राजस्थान के शिक्षा राज्यमंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी का गायों को लेकर दिया बयान सुर्खियों में छाया हुआ है.
देवनानी ने कहा है कि गाय एकमात्र ऐसा जीव है जो ऑक्सिजन लेती है और ऑक्सिजन देती है. उनके इस बयान पर कई लोगों ने सवाल उठाए हैं लेकिन शिक्षाा राज्य मंत्री अपने इस बयान पर अब भी डटे हुए हैं.
देवनानी ने मंगलवार को अपने बयान पर उठे बवाल पर कहा कि यह बयान पूरी तरह से तथ्यों पर आधारित है और इस पर विभिन्न पत्रिकाओं में लेख प्रकाशित होने के साथ ही विभिन्न कृषि वैज्ञानिकों ने भी इसका उल्लेख किया है.
उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में गाय को बहुत ऊंचा दर्जा दिया गया है और उसकी आध्यत्मिक महत्वता होने के साथ ही वैज्ञानिक नजरिया होना भी बेहद जरूरी है. उन्होनें कहा गौ-मूत्र और गोबर की उपयोगिता को लेकर किसी भी तरह का कोई संशय नहीं है. उसी तरह से इस नजरिए पर भी वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखने की जरुरत है.
उल्लेखनीय है कि शनिवार को देवनानी जयपुर की हिंगोनिया गौशाला पहुंचे थे और वहीं गाय के वैज्ञानिक महत्व को समझाते हुए यह बयान दिया था. प्रो. देवनानी ने कहा है कि वर्तमान संदर्भों में गाय के वैज्ञानिक महत्व को समझ कर उसे जन-जन तक पहुंचाए जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि गौमाता को बचाया तो समझ लीजिए हम स्वतः ही राष्ट्रहित से जुड़ गए हैं.
गौमूत्र 100 एकड़ भूमि की फसल को कीटों से बचा सकता है...
शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि गौवंश से ही किसान है. स्वच्छ भारत, जलवायु परिवर्तन के खतरों से बचाव के साथ ही गौ वंश संरक्षण के लिए युवा केन्द्रित सोच पर कार्य किए जाने की जरूरत है. उन्होंने खेती में गाय के गोबर की उपयोगिता की चर्चा करते हुए कहा कि बेहतरी खाद कोई है तो वह गोबर ही है. उन्होंने कहा कि खेत में जुताई करते समय गिरने वाले गोबर और गौमूत्र से भूमि में स्वतः खाद डलती जाती है. उन्होंने गौमूत्र के लाभ बताने के साथ ही कहा कि गाय का गोबर 7 एकड़ भूमि को खाद और मूत्र 100 एकड़ भूमि की फसल को कीटों से बचा सकता है.
एकमात्र प्राणी ऑक्सीजन ग्रहण करता है ऑक्सीजन ही छोड़ता है...
प्रो. देवनानी ने गाय के वैज्ञानिक महत्व की चर्चा करते हुए कहा कि गाय एकमात्र ऎसा प्राणी है, जो आक्सीजन ग्रहण करता है और आक्सीजन ही छोड़ता है. उन्होंने कहा कि गाय का दूध फैट रहित परंतु शक्तिशाली होता है उसे पीने से मोटापा नहीं बढ़ता. इसी तरह गाय के गोबर के कंडे से धुआं करने पर कीटाणु, मच्छर आदि भाग जाते हैं तथा दुर्गंध का नाश होता है.
गाय के समीप जाने से ही संक्रामक रोगों का नाश हो जाता है...
उन्होंने कहा कि गाय के समीप जाने से ही संक्रामक रोग कफ सर्दी, खांसी, जुकाम का नाश हो जाता है. गाय के गोबर में विटामिन बी ही प्रचुर मात्रा में नहीं पाया जाता बल्कि यह रेडियोधर्मिता को भी सोख लेता है. उन्होंने गौ मुत्र के औषधीय उपयोग, गाय के गोबर से गैस प्लांट लगाए जाने आदि पर जोर देते हुए कहा कि आधुनिक बनने व दिखने की दौड़ में गाय से जुड़ी भारतीय सनातन परम्पराओं के वैज्ञानिक पक्ष की जो अनदेखी हो रही है, उसे तर्क सहित दूर किए जाने की जरूरत है.
