नवभारत टाइम्स | नई दिल्ली अब इंजिनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई के लिए अलग-अलग टेस्ट का आयोजन नहीं किया जाएगा। इसके लिए एक नैशनल बॉडी बनाई जाएगी। इस बात का उल्लेख वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में किया है।
अमेरिका की तर्ज पर भारत में भी सिर्फ एक ही अथॉरिटी केंद्रीय परीक्षाओं का आयोजन करेंगी, जिसका नाम नैशनल टेस्टिंग सिस्टम होगा। अब तक मेडिकल और इंजिनियरिंग के लिए प्रवेश परीक्षाओं का आयोजन सीबीएसई करता रहा है। इससे सीबीएसई से दबाव कम होगा।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस संबंध में कैबिनेट के पास प्रस्ताव भेजा था। सात मुख्य प्रवेश परीक्षाएं जैसे आईआईटी के लिए जेईई परीक्षा, आईआईएम के लिए कैट, गेट, सीमैट, शिक्षा क्षेत्र में जाने के लिए नेट की परीक्षा औऱ एमबीबीएस एवं बीडीएस कोर्सों में दाखिले के लिए नेट परीक्षाओं का आयोजन अब नैशनल टेस्टिंग सिस्टम करेगा।
अमेरिका की तर्ज पर भारत में भी सिर्फ एक ही अथॉरिटी केंद्रीय परीक्षाओं का आयोजन करेंगी, जिसका नाम नैशनल टेस्टिंग सिस्टम होगा। अब तक मेडिकल और इंजिनियरिंग के लिए प्रवेश परीक्षाओं का आयोजन सीबीएसई करता रहा है। इससे सीबीएसई से दबाव कम होगा।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस संबंध में कैबिनेट के पास प्रस्ताव भेजा था। सात मुख्य प्रवेश परीक्षाएं जैसे आईआईटी के लिए जेईई परीक्षा, आईआईएम के लिए कैट, गेट, सीमैट, शिक्षा क्षेत्र में जाने के लिए नेट की परीक्षा औऱ एमबीबीएस एवं बीडीएस कोर्सों में दाखिले के लिए नेट परीक्षाओं का आयोजन अब नैशनल टेस्टिंग सिस्टम करेगा।
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