उदयवीरसिंह राजपुरोहित | पाली 2012 2013 तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में अधिकारियों द्वारा बड़े स्तर
की गई अनियमितताओं के चलते अभ्यर्थियों को 5 साल बाद भी शिक्षक बनने के लिए
इंतजार करना पड़ रहा है।
सरकारी सिस्टम की नाकामियों के चलते अभ्यर्थी 2012 के संशोधित परिणाम में मेरिट रहा है। तो 2013 की शिक्षक भर्ती में चयनित होने के बाद संशोधित परिणाम में मेरिट से बाहर हो रहा है। इसके चलते अभ्यर्थी 2012 की भर्ती का संशोधित परिणाम 2017 में आने के चलते ज्वांइन नहीं करता है। क्यूं कि वो 2013 की शिक्षक भर्ती में मेरिट में चयनित होता है। लेकिन हॉल में 2013 की भर्ती का संशोधित परिणाम जारी होने से 2013 की भर्ती से भी बाहर हो जाता है। 2012 में तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती आयोजित होने के बाद पेपर में हुई त्रुटि अन्य कारणों से यह भर्ती 2017 तक जाकर पूरी हुई। अभ्यर्थी गोविंदसिंह चंपावत 2012 शिक्षक भर्ती 0.38 नंबर से चयन से रह गया। इसके बाद 2013 की शिक्षक भर्ती में चयन हो गया। लेकिन 2012 की भर्ती का 2017 में जारी संशोधित परिणाम में गोविंदसिंह का चयन हो जाता है। अगस्त 2017 में 2013 की भी शिक्षक भर्ती का संशोधित परिणाम जारी होता है। इसमें गोविंदसिंह बाहर हो जाता है। इसके चलते वर्तमान में काफी तनाव का शिकार हो रहा है।
शिक्षक भर्ती 2013 : ढाईसाल नौकरी के बाद संशोधित परिणाम, मेरिट से हो गया बाहर
2013की शिक्षक भर्ती में गोविंदसिंह का चयन हो गया और उसे 2015 में मारवाड़ जंक्शन ब्लॉक में नियुक्ति मिल गई। यहां वह ढाई साल से सेवाएं दे रहे हैं। लेकिन हाल ही संशोधित परिणाम में गोविंदसिंह को मेरिट से बाहर कर दिया है। अब संकट यह है कि उसने 2012 की नौकरी का अवसर भी गंवा दिया तो 2013 की मेरिट से भी बाहर हो गया।
शिक्षक भर्ती 2012 : पहले0.38 नंबर से वंचित, 5 साल बाद जारी संशोधित परिणाम में 10 नंबर बढ़े
2012में जिला परिषदों के माध्यम से तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन हुआ। इसमें गोविंदसिंह चंपावत 0.38 नंबर से मेरिट में पिछड़ गया। इस पर अभ्यर्थी ने कोर्ट की शरण ली। इसकी 2017 तक सुनवाई चली। संशोधित परिणाम में उसके 10 नंबर बढ़े और मेरिट में गया। उसे इस मेरिट के आधार पर सोजत पंचायत समिति के पाचुंडा खुर्द में पदस्थापन भी मिला। लेकिन वह 2013 की भर्ती में चयनित था उसने ज्वाॅइन नहीं किया।
यह सिर्फ एक बेरोजगार की कहानी नहीं, और भी हैं गोविंद सिंह जैसे
सरकारीसिस्टम की नाकामी के चलते एक गोविंदसिंह के साथ ही ऐसा नहीं हुआ है। राजस्थान के सैकड़ों युवा शिक्षक भर्ती परीक्षा 2012 2013 के संशोधित परिणाम जारी होने के बाद नौकरी से वंचित हुए हैं।
ऐसे समझें एक लाइन में पूरी कहानी
{2012की शिक्षक भर्ती में गोविंदसिंह 0.38 नंबर से मेरिट में पिछड़ा। इस बीच 2013 की भर्ती परीक्षा दी और शिक्षक बन गया। वर्ष 2017 में शिक्षक भर्ती 2012 का संशोधित परिणाम जारी हुआ तो उसमें भी चयन हो गया। लेकिन चूंकि वह 2013 की भर्ती के आधार पर नौकरी कर रहा था तो उसने ज्वॉइन नहीं किया। अब वर्ष 2013 का संशोधित परिणाम जारी हुआ है। इसमें गोविंद सिंह बाहर हो गया। यानी 2012 की शिक्षक भर्ती से भी वंचित तो 2013 की से भी बाहर।