देवनानी ने कहा है कि गाय एकमात्र ऐसा जीव है जो ऑक्सिजन लेती है और ऑक्सिजन देती है. उनके इस बयान पर कई लोगों ने सवाल उठाए हैं लेकिन शिक्षाा राज्य मंत्री अपने इस बयान पर अब भी डटे हुए हैं.
देवनानी ने मंगलवार को अपने बयान पर उठे बवाल पर कहा कि यह बयान पूरी तरह से तथ्यों पर आधारित है और इस पर विभिन्न पत्रिकाओं में लेख प्रकाशित होने के साथ ही विभिन्न कृषि वैज्ञानिकों ने भी इसका उल्लेख किया है.
उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में गाय को बहुत ऊंचा दर्जा दिया गया है और उसकी आध्यत्मिक महत्वता होने के साथ ही वैज्ञानिक नजरिया होना भी बेहद जरूरी है. उन्होनें कहा गौ-मूत्र और गोबर की उपयोगिता को लेकर किसी भी तरह का कोई संशय नहीं है. उसी तरह से इस नजरिए पर भी वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखने की जरुरत है.
उल्लेखनीय है कि शनिवार को देवनानी जयपुर की हिंगोनिया गौशाला पहुंचे थे और वहीं गाय के वैज्ञानिक महत्व को समझाते हुए यह बयान दिया था. प्रो. देवनानी ने कहा है कि वर्तमान संदर्भों में गाय के वैज्ञानिक महत्व को समझ कर उसे जन-जन तक पहुंचाए जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि गौमाता को बचाया तो समझ लीजिए हम स्वतः ही राष्ट्रहित से जुड़ गए हैं.
गौमूत्र 100 एकड़ भूमि की फसल को कीटों से बचा सकता है...
शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि गौवंश से ही किसान है. स्वच्छ भारत, जलवायु परिवर्तन के खतरों से बचाव के साथ ही गौ वंश संरक्षण के लिए युवा केन्द्रित सोच पर कार्य किए जाने की जरूरत है. उन्होंने खेती में गाय के गोबर की उपयोगिता की चर्चा करते हुए कहा कि बेहतरी खाद कोई है तो वह गोबर ही है. उन्होंने कहा कि खेत में जुताई करते समय गिरने वाले गोबर और गौमूत्र से भूमि में स्वतः खाद डलती जाती है. उन्होंने गौमूत्र के लाभ बताने के साथ ही कहा कि गाय का गोबर 7 एकड़ भूमि को खाद और मूत्र 100 एकड़ भूमि की फसल को कीटों से बचा सकता है.
एकमात्र प्राणी ऑक्सीजन ग्रहण करता है ऑक्सीजन ही छोड़ता है...
प्रो. देवनानी ने गाय के वैज्ञानिक महत्व की चर्चा करते हुए कहा कि गाय एकमात्र ऎसा प्राणी है, जो आक्सीजन ग्रहण करता है और आक्सीजन ही छोड़ता है. उन्होंने कहा कि गाय का दूध फैट रहित परंतु शक्तिशाली होता है उसे पीने से मोटापा नहीं बढ़ता. इसी तरह गाय के गोबर के कंडे से धुआं करने पर कीटाणु, मच्छर आदि भाग जाते हैं तथा दुर्गंध का नाश होता है.
गाय के समीप जाने से ही संक्रामक रोगों का नाश हो जाता है...
उन्होंने कहा कि गाय के समीप जाने से ही संक्रामक रोग कफ सर्दी, खांसी, जुकाम का नाश हो जाता है. गाय के गोबर में विटामिन बी ही प्रचुर मात्रा में नहीं पाया जाता बल्कि यह रेडियोधर्मिता को भी सोख लेता है. उन्होंने गौ मुत्र के औषधीय उपयोग, गाय के गोबर से गैस प्लांट लगाए जाने आदि पर जोर देते हुए कहा कि आधुनिक बनने व दिखने की दौड़ में गाय से जुड़ी भारतीय सनातन परम्पराओं के वैज्ञानिक पक्ष की जो अनदेखी हो रही है, उसे तर्क सहित दूर किए जाने की जरूरत है.
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