जयपुर। प्राइवेट स्कूलों के शिक्षक और शिक्षिकाओं की
तरह ही अब सरकारी टीचर भी एक समान ड्रेस में नजर आएंगे। शिक्षा विभाग ऐसा
ही कुछ लागू करने की सोच रहा है।
इसमें शिक्षिकाओं को नीले रंग की लहरिया साड़ी और शिक्षकों के लिए भूरे या काले रंग की पैंट और हल्के गुलाबी रंग या आसमानी रंग की शर्ट ड्रेस कोड के रूप में लागू की जा सकती है।
मंगलवार को सचिवालय में हुई ड्रेस निर्धारण कमेटी की बैठक में मौजूद शिक्षा अधिकारियों ने शिक्षक और शिक्षिकाओं के लिए यह ड्रेस कोड तय करने के सुझाव दिए, जिनकी जल्द ही रिपोर्ट बनाकर सरकार के पास स्वीकृति के लिए भेजी जाएगी।
इस दौरान अलग-अलग रंग के सैंपल देखकर गहनता से विचार-विमर्श किया गया। उसके बाद शिक्षिकाओं के लिए नीली लहरिया साड़ी, शिक्षकों के लिए भूरे-काले रंग पैंट और हल्के गुलाबी-आसमानी रंग की शर्ट पर सहमति बनी। शारीरिक शिक्षकों के लिए ट्रैकशूट का प्रस्ताव दिया गया।
यह भी माना गया कि शिक्षकों के लिए ड्रेस लागू करना अच्छा कदम है। इससे सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को अपनी एक अलग पहचान मिलेगी। शिक्षकों के साथ-साथ हैडमास्टर और प्रिंसिपलों को भी भविष्य में ड्रेस कोड के दायरे में लिया जाएगा।
इसमें शिक्षिकाओं को नीले रंग की लहरिया साड़ी और शिक्षकों के लिए भूरे या काले रंग की पैंट और हल्के गुलाबी रंग या आसमानी रंग की शर्ट ड्रेस कोड के रूप में लागू की जा सकती है।
मंगलवार को सचिवालय में हुई ड्रेस निर्धारण कमेटी की बैठक में मौजूद शिक्षा अधिकारियों ने शिक्षक और शिक्षिकाओं के लिए यह ड्रेस कोड तय करने के सुझाव दिए, जिनकी जल्द ही रिपोर्ट बनाकर सरकार के पास स्वीकृति के लिए भेजी जाएगी।
इस दौरान अलग-अलग रंग के सैंपल देखकर गहनता से विचार-विमर्श किया गया। उसके बाद शिक्षिकाओं के लिए नीली लहरिया साड़ी, शिक्षकों के लिए भूरे-काले रंग पैंट और हल्के गुलाबी-आसमानी रंग की शर्ट पर सहमति बनी। शारीरिक शिक्षकों के लिए ट्रैकशूट का प्रस्ताव दिया गया।
यह भी माना गया कि शिक्षकों के लिए ड्रेस लागू करना अच्छा कदम है। इससे सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को अपनी एक अलग पहचान मिलेगी। शिक्षकों के साथ-साथ हैडमास्टर और प्रिंसिपलों को भी भविष्य में ड्रेस कोड के दायरे में लिया जाएगा।
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