इसदौरान क्लक्ट्रेट पर सभाध्यक्ष हरीसिंह गुर्जर की अध्यक्षता में सभा
आयोजित की गई। उपस्थित पदाधिकारी को संबोधित करते हुये जिलाध्यक्ष राजेश
शर्मा ने कहा कि छठे वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर किए बिना यदि सातवें
वेतन आयोग लागू किया जाता है तो शिक्षकों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना
पड़ेगा
संघ ने सरकार से सभी कैडर के शिक्षकों की वेतन विसंगतियां को दूर किए जाने की मांग करते हुए केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई तिथि से ही सातवें वेतन आयोग को राज्य में लागू किये जाने की मांग की है। इस दौरान चंद्रशेखर शर्मा, मुन्नालाल तोमर, विजय सिंह राठौड़, उमेश कुमार कुशवाह, राजेंद्र प्रसाद शर्मा, भेदराम गौड़, विनोद अग्रवाल, राधेश्याम वर्मा, अलिंद चौहान, अवधेश सारस्वत, देवेंद्र त्यागी, मनोज झा, केशव देव शर्मा, केदार सिंह बघेल, सुनील गोयल, गोपाल सिंह पाल, संजीवबघेला, देवेंद्र कुशवाहा ने सभा को संबोधित किया। संचालन अनिल मिश्रा ने किया।
धौलपुर. कलेक्ट्रेट में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देने जाते संघ के पदाधिकारी
भास्कर संवाददाता | धौलपुर
राजस्थानशिक्षक एंव पंचायतीराज कर्मचारी संघ ने दीपावली पर सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, शिक्षक संवर्ग की वर्षों से जारी वेतन विसंगतियों को दूर करने, ग्रामीण परिक्षेत्र में पदस्थापित कर्मचारियों को विशेष ग्रामीण भत्ता देने तथा महिला कार्मिकों को चाइल्ड केयर लीव की सुविधा मुहैया कराये जाने जैसी शिक्षक कर्मचारियों की 7 सूत्रीय ज्वलंत समस्याओं का मांग पत्र मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपा। संघ के जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा की अगुवाई कलेक्टर शुचि त्यागी को प्रेषित ज्ञापन में लिखा है कि केंद्र सरकार सहित 20 राज्य सरकारों की ओर से कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ दिया जा चुका लेकिन राज्य सरकार की ओर से वेतनमान लागू करने में बेबजह देरी की जा रही है। जिससे कर्मचारियों में असंतोष बढता जा रहा है। जबकि वेतनमान निर्धारण के लिए बनी सामंत कमेटी की रिपोर्ट भी सरकार को प्राप्त हो चुकी है। लिहाजा दीपावली के त्योहार पर राज्य कर्मचारियों को केंद्र के समान एक जनवरी 2016 से सातवे वेतन आयोग का लाभ प्रदान किया जाए। इसी तरह पिछली वेतन विसंगति के चलते शिक्षकों को प्रतिमाह वेतन में दो से पांच हजार रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसी प्रकार नव पदोन्नत व्याख्याताओं को 18 हजार 750 के स्थान पर 16 हजार 860 रुपए दिया जा रहा है जबकि नई नियुक्ति से चयनित लेक्चरर को 18750 रुपए वेतन दिया जा रहा है। इसी तरह तृतीय श्रेणी शिक्षकों को भी ढाई हजार रुपये कम बेतन दिया जा रहा है। प्रवक्ता पवन मित्तल ने बताया कि इसके अलावा संघ ने मुख्यमंत्री से प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थितियों एंव सरकारी स्कूलों में संसाधनों की कमी को देखते हुए पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश की तरह राज्य के स्कूलों का समय पूर्व की भांति ग्रीष्मावकाश में 7 से 12 बजे तक तथा शीतकाल में 10 से 4 बजे तक निर्धारित कराते हुए स्कूलों का संचालन एक जुलाई से 15 मई तक रखे जाने की मांग की है। इस मौके पर प्रदीप राजपूत, बालकिशन शर्मा, सुनील कुमार, गौरव दुबे, मानसिंह चंदेला, जसवंत सिंह गुर्जर, प्रवीण वघेला, बृजेश पचौरी, अनिल शर्मा, मनीष गोयल, शशांक छारी, राजवीर सिंह, सत्यप्रकाश जगरिया, जगदीश यदुवंशी, रविकांत गुर्जर, दिनेश शर्मा सहित बड़ी संख्या में संघ के पदाधिकारी मौजूद थे।
