जयपुर । पैसों की तंगी के कारण हर साल कई बच्चों को पढ़ाई छोड़नी पड़ती है। खासतौर से स्कूली पढ़ाई के बाद डॉक्टर-इंजीनियर का सपना पाले कई बच्चे कोचिंग की महंगी फीस न दे पाने के कारण तरक्की की दौड़ में पिछड़ जाते हैं।
वहीं एक आईआरएस अधिकारी एवं उनके साथियों की कोशिश ऐसे ही विद्यार्थियों के लिए बहुत मददगार साबित हो रही है।
राजस्थान के दौसा जिले के महवा निवासी देवप्रकाश मीणा और उनके साथियों ने एकलव्य सुपर-50 कोचिंग की शुरुआत की जो बिहार में संचालित की जा रही है।
इसमें जरूरतमंद लेकिन प्रतिभाशाली विद्यार्थी बिना किसी शुल्क के डॉक्टर-इंजीनियर बनने के लिए प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर सकते हैं।
वहीं एक आईआरएस अधिकारी एवं उनके साथियों की कोशिश ऐसे ही विद्यार्थियों के लिए बहुत मददगार साबित हो रही है।
राजस्थान के दौसा जिले के महवा निवासी देवप्रकाश मीणा और उनके साथियों ने एकलव्य सुपर-50 कोचिंग की शुरुआत की जो बिहार में संचालित की जा रही है।
इसमें जरूरतमंद लेकिन प्रतिभाशाली विद्यार्थी बिना किसी शुल्क के डॉक्टर-इंजीनियर बनने के लिए प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर सकते हैं।
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