राजसमंद. तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2013 संशोधित
परिणाम एवं आरटेट में 60 प्रतिशत से कम अंक वाले चयनित अभ्यर्थियों की
काउंसलिंग बुधवार को पद कम होने के कारण नहीं हुई, और उन्हें निराश होना
पड़ा।
इस पर अभ्यर्थियों ने अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर काटे एवं ज्ञापन देकर शीघ्र नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की मांग की।
जिले से गणित विज्ञान में 44 अभ्यर्थियों का चयन हुआ। चयनित अभ्यर्थियों को 20 सितम्बर बुधवार को जिला परिषद में काउंसलिंग कर विद्यालय आवंटन होना था, लेकिन 19 सितम्बर मंगलवार को शाम 6 बजे प्रारम्भिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा गणित विज्ञान के चयनित अभ्यर्थियों को फोन कर काउंसलिंग निरस्त होने की सूचना दी। इसके बावजूद बुधवार को 9 बजे करीब सभी अभ्यर्थी जिला परिषद पहुंच गए। अभ्यर्थियों ने काउसलिंग निरस्त होने का कारण जानना चाहा तो जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक ने गणित विज्ञान में 30 पद ही रिक्त होने एवं चयनित अभ्यर्थियों की संख्या 44 होने से पदों के अभाव में काउंसलिंग निरस्त करने की सूचना दी। फिर चयनित अभ्यर्थियों ने जिला शिक्षा अधिकारी प्राथमिक, मुख्यकार्यकारी अधिकारी जिला परिषद, जिला कलक्टर, उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी को ज्ञापन देकर काउंसलिंग राज्य सरकार के आदेशानुसार जारी कलेण्डर के अनुसार 25 सितम्बर तक पूरी कर ब्लॉक व विद्यालय आवंटित करके पद स्थापन करने की मांग की। हालांकि इस दौरान अधिकारियों ने अभ्यर्थियों को कोरा आश्वासन दिया।
चार साल से कर रहे संर्घष
तृतीय श्रेणी भर्ती परीक्षा 2013 की विज्ञप्ति में आरटेट में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को प्राप्तांकों में दी गई छूट के विरोध में कुछ अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट में वाद दायर किया। हाई कोर्ट के निर्णय को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। इस मामले की सुप्रीम कोर्ट में लम्बी सुनवाई के बाद गत वर्ष 18 अक्टूम्बर को कोर्ट ने अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला दिया। इसके बाद कुछ प्रश्नों के उत्तर पर आपत्ति होने पर हाई कार्ट ने संशोधित परिणाम जारी करने की आदेश दिए। विभाग द्वारा अगस्त माह में संशोधित परिणाम जारी करने के बाद 28 एवं 29 अगस्त को अभ्यर्थियों के दस्तावेज की जांच की तथा पात्र अभ्यर्थियों को 19 व 20 सितम्बर को काउसलिंग के माध्यम से विद्यालय आवटंन करना था।
चयन से पहले क्यों नहीं पदों का मूल्यांकन
विभाग द्वारा अभ्यर्थियों का अंतिम चयन करने के बाद प्रत्येक विषय में अभ्यर्थियों की संख्या के बराबर रिक्त पदों का गणित जारी किया गया। लेकिन गणित विज्ञान में चयनित अभ्यर्थियों के बराबर पद रिक्त ही नहीं थे फिर भी विभाग ने काउंसलिंग की सूचना जारी कर दी। ऐसे में विभाग की कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा होता है। हालांकि विभाग ने काउंसलिंग शुरू होने के 16 घण्टे पूर्व अभ्यर्थियों को गणित विज्ञान की काउंसलिंक निरस्त होने की सूचना दूरभाष पर दी।
विद्यालय मिला, पदस्थापन शेष
विभाग की ओर से 19 सितम्बर को लेवल प्रथम एवं 20 सितम्बर को हिन्दी, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान, संस्कृत व उर्दू विषयों की काउंसलिंग कर विद्यालय आवंटित किए गए। लेकिन गणित विज्ञान की काउंसलिंग निरस्त होने से अन्य अभ्यर्थियों को भी विद्यालय में पदस्थापन नहीं दिया जाएगा। जिससे उन्हे नौकरी के लिए और इंतजार करना पड़ेगा।
