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111 शिक्षकों की वेतनवृद्धि रुकेगी

स्कूलोंमें शिक्षकों से लेकर संस्था प्रधान तक सरकारी कामों में कितनी ढिलाई बरतते हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है तो 126 शिक्षकों ने अपने खुद का मूल्यांकन ही नहीं किया है। ऐसे में शिक्षा विभाग ने कार्रवाई कर इन सभी शिक्षकों को नोटिस जारी किए हैं।
इन शिक्षकों को जनवरी तक स्वयं का मूल्यांकन करना था, लेकिन इसको उन्होंने दरकिनार कर दिया। इस पर कार्रवाई करते हुए इन सभी शिक्षकों को नोटिस जारी किए गए हैं। जनवरी माह तक शिक्षकों को अपना खुद का आंकलन कर रिपोर्ट भेजनी थी। अब डीईओ ने नोटिस जारी कर इन शिक्षकों से जवाब मांगा है। जवाब नहीं देने वाले शिक्षकों पर अब कार्रवाई होगी। दरअसल राजस्थान प्रारंभिक शिक्षा परिषद की ओर से सरकारी स्कूलों में लगे शिक्षकों को साल में दो बार मूल्यांकन प्रपत्र भरकर देने के निर्देश प्राप्त हैं। इसमें सरकारी स्कूल में अध्ययनरत अपने विद्यार्थियों का शिक्षा स्तर बेहतर बनाने के लिए कार्यप्रणाली सहित निर्धारित 15 बिंदुओं पर शिक्षक अपने आप को ग्रेड देकर प्रपत्र को भरना था।

इंस्पायरअवॉर्ड के आवेदन में भी यही हाल

बार-बारडीईओ के निर्देश भी इंस्पायर अवार्ड आवेदन भरने में संस्था प्रधानों की रुचि नहीं जगा पा रहे हैं। इधर, डीईओ ने ऐसे स्कूलों को एक नोटिस भी जारी नहीं किए हैं। जिले में माध्यमिक शिक्षा के तहत 450 स्कूलों को इंस्पायर अवार्ड में आवेदन करने हैं, लेकिन केवल 110 स्कूलों ने ही अभी तक आवेदन किया है। इसी तरह प्रारंभिक शिक्षा के काफी कम स्कूल यह आवेदन कर पाए हैं।

1. जिले में ऐसे पांच मामले सामने आए हैं। जिसमें शिक्षक ने तो खुद को ग्रेड दी है, लेकिन संस्था प्रधान उसके काम से संतुष्ट नहीं हुआ और उसने सीधे संबंधित शिक्षक को डी ग्रेड दी।

2. तीन शिक्षक ऐसे रहे जिनको मूल्यांकन किसी दूसरे स्कूल से भरा जाना था, लेकिन उनकी पोस्टिंग शैक्षिक व्यवस्था के तहत किसी अन्य स्कूल में कर दी गई। ऐसे में मूल स्थान के संस्था प्रधानों के पास इनकी रिपोर्टिंग नहीं होने से वे लोग स्वमूल्यांकन नहीं कर पाए।

3. पांच शिक्षक ऐसे शिक्षकों के उदाहरण सामने आए, जिसमें वह लोग स्वमूल्यांकन प्रपत्र भर चुके थे, लेकिन उसके बावजूद भी उनको नोटिस जारी कर दिए गए।

4. प्रेग्नेंसी पीरियड में एक शिक्षिका प्रसूति अवकाश पर चल रही थी, इसी बीच स्वमूल्यांकन प्रपत्र नहीं भरने पर उस शिक्षिका को भी नोटिस जारी कर दिया, जबकि नियमों के अनुसार ऐसी शिक्षिका के लिए स्वमूल्यांकन प्रपत्र भरने की छूट है।

जनवरी में ही जमा कराना था प्रपत्र

जोशिक्षक अपने स्वयं के मूल्यांकन प्रपत्र नहीं कर पा रहे हैं और ही नोटिस का जवाब दे पा रहे हैं, ऐसे शिक्षकों की वेतनवृद्धि रोकने की भी तैयारी शिक्षा विभाग कर रहा है। 126 में से अब तक केवल 15 शिक्षक ही जवाब दे पाए हैं। नियमों में स्पष्ट है कि जो शिक्षक नोटिस का जवाब नहीं दे पाए और संतुष्टिपूर्ण जवाब भी पेश नहीं कर पाए तो ऐसे शिक्षकों की वेतनवृद्धि रोककर आगे की कार्रवाई की जाए।

^जिलेके 126 शिक्षकों को नोटिस जारी किए गए हैं। इन शिक्षकों ने स्वमूल्यांकन प्रपत्र नहीं भरे हैं। हंसराजमीणा, एडीपीसी, सर्व शिक्षा अभियान, झालावाड़

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