भास्कर संवाददाता | डूंगरपुर राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से बारहवीं कला वर्ग का परिणाम
शनिवार को जारी हुआ। जिले का परीक्षा परिणाम 86.92 प्रतिशत रहा जो पिछले
साल की अपेक्षा 5.2 प्रतिशत ज्यादा है।
साइंस और कॉमर्स का परीक्षा परिणाम भी पिछले साल से बेहतर था। परीक्षा परिणाम में सुधार से शिक्षा विभाग में उत्साह है। हालांकि राज्य की स्थिति देखें तो हम टॉप टेन में भी नहीं हैं। राज्य में हम 26वें स्थान पर रहे हैं।
जिले के परिणाम की खास बात यह है कि इस बार भी 90 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या में इजाफा हुआ है। कला वर्ग में छात्रों की अपेक्षा छात्राएं ज्यादा परीक्षा में बैठी थी। इस वर्ष भी बालिकाओं का टोटल प्रतिशत बढ़ा है।हालांकि हाल में आए विज्ञान वर्ग के परीक्षा परिणाम पर नजर डालें तो वहां बच्चों ने ज्यादा मेहनत की है। विज्ञान वर्ग में टॉप रही छात्रा ने 98.40 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे।
अबमिले उचित मार्गदर्शन
सेवानिवृत्तप्रधानाचार्य करुणाशंकर जोशी ने बताया कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का प्रोत्साहन है। कला वर्ग में होनहार बच्चों के लिए कॅरिअर की बहुत संभावना है।
ग्रेजुएशन के बाद प्रशासनिक सेवा, आरपीएससी के पद, कॉलेज प्रोफेसर, लिपिक वर्ग, रेलवे नौकरियां, बैकिंग सेक्टर और विषय विशेषज्ञ बनकर अपना कॅरिअर अच्छा बना सकते हैं। इसके लिए इन होनहार बच्चों को अच्छा मार्गदर्शन चाहिए। जिन बच्चों की आर्थिक स्थिति ठीक है, वह दिल्ली और बड़े शहरों में कोचिंग लेकर बड़े एग्जाम की तैयार भी कर सकते हैं। बीएड, एसटीसी के अलावा भी कई अच्छे विकल्प मौजूद हैं, जो कला वर्ग के विद्यार्थियों के लिए लाभकारी होते हैं।
प्रथम श्रेणी 1508
द्वितीय श्रेणी 4296
तृतीय श्रेणी 433
पास ---
कुल 6227
प्रतिशत 86.38
प्रथम श्रेणी 1062
द्वितीय श्रेणी 3591
तृतीय श्रेणी 349
पास 001
कुल 5003
प्रतिशत 87.60
परीक्षा में बैठे विद्यार्थी- 12920
कुलपरीक्षा छात्र- 5711
कुलपरीक्षा छात्रा-7200
परिणाम के बारे में यह भी जानें
{गतवर्ष से प्रथम श्रेणी में 584 छात्र पास हुए। ये आंकड़ा इस वर्ष 1062 तक पहुंच गया है।
{ इसी प्रकार छात्रों का गत वर्ष 82.97 रिजल्ट था जो इस वर्ष बढ़कर 87.60 हो गया। कुल 4.63 बढ़ा है।
{छात्राओं ने मेहनत ज्यादा की है। गत वर्ष 81.13 प्रतिशत से बढ़कर 86.38 हो गया है।
साइंस और कॉमर्स का परीक्षा परिणाम भी पिछले साल से बेहतर था। परीक्षा परिणाम में सुधार से शिक्षा विभाग में उत्साह है। हालांकि राज्य की स्थिति देखें तो हम टॉप टेन में भी नहीं हैं। राज्य में हम 26वें स्थान पर रहे हैं।
जिले के परिणाम की खास बात यह है कि इस बार भी 90 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या में इजाफा हुआ है। कला वर्ग में छात्रों की अपेक्षा छात्राएं ज्यादा परीक्षा में बैठी थी। इस वर्ष भी बालिकाओं का टोटल प्रतिशत बढ़ा है।हालांकि हाल में आए विज्ञान वर्ग के परीक्षा परिणाम पर नजर डालें तो वहां बच्चों ने ज्यादा मेहनत की है। विज्ञान वर्ग में टॉप रही छात्रा ने 98.40 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे।
अबमिले उचित मार्गदर्शन
सेवानिवृत्तप्रधानाचार्य करुणाशंकर जोशी ने बताया कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का प्रोत्साहन है। कला वर्ग में होनहार बच्चों के लिए कॅरिअर की बहुत संभावना है।
ग्रेजुएशन के बाद प्रशासनिक सेवा, आरपीएससी के पद, कॉलेज प्रोफेसर, लिपिक वर्ग, रेलवे नौकरियां, बैकिंग सेक्टर और विषय विशेषज्ञ बनकर अपना कॅरिअर अच्छा बना सकते हैं। इसके लिए इन होनहार बच्चों को अच्छा मार्गदर्शन चाहिए। जिन बच्चों की आर्थिक स्थिति ठीक है, वह दिल्ली और बड़े शहरों में कोचिंग लेकर बड़े एग्जाम की तैयार भी कर सकते हैं। बीएड, एसटीसी के अलावा भी कई अच्छे विकल्प मौजूद हैं, जो कला वर्ग के विद्यार्थियों के लिए लाभकारी होते हैं।
प्रथम श्रेणी 1508
द्वितीय श्रेणी 4296
तृतीय श्रेणी 433
पास ---
कुल 6227
प्रतिशत 86.38
प्रथम श्रेणी 1062
द्वितीय श्रेणी 3591
तृतीय श्रेणी 349
पास 001
कुल 5003
प्रतिशत 87.60
परीक्षा में बैठे विद्यार्थी- 12920
कुलपरीक्षा छात्र- 5711
कुलपरीक्षा छात्रा-7200
परिणाम के बारे में यह भी जानें
{गतवर्ष से प्रथम श्रेणी में 584 छात्र पास हुए। ये आंकड़ा इस वर्ष 1062 तक पहुंच गया है।
{ इसी प्रकार छात्रों का गत वर्ष 82.97 रिजल्ट था जो इस वर्ष बढ़कर 87.60 हो गया। कुल 4.63 बढ़ा है।
{छात्राओं ने मेहनत ज्यादा की है। गत वर्ष 81.13 प्रतिशत से बढ़कर 86.38 हो गया है।
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