इस पर अभ्यर्थियों ने अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर काटे एवं ज्ञापन देकर शीघ्र नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की मांग की।
जिले से गणित विज्ञान में 44 अभ्यर्थियों का चयन हुआ। चयनित अभ्यर्थियों को 20 सितम्बर बुधवार को जिला परिषद में काउंसलिंग कर विद्यालय आवंटन होना था, लेकिन 19 सितम्बर मंगलवार को शाम 6 बजे प्रारम्भिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा गणित विज्ञान के चयनित अभ्यर्थियों को फोन कर काउंसलिंग निरस्त होने की सूचना दी। इसके बावजूद बुधवार को 9 बजे करीब सभी अभ्यर्थी जिला परिषद पहुंच गए। अभ्यर्थियों ने काउसलिंग निरस्त होने का कारण जानना चाहा तो जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक ने गणित विज्ञान में 30 पद ही रिक्त होने एवं चयनित अभ्यर्थियों की संख्या 44 होने से पदों के अभाव में काउंसलिंग निरस्त करने की सूचना दी। फिर चयनित अभ्यर्थियों ने जिला शिक्षा अधिकारी प्राथमिक, मुख्यकार्यकारी अधिकारी जिला परिषद, जिला कलक्टर, उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी को ज्ञापन देकर काउंसलिंग राज्य सरकार के आदेशानुसार जारी कलेण्डर के अनुसार 25 सितम्बर तक पूरी कर ब्लॉक व विद्यालय आवंटित करके पद स्थापन करने की मांग की। हालांकि इस दौरान अधिकारियों ने अभ्यर्थियों को कोरा आश्वासन दिया।
चार साल से कर रहे संर्घष
तृतीय श्रेणी भर्ती परीक्षा 2013 की विज्ञप्ति में आरटेट में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को प्राप्तांकों में दी गई छूट के विरोध में कुछ अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट में वाद दायर किया। हाई कोर्ट के निर्णय को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। इस मामले की सुप्रीम कोर्ट में लम्बी सुनवाई के बाद गत वर्ष 18 अक्टूम्बर को कोर्ट ने अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला दिया। इसके बाद कुछ प्रश्नों के उत्तर पर आपत्ति होने पर हाई कार्ट ने संशोधित परिणाम जारी करने की आदेश दिए। विभाग द्वारा अगस्त माह में संशोधित परिणाम जारी करने के बाद 28 एवं 29 अगस्त को अभ्यर्थियों के दस्तावेज की जांच की तथा पात्र अभ्यर्थियों को 19 व 20 सितम्बर को काउसलिंग के माध्यम से विद्यालय आवटंन करना था।
चयन से पहले क्यों नहीं पदों का मूल्यांकन
विभाग द्वारा अभ्यर्थियों का अंतिम चयन करने के बाद प्रत्येक विषय में अभ्यर्थियों की संख्या के बराबर रिक्त पदों का गणित जारी किया गया। लेकिन गणित विज्ञान में चयनित अभ्यर्थियों के बराबर पद रिक्त ही नहीं थे फिर भी विभाग ने काउंसलिंग की सूचना जारी कर दी। ऐसे में विभाग की कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा होता है। हालांकि विभाग ने काउंसलिंग शुरू होने के 16 घण्टे पूर्व अभ्यर्थियों को गणित विज्ञान की काउंसलिंक निरस्त होने की सूचना दूरभाष पर दी।
विद्यालय मिला, पदस्थापन शेष
विभाग की ओर से 19 सितम्बर को लेवल प्रथम एवं 20 सितम्बर को हिन्दी, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान, संस्कृत व उर्दू विषयों की काउंसलिंग कर विद्यालय आवंटित किए गए। लेकिन गणित विज्ञान की काउंसलिंग निरस्त होने से अन्य अभ्यर्थियों को भी विद्यालय में पदस्थापन नहीं दिया जाएगा। जिससे उन्हे नौकरी के लिए और इंतजार करना पड़ेगा।
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