जयपुर | हाईकोर्ट ने द्वितीय श्रेणी शिक्षक से स्कूल लेक्चरर पद पर पदोन्नत हुए प्रार्थी सीधी भर्ती के जरिए नियुक्त हुए लेक्चरर के मूल वेतनमान में अंतर होने के मामले में प्रमुख शिक्षा सचिव, प्रमुख वित्त सचिव माध्यमिक शिक्षा निदेशक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
न्यायाधीश केएस झवेरी वीके माथुर की खंडपीठ ने यह अंतरिम आदेश लीलूराम जाखड़ की याचिका पर दिया। अदालत ने याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार शिक्षा विभाग से 23 फरवरी तक जवाब देने के लिए कहा।
याचिका में कहा कि राज्य सरकार ने द्वितीय श्रेणी शिक्षक के पद से 466 को स्कूल लेक्चरर पद पर पदोन्नत किया। प्रार्थी को सेवा में वरिष्ठ होते हुए भी 16860 रुपए मूल वेतनमान दिया गया जबकि सीधी भर्ती के जरिए नियुक्त अन्य लेक्चरर को 18750 रुपए मूल वेतनमान दिया जा रहा है। याचिका में कहा कि समान पद होते हुए भी दोनों के वेतनमान में असमानता राजस्थान सिविल सर्विसेज (संशोधित वेतनमान)रूल्स 2008 के नियम 24(1) के तहत हुआ है जो गलत है। इसलिए वेतनमान में असमानता करने वाले इस नियम को रद्द किया जाए। अदालत ने याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार शिक्षा विभाग से 23 फरवरी तक जवाब देने के लिए कहा।
न्यायाधीश केएस झवेरी वीके माथुर की खंडपीठ ने यह अंतरिम आदेश लीलूराम जाखड़ की याचिका पर दिया। अदालत ने याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार शिक्षा विभाग से 23 फरवरी तक जवाब देने के लिए कहा।
याचिका में कहा कि राज्य सरकार ने द्वितीय श्रेणी शिक्षक के पद से 466 को स्कूल लेक्चरर पद पर पदोन्नत किया। प्रार्थी को सेवा में वरिष्ठ होते हुए भी 16860 रुपए मूल वेतनमान दिया गया जबकि सीधी भर्ती के जरिए नियुक्त अन्य लेक्चरर को 18750 रुपए मूल वेतनमान दिया जा रहा है। याचिका में कहा कि समान पद होते हुए भी दोनों के वेतनमान में असमानता राजस्थान सिविल सर्विसेज (संशोधित वेतनमान)रूल्स 2008 के नियम 24(1) के तहत हुआ है जो गलत है। इसलिए वेतनमान में असमानता करने वाले इस नियम को रद्द किया जाए। अदालत ने याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार शिक्षा विभाग से 23 फरवरी तक जवाब देने के लिए कहा।
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