टोंक । टोंक. माध्यमिक शिक्षा विभाग के दो दर्जन सहायक कर्मचारियों की पदोन्नति पर अधिकारी कुण्डली मारे बैठे हैं। चौकाने वाली बात यह है कि इनमें तीन कर्मचारी तो पदोन्नति का स्वाद पाने से पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
जिले के माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से विद्यालयों में कार्यरत 24 सहायक कर्मियों को 31 जुलाई 2013 को पदोन्नति के आदेश जारी किए थे। कर्मचारी पदोन्नत होते इससे पहले ही विभाग की ओर से कम्प्यूटर डिप्लोमा नहीं किए जाने की कहकर पदोन्नति आदेश स्थगित कर दिए। इससे नाराज सभी सहायक कर्मियों ने न्यायालय की शरण ले ली। न्यायालय के निर्देश पर शिक्षा निदेशालय ने फिर से सभी कर्मचारियों को पदोन्नत किए जाने के जिला शिक्षा अधिकारी को आदेश दिए हैं।
ऊम निवासी बाबूलाल शर्मा ने बताया कि निदेशालय की ओर से उन्हें पदोन्नत करने के लिए तीन बार आदेश जारी करने के बावजूद विभाग की ओर से उन्हें पदान्नति नहीं दी जा रही। जबकि गत दिनों जिला परिषद की स्थापना समिति की आयोजित बैठक में भी जिला प्रमुख ने सभी कर्मचारियों को पदोन्नति देने के जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए थे। इधर, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक मनमोहन शर्मा का कहना है पदोन्नति सूची तैयार है। मामला न्यायालय में विचाराधीन होने से पदोन्नति प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकती।
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जिले के माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से विद्यालयों में कार्यरत 24 सहायक कर्मियों को 31 जुलाई 2013 को पदोन्नति के आदेश जारी किए थे। कर्मचारी पदोन्नत होते इससे पहले ही विभाग की ओर से कम्प्यूटर डिप्लोमा नहीं किए जाने की कहकर पदोन्नति आदेश स्थगित कर दिए। इससे नाराज सभी सहायक कर्मियों ने न्यायालय की शरण ले ली। न्यायालय के निर्देश पर शिक्षा निदेशालय ने फिर से सभी कर्मचारियों को पदोन्नत किए जाने के जिला शिक्षा अधिकारी को आदेश दिए हैं।
ऊम निवासी बाबूलाल शर्मा ने बताया कि निदेशालय की ओर से उन्हें पदोन्नत करने के लिए तीन बार आदेश जारी करने के बावजूद विभाग की ओर से उन्हें पदान्नति नहीं दी जा रही। जबकि गत दिनों जिला परिषद की स्थापना समिति की आयोजित बैठक में भी जिला प्रमुख ने सभी कर्मचारियों को पदोन्नति देने के जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए थे। इधर, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक मनमोहन शर्मा का कहना है पदोन्नति सूची तैयार है। मामला न्यायालय में विचाराधीन होने से पदोन्नति प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकती।
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