जिला परिषद से सवा चार साल पहले हुई शिक्षक सीधी भर्ती-2012 के पिछले दिनों
आए संशोधित परिणाम में मैरिट से बाहर हुए शिक्षकों ने गुरुवार को
कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया।
राजस्थान शिक्षक एवं पंचायतीराज कर्मचारी संघ के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष शेरसिंह चौहान के नेतृत्व में शिक्षकों ने चौथी बार संशोधित परीक्षा परिणाम पर सवाल उठाते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
शेरसिंह चौहान ने बताया कि सितम्बर 2012 शिक्षक भर्ती में नियुक्त होने के बाद कई शिक्षकों ने तो पुलिस, पटवारी, ग्राम सचिव जैसी नौकरियां छोड़ दी है। उन्होंने वहां नौकरी करते हुए भी परिवीक्षा काल में पाया वेतन दोबारा जमा कराकर शिक्षक सेवा में आए हैं। ऐसे में सवा चार साल के इस कार्यकाल में कई शिक्षक आयु सीमा को पार कर चुके हैं। उच्च न्यायालय ने भी इन शिक्षकों को सेवा से नहीं निकालने और स्थायी करने का आदेश पारित किया है। शिक्षकों ने मेरिट से बाहर हुए लगभग 400 लेवल प्रथम और द्वितीय के शिक्षकों को रिक्त पदों पर उच्च न्यायालय जोधपुर के फैसले के अनुसार समायोजित करने की मांग की। सीईओ ने शिक्षकों को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया। प्रदर्शन में नवीन व्यास, सतीश जैन, प्रदीप भाणावत, रुप लाल मीणा, लीना पंवार, रईस खान, महेन्द्र सालवी, नारायण लाल, मुकेश मीणा, जीवनलता डामोर, साहला हुसैन सहित कई शिक्षक शामिल हुए।
निकाले शिक्षकों का वेतन भी हो चुका नियमित
शिक्षकोंने बताया कि इनका चार वर्ष से ऊपर का सेवा काल होने के साथ वेतन भी नियमित हो चुका है। 2013 में भी संशोधित परिणाम निकालने के बाद उदयपुर जिले के 177 शिक्षकों के मैरिट से बाहर होने पर हाईकोर्ट ने नौकरी से नहीं निकालने के आदेश दिए थे।
राजस्थान शिक्षक एवं पंचायतीराज कर्मचारी संघ के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष शेरसिंह चौहान के नेतृत्व में शिक्षकों ने चौथी बार संशोधित परीक्षा परिणाम पर सवाल उठाते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
शेरसिंह चौहान ने बताया कि सितम्बर 2012 शिक्षक भर्ती में नियुक्त होने के बाद कई शिक्षकों ने तो पुलिस, पटवारी, ग्राम सचिव जैसी नौकरियां छोड़ दी है। उन्होंने वहां नौकरी करते हुए भी परिवीक्षा काल में पाया वेतन दोबारा जमा कराकर शिक्षक सेवा में आए हैं। ऐसे में सवा चार साल के इस कार्यकाल में कई शिक्षक आयु सीमा को पार कर चुके हैं। उच्च न्यायालय ने भी इन शिक्षकों को सेवा से नहीं निकालने और स्थायी करने का आदेश पारित किया है। शिक्षकों ने मेरिट से बाहर हुए लगभग 400 लेवल प्रथम और द्वितीय के शिक्षकों को रिक्त पदों पर उच्च न्यायालय जोधपुर के फैसले के अनुसार समायोजित करने की मांग की। सीईओ ने शिक्षकों को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया। प्रदर्शन में नवीन व्यास, सतीश जैन, प्रदीप भाणावत, रुप लाल मीणा, लीना पंवार, रईस खान, महेन्द्र सालवी, नारायण लाल, मुकेश मीणा, जीवनलता डामोर, साहला हुसैन सहित कई शिक्षक शामिल हुए।
निकाले शिक्षकों का वेतन भी हो चुका नियमित
शिक्षकोंने बताया कि इनका चार वर्ष से ऊपर का सेवा काल होने के साथ वेतन भी नियमित हो चुका है। 2013 में भी संशोधित परिणाम निकालने के बाद उदयपुर जिले के 177 शिक्षकों के मैरिट से बाहर होने पर हाईकोर्ट ने नौकरी से नहीं निकालने के आदेश दिए थे।
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