अलवर. निजी स्कूलों में
मनमानी फीस वसूलने सहित अन्य अनियमिताओं को लेकर प्रशासन गम्भीर हो गया है।
शिक्षा विभाग की ओर से गठित 6 टीमों ने शहर के 6 प्रतिष्ठित निजी स्कूलों
की सघनता से जांच की। जिसमें इन स्कूलों की फीस, किताबों और अन्य शिक्षण
सामग्री के बारे में जानकारी ली।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों को किताब, ड्रेस और फीस में अनियमिताएं मिली हैं। आरटीई के प्रभारी और जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक रोहिताश मित्तल ने राजस्थान पत्रिका में प्राइवेट स्कूलों में अनियमिताओं के मामले में शृंखलाबद्ध समाचार प्रकाशित होने के बाद जांच टीमों का गठन किया।
टीम ने जांच में पाया कि अधिकतर निजी स्कूलों ने मनमर्जी से किताबें व अन्य सामग्री चला रखी हैं। शिक्षण सामग्री के लिए एक दुकान निर्धारित कर रखी हैं। कई पुस्तकों की कीमतें तो काफी अधिक है। निजी स्कूलों ने अभिभावकों से बिना मीटिंग के 10 प्रतिशत से अधिक फीस बढ़ा दी है। इस टीम की रिपोर्ट जिला कलक्टर को दी जाएगी।
टीम ने शहर के प्रतिष्ठित विद्यालय अलवर पब्लिक स्कूल, माउंट लिटरा स्कूल, सिल्वर ओक, सेंट एंसलम, चिनार और स्टेप बाई स्टेप की जांच की। टीम ने सभी कक्षाओं में जाकर नोट बुक और किताबों के प्रकाशन और उनकी कीमत की जानकारी ली।
यहां विद्यार्थी और अभिभावकों के बयान लिए। विद्यार्थियों से यह भी जानकारी ली गई कि उन्हें स्कूल की सामग्री कहां से मिलती है और कौन सी दुकान निर्धारित है। टीम ने यहां आए कई अभिभावकों से लिखित में बयान भी लिए।
एक साथ जांच
कार्रवाई को पूरी तरह गोपनीय रखा गया। इस कार्रवाई का समय पूरी तरह एक निर्धारित किया गया जो सुबह 8 बजकर 40 मिनट पर स्कूल में पहुंचना था। इस दौरान सभी अधिकारी और टीम इन स्कूलों में पहुंच गेयह टीम सुबह स्कूल खुलने के बाद अलवर शहर के 6 प्रमुख प्राइवेट स्कूलों में पहुंची। इन स्कूलों में पहुंची टीम ने इन विद्यालयों की कक्षाओं में जाकर विद्यार्थियों की किताबें तथा कॉपियों को देखा।
इन टीमों ने फीस के बारे में जनकारी ली। इस आकस्मिक निरीक्षण से प्राइवेट स्कूलो में हडकम्प मच गया। पत्रिका ने अभियान चलाया तो चेता प्रशासन- राजस्थान पत्रिका ने महंगाई के बोझ में नौनिहालों का भविष्य मे ं प्रमुखता से शृंखलाबद्ध रूप से समाचार प्रकाशित किए।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों को किताब, ड्रेस और फीस में अनियमिताएं मिली हैं। आरटीई के प्रभारी और जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक रोहिताश मित्तल ने राजस्थान पत्रिका में प्राइवेट स्कूलों में अनियमिताओं के मामले में शृंखलाबद्ध समाचार प्रकाशित होने के बाद जांच टीमों का गठन किया।
टीम ने जांच में पाया कि अधिकतर निजी स्कूलों ने मनमर्जी से किताबें व अन्य सामग्री चला रखी हैं। शिक्षण सामग्री के लिए एक दुकान निर्धारित कर रखी हैं। कई पुस्तकों की कीमतें तो काफी अधिक है। निजी स्कूलों ने अभिभावकों से बिना मीटिंग के 10 प्रतिशत से अधिक फीस बढ़ा दी है। इस टीम की रिपोर्ट जिला कलक्टर को दी जाएगी।
टीम ने शहर के प्रतिष्ठित विद्यालय अलवर पब्लिक स्कूल, माउंट लिटरा स्कूल, सिल्वर ओक, सेंट एंसलम, चिनार और स्टेप बाई स्टेप की जांच की। टीम ने सभी कक्षाओं में जाकर नोट बुक और किताबों के प्रकाशन और उनकी कीमत की जानकारी ली।
यहां विद्यार्थी और अभिभावकों के बयान लिए। विद्यार्थियों से यह भी जानकारी ली गई कि उन्हें स्कूल की सामग्री कहां से मिलती है और कौन सी दुकान निर्धारित है। टीम ने यहां आए कई अभिभावकों से लिखित में बयान भी लिए।
एक साथ जांच
कार्रवाई को पूरी तरह गोपनीय रखा गया। इस कार्रवाई का समय पूरी तरह एक निर्धारित किया गया जो सुबह 8 बजकर 40 मिनट पर स्कूल में पहुंचना था। इस दौरान सभी अधिकारी और टीम इन स्कूलों में पहुंच गेयह टीम सुबह स्कूल खुलने के बाद अलवर शहर के 6 प्रमुख प्राइवेट स्कूलों में पहुंची। इन स्कूलों में पहुंची टीम ने इन विद्यालयों की कक्षाओं में जाकर विद्यार्थियों की किताबें तथा कॉपियों को देखा।
इन टीमों ने फीस के बारे में जनकारी ली। इस आकस्मिक निरीक्षण से प्राइवेट स्कूलो में हडकम्प मच गया। पत्रिका ने अभियान चलाया तो चेता प्रशासन- राजस्थान पत्रिका ने महंगाई के बोझ में नौनिहालों का भविष्य मे ं प्रमुखता से शृंखलाबद्ध रूप से समाचार प्रकाशित किए।
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