही विभाग में अलग-अलग नियम होने से प्रारंभिक शिक्षा विभाग की स्कूलों को पदोन्नति से शिक्षक नहीं मिल रहे हैं। प्रारंभिक शिक्षा के पदों को पदोन्नति में शामिल करने के लिए संगठन स्तर पर शिक्षामंत्री को अवगत करवाया है। रविआचार्य, प्रदेश मंत्री, शिक्षक संघ शेखावत

^प्रारंभिकशिक्षा में प्रधानाध्यापक के पदों को विषयवार घोषित किया गया है। ऐसे में इन पदों को नई भर्ती और डीपीसी से भरा जाना चाहिए। -महेंद्रपांडे, महामंत्री, शिक्षक संघ प्राथमिक एवं माध्यमिक

^प्रारंभिकसेटअप में थर्ड ग्रेड टीचर्स के रिक्त पदों को नई भर्ती से भरा जाएगा। सैकंड ग्रेड के पदों को भरने के भी प्रयास होंगे। -नथमलडिडेल, निदेशक, प्रारंभिक शिक्षा

प्रमोशन में पद शामिल, मगर पदस्थापन में नहीं

माध्यमिकशिक्षा में प्रमोशन से विषयवार पदों को भरा जा रहा है। वहीं दूसरी ओर प्रारंभिक शिक्षा में संस्था प्रधान के विषयवार पद होने के बाद भी इनकी अनदेखी की जा रही है। प्रमोशन में प्रारंभिक शिक्षा विभाग से शिक्षक लिए तो जा रहे है, लेकिन प्रमोट शिक्षकों से केवल माध्यमिक सेटअप की स्कूलों के रिक्त पदों को भरा जा रहा है। जिससे प्रारंभिक शिक्षा विभाग की स्कूलें खाली हो रही है। वर्तमान में 50 हजार से अधिक थर्ड ग्रेड टीचर्स के पद प्राथमिक-उच्च प्राथमिक स्कूलों में खाली है। 

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