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5 दिन पहले काउंसलिंग में पद भरे बताए, अब खाली मान किए ट्रांसफर

जोधपुर.शिक्षा विभाग में हाल में तृतीय से द्वितीय श्रेणी में डीपीसी से विभिन्न विषयों के 1313 शिक्षक पदोन्नत किए गए। काउंसलिंग में करीब 25 फीसदी शिक्षकों को नजदीक की स्कूलों में पद भरे होने का कहते हुए उनका पदस्थापन शहर से 200 किलोमीटर दूर की स्कूलों में कर दिया।

वहीं अब पांच दिन बाद ही इन्हीं पदों को विभाग ने रिक्त मानते हुए संभाग और संभाग के बाहर के जिलों से शिक्षकों को लगा दिया, जबकि कई शिक्षक जोधपुर के होते हुए भी दूरस्थ स्कूलों में सिर्फ इसलिए जा रहे हैं ताकि स्कूलों में पढ़ाई बाधित न हो। दरअसल, निदेशक माध्यमिक शिक्षा ने रविवार को आदेश जारी कर द्वितीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले किए। इनमें लगभग सभी ट्रांसफर राजनीतिक कारणों से किए गए हैं। इसके तहत बाहरी जिलों के शिक्षकों को शहर या शहर के नजदीक की स्कूलें आवंटित की गईं, जबकि पांच दिन पूर्व ही शिक्षा विभाग की जोधपुर मंडल स्तर की काउंसलिंग में शिक्षकों को शहर और नगर के नजदीक की स्कूलों में खाली पद बताए ही नहीं गए।
शिक्षकों ने इसको लेकर पहले दिन से ही विरोध किया। भास्कर ने भी 1 से 6 दिसंबर तक चली विभिन्न विषयों और वरिष्ठ शारीरिक शिक्षकों की काउंसलिंग में इस समस्या को उजागर किया था, लेकिन विभाग ने जोधपुर के शिक्षकों को राहत न देकर संभाग या संभाग के बाहर के जिलों के शिक्षकों को नजदीकी स्कूलों में पदस्थापित कर दिया। इनमें हिंदी, अंग्रेजी, गणित, संस्कृत, वरिष्ठ शारीरिक शिक्षक के पद शामिल हैं, जिसमें शहर के नजदीकी स्कूलों के शाला दर्पण पोर्टल में पद खाली बताए गए। बावजूद इसके इन पदों को काउंसलिंग में शामिल नहीं किया गया।
अंग्रेजी के टीचर को भेजा मिडिल स्कूल में
रामावि मंडोर नंबर 2 में अंग्रेजी की शिक्षिका भावना देवड़ा कार्यरत थीं। उनका नाम काउंसलिंग में आया तो इस स्कूल का पद खाली हो गया। इन्होंने विभागीय अधिकारियों से पद खाली होने की स्थिति में इसी स्कूल में लगाने की गुजारिश की, लेकिन विभाग ने उन्हें राउप्रावि छीपा कॉलोनी नागौरी गेट में लगाया। इस स्कूल की अंग्रेजी की खाली पोस्ट शाला दर्पण में भी दर्शाई गई। फिर भी विभाग ने सुनवाई नहीं की और अब यहां पर जैतारण से शिक्षक को लगाया है।
शाला दर्पण में खाली, लेकिन टीचर ही नहीं लगाया: राबामावि खांडा फलसा में संस्कृत का रिक्त पद शाला दर्पण में बताया गया था, लेकिन विभाग में इसे काउंसलिंग के दौरान रिक्त पदों वाली शहर की स्कूलों की सूची में नहीं बताया। ऐसे में यहां आने वाले शिक्षकों को शहर के बाहर जाना पड़ा और अब यहां पर शहर के बाहर से टीचर लगाया गया है।
पांच दिन पहले इनमें थे रिक्त पद, अब ट्रांसफर से भरे
गत 6 दिसंबर को 33 वरिष्ठ शारीरिक शिक्षकों की काउंसलिंग हुई। इसमें राउमावि नेवरा रोड, सरदारपुरा, रजलानी, दईकड़ा व झंवर में पद रिक्त थे और शाला दर्पण में भी ये पद रिक्त दर्शाए गए। शिक्षा विभाग ने काउंसलिंग में इन पदों को रिक्त नहीं मानकर शामिल नहीं किया। शारीरिक शिक्षकों ने इस संबंध में उपनिदेशक माध्यमिक को ज्ञापन दे अवगत करवाया, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। अब राउमावि नेवरा रोड में राउमावि सिवाडा पाली, रजलानी में राउमावि गुड़ा ऐंदला, राउमावि दईकड़ा मंडोर में कलाली रोहिट, सिवांची गेट में राउमावि बनेसर चित्तौड़गढ़ तथा राउमावि झंवर में सायरा उदयपुर के शिक्षक को स्थानांतरित कर लगाया है।
हम बात सरकार तक पहुंचाएंगे
हम यह बात सरकार तक पहुंचाएंगे। काउंसलिंग के दौरान जब शाला दर्पण में पद रिक्त थे तब यहां के शिक्षकों को क्यों नहीं लगाया गया? हमने उच्च अधिकारियों से पूछा तो बोले- छात्र संख्या के आधार पर इनमें शिक्षक नहीं लगाए जा रहे हैं तो पांच दिन में अचानक क्या छात्रों का नामांकन बढ़ गया है, जो इन शिक्षकों को लगाया गया है। - भंवरलाल काला, प्रदेश उपाध्यक्ष, राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय
हमने विरोध जताया था
हमने शारीरिक शिक्षकों के रिक्त पदों की सूची शाला दर्पण में खाली पदों के आधार पर उपनिदेशक माध्यमिक को दी थी। इसलिए हमारे शिक्षकों को दूरस्थ स्कूलें मिलीं और अब बाहर के शिक्षकों को सीधे शहर और नजदीकी स्कूलों में लगाया गया है। हमने इस पर विरोध जताया था। - हापूराम चौधरी, प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष, राजस्थान शारीरिक शिक्षा शिक्षक संघ

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