{इस हालात के लिए जिम्मेदार है सरकार, अगर समय पर पारदर्शिता से भर्ती प्रक्रिया पूरी होती तो 5 साल की नौकरी हो जाती गोविंदसिंह, उल्टा हो गया बेरोजगार
सरकारी सिस्टम की नाकामियों के चलते अभ्यर्थी 2012 के संशोधित परिणाम में मेरिट रहा है। तो 2013 की शिक्षक भर्ती में चयनित होने के बाद संशोधित परिणाम में मेरिट से बाहर हो रहा है। इसके चलते अभ्यर्थी 2012 की भर्ती का संशोधित परिणाम 2017 में आने के चलते ज्वांइन नहीं करता है। क्यूं कि वो 2013 की शिक्षक भर्ती में मेरिट में चयनित होता है। लेकिन हॉल में 2013 की भर्ती का संशोधित परिणाम जारी होने से 2013 की भर्ती से भी बाहर हो जाता है। 2012 में तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती आयोजित होने के बाद पेपर में हुई त्रुटि अन्य कारणों से यह भर्ती 2017 तक जाकर पूरी हुई। अभ्यर्थी गोविंदसिंह चंपावत 2012 शिक्षक भर्ती 0.38 नंबर से चयन से रह गया। इसके बाद 2013 की शिक्षक भर्ती में चयन हो गया। लेकिन 2012 की भर्ती का 2017 में जारी संशोधित परिणाम में गोविंदसिंह का चयन हो जाता है। अगस्त 2017 में 2013 की भी शिक्षक भर्ती का संशोधित परिणाम जारी होता है। इसमें गोविंदसिंह बाहर हो जाता है। इसके चलते वर्तमान में काफी तनाव का शिकार हो रहा है।
शिक्षक भर्ती 2013 : ढाईसाल नौकरी के बाद संशोधित परिणाम, मेरिट से हो गया बाहर
2013की शिक्षक भर्ती में गोविंदसिंह का चयन हो गया और उसे 2015 में मारवाड़ जंक्शन ब्लॉक में नियुक्ति मिल गई। यहां वह ढाई साल से सेवाएं दे रहे हैं। लेकिन हाल ही संशोधित परिणाम में गोविंदसिंह को मेरिट से बाहर कर दिया है। अब संकट यह है कि उसने 2012 की नौकरी का अवसर भी गंवा दिया तो 2013 की मेरिट से भी बाहर हो गया।
शिक्षक भर्ती 2012 : पहले0.38 नंबर से वंचित, 5 साल बाद जारी संशोधित परिणाम में 10 नंबर बढ़े
2012में जिला परिषदों के माध्यम से तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन हुआ। इसमें गोविंदसिंह चंपावत 0.38 नंबर से मेरिट में पिछड़ गया। इस पर अभ्यर्थी ने कोर्ट की शरण ली। इसकी 2017 तक सुनवाई चली। संशोधित परिणाम में उसके 10 नंबर बढ़े और मेरिट में गया। उसे इस मेरिट के आधार पर सोजत पंचायत समिति के पाचुंडा खुर्द में पदस्थापन भी मिला। लेकिन वह 2013 की भर्ती में चयनित था उसने ज्वाॅइन नहीं किया।
यह सिर्फ एक बेरोजगार की कहानी नहीं, और भी हैं गोविंद सिंह जैसे
सरकारीसिस्टम की नाकामी के चलते एक गोविंदसिंह के साथ ही ऐसा नहीं हुआ है। राजस्थान के सैकड़ों युवा शिक्षक भर्ती परीक्षा 2012 2013 के संशोधित परिणाम जारी होने के बाद नौकरी से वंचित हुए हैं।
ऐसे समझें एक लाइन में पूरी कहानी
{2012की शिक्षक भर्ती में गोविंदसिंह 0.38 नंबर से मेरिट में पिछड़ा। इस बीच 2013 की भर्ती परीक्षा दी और शिक्षक बन गया। वर्ष 2017 में शिक्षक भर्ती 2012 का संशोधित परिणाम जारी हुआ तो उसमें भी चयन हो गया। लेकिन चूंकि वह 2013 की भर्ती के आधार पर नौकरी कर रहा था तो उसने ज्वॉइन नहीं किया। अब वर्ष 2013 का संशोधित परिणाम जारी हुआ है। इसमें गोविंद सिंह बाहर हो गया। यानी 2012 की शिक्षक भर्ती से भी वंचित तो 2013 की से भी बाहर।
{इस हालात के लिए जिम्मेदार है सरकार, अगर समय पर पारदर्शिता से भर्ती प्रक्रिया पूरी होती तो 5 साल की नौकरी हो जाती गोविंदसिंह, उल्टा हो गया बेरोजगार
No comments:
Post a Comment