संघ ने सरकार से सभी कैडर के शिक्षकों की वेतन विसंगतियां को दूर किए जाने की मांग करते हुए केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई तिथि से ही सातवें वेतन आयोग को राज्य में लागू किये जाने की मांग की है। इस दौरान चंद्रशेखर शर्मा, मुन्नालाल तोमर, विजय सिंह राठौड़, उमेश कुमार कुशवाह, राजेंद्र प्रसाद शर्मा, भेदराम गौड़, विनोद अग्रवाल, राधेश्याम वर्मा, अलिंद चौहान, अवधेश सारस्वत, देवेंद्र त्यागी, मनोज झा, केशव देव शर्मा, केदार सिंह बघेल, सुनील गोयल, गोपाल सिंह पाल, संजीवबघेला, देवेंद्र कुशवाहा ने सभा को संबोधित किया। संचालन अनिल मिश्रा ने किया।
धौलपुर. कलेक्ट्रेट में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देने जाते संघ के पदाधिकारी
भास्कर संवाददाता | धौलपुर
राजस्थानशिक्षक एंव पंचायतीराज कर्मचारी संघ ने दीपावली पर सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, शिक्षक संवर्ग की वर्षों से जारी वेतन विसंगतियों को दूर करने, ग्रामीण परिक्षेत्र में पदस्थापित कर्मचारियों को विशेष ग्रामीण भत्ता देने तथा महिला कार्मिकों को चाइल्ड केयर लीव की सुविधा मुहैया कराये जाने जैसी शिक्षक कर्मचारियों की 7 सूत्रीय ज्वलंत समस्याओं का मांग पत्र मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपा। संघ के जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा की अगुवाई कलेक्टर शुचि त्यागी को प्रेषित ज्ञापन में लिखा है कि केंद्र सरकार सहित 20 राज्य सरकारों की ओर से कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ दिया जा चुका लेकिन राज्य सरकार की ओर से वेतनमान लागू करने में बेबजह देरी की जा रही है। जिससे कर्मचारियों में असंतोष बढता जा रहा है। जबकि वेतनमान निर्धारण के लिए बनी सामंत कमेटी की रिपोर्ट भी सरकार को प्राप्त हो चुकी है। लिहाजा दीपावली के त्योहार पर राज्य कर्मचारियों को केंद्र के समान एक जनवरी 2016 से सातवे वेतन आयोग का लाभ प्रदान किया जाए। इसी तरह पिछली वेतन विसंगति के चलते शिक्षकों को प्रतिमाह वेतन में दो से पांच हजार रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसी प्रकार नव पदोन्नत व्याख्याताओं को 18 हजार 750 के स्थान पर 16 हजार 860 रुपए दिया जा रहा है जबकि नई नियुक्ति से चयनित लेक्चरर को 18750 रुपए वेतन दिया जा रहा है। इसी तरह तृतीय श्रेणी शिक्षकों को भी ढाई हजार रुपये कम बेतन दिया जा रहा है। प्रवक्ता पवन मित्तल ने बताया कि इसके अलावा संघ ने मुख्यमंत्री से प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थितियों एंव सरकारी स्कूलों में संसाधनों की कमी को देखते हुए पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश की तरह राज्य के स्कूलों का समय पूर्व की भांति ग्रीष्मावकाश में 7 से 12 बजे तक तथा शीतकाल में 10 से 4 बजे तक निर्धारित कराते हुए स्कूलों का संचालन एक जुलाई से 15 मई तक रखे जाने की मांग की है। इस मौके पर प्रदीप राजपूत, बालकिशन शर्मा, सुनील कुमार, गौरव दुबे, मानसिंह चंदेला, जसवंत सिंह गुर्जर, प्रवीण वघेला, बृजेश पचौरी, अनिल शर्मा, मनीष गोयल, शशांक छारी, राजवीर सिंह, सत्यप्रकाश जगरिया, जगदीश यदुवंशी, रविकांत गुर्जर, दिनेश शर्मा सहित बड़ी संख्या में संघ के पदाधिकारी मौजूद थे।
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