जयपुर। राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव ने कहा की आजादी के समय देश का संविधान निर्माण करते समय नागरिकों को मौलिक अधिकार प्रदान किया गया था।
परन्तु वर्तमान सरकारों ने नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन करते हुये शिक्षा , चिकित्सा , परिवहन , पर्यटन , पशु चिकित्सा , विधुत वितरण जैसी लोक कल्याणकारी सेवाओं को निजी हाथों में सौपकर फिर देश को अप्रत्यक्ष रूप से कंपनियों के एवं धनकुबेरों के हाथों में सौपने को काम कर रही है।
जहाँ एक और निजीकरण से रोजगार के अवसर घटेंगे वही दूसरी और शिक्षित बेरोजगार का शोषण होगा। और अपने चहेतों को लाभ देने के लिए स्कूलों का निजीकरण किया जा रहा है। बी. एस. टी.सी. व बी. एड. में इंटर्नशीप के माध्यम से प्रशिक्षणार्थियों का शोषण बंद किया जाये एवं नियमों में बदलाव करके राहत प्रदान करावे। राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ की ओर से स्कूलों को पीपीपी मोड पर देने के फैसले को नहीं बदला तो बेरोजगार 2 अक्टूबर को अजमेर बेरोजगार क्रांति की शुरुआत करेंगे। स्कूलो को पीपीपी मोड पर देना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।
महासभा कि ओर से आज एक प्रेस कांफ़्रेंस का आयोजन किया गया जहाँ महासभा के अध्यक्ष उपेन यादव ने मीडिया से रुबरु होते हुए बताया कि सरकार द्वारा बहुत सारी भर्तियां लम्बित पडी है जिससे प्रदेश के हजारो बेरोजगार नौकरी की राह ताक रहे है ! लेकिन सरकार टस से मस नही हो रही है। उपेन यादव ने बताया कि प्रदेश मे लगभग 70 हजार पद खाली है इसलिए सरकार जल्द से जल्द लम्बित भर्तीयो पर विज्ञप्ति जारी करे व लम्बित भर्तीयो को जल्द से जल्द पुरा करे जिनमे प्रमुख रुप से तृतीय , द्वितीय ,व प्रथम श्रेणी शिक्षक भर्ती, पटवार, विद्यालय सहायक, प्रयोगशाला सहायक, एल. डी. सी. ,पुलिस एस.आई. आदि भर्तीयाँ है।
#शिक्षा बोर्ड,#लापरवाही,#जोधपुर हाईकोर्ट,#रीट प्रथम लेवल,#निलंबित,#बेरोज़गारो,#उपेन यादव,## Education Board, # Lakharwahi, #Jodhpur High Court, # Rit First Level, # Suspended # Unemployed, # Upen Yadav, #
गौरतलब है कि अजमेर मे आगामी उपचुनाव को देखते हुए सरकार ने आनन- फानन मे 25,000 तृतीय श्रेणी शिक्षको की भर्ती करने की घोषणा कर दी है ताकी 2 अक्टूबर को प्रस्तावित महासभा स्थगित की जा सके। लेकिन महासभा का घर घर जाकर सरकार के खिलाफ प्रचार करने की योजना है।
परन्तु वर्तमान सरकारों ने नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन करते हुये शिक्षा , चिकित्सा , परिवहन , पर्यटन , पशु चिकित्सा , विधुत वितरण जैसी लोक कल्याणकारी सेवाओं को निजी हाथों में सौपकर फिर देश को अप्रत्यक्ष रूप से कंपनियों के एवं धनकुबेरों के हाथों में सौपने को काम कर रही है।
जहाँ एक और निजीकरण से रोजगार के अवसर घटेंगे वही दूसरी और शिक्षित बेरोजगार का शोषण होगा। और अपने चहेतों को लाभ देने के लिए स्कूलों का निजीकरण किया जा रहा है। बी. एस. टी.सी. व बी. एड. में इंटर्नशीप के माध्यम से प्रशिक्षणार्थियों का शोषण बंद किया जाये एवं नियमों में बदलाव करके राहत प्रदान करावे। राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ की ओर से स्कूलों को पीपीपी मोड पर देने के फैसले को नहीं बदला तो बेरोजगार 2 अक्टूबर को अजमेर बेरोजगार क्रांति की शुरुआत करेंगे। स्कूलो को पीपीपी मोड पर देना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।
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गौरतलब है कि अजमेर मे आगामी उपचुनाव को देखते हुए सरकार ने आनन- फानन मे 25,000 तृतीय श्रेणी शिक्षको की भर्ती करने की घोषणा कर दी है ताकी 2 अक्टूबर को प्रस्तावित महासभा स्थगित की जा सके। लेकिन महासभा का घर घर जाकर सरकार के खिलाफ प्रचार करने की योजना है।
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