राज्य सरकार उदयपुर में चार दशक पुराने राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं
प्रशिक्षण संस्थान (एसआईईआरटी) को अगले सत्र से बंद करेगी। इसकी जगह एक नई
संस्था स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) लेगी।
इसके चेयरमैन पद पर राज्य सरकार अपनी तरफ से किसी शिक्षाविद को नियुक्त करेगी। केंद्र से इसकी मंजूरी भी मिल गई है। राज्य सरकार का यह फैसला इसलिए बहुत बड़ा है, क्योंकि इससे आठवीं कक्षा तक की स्कूली किताबों का सारा पाठ्यक्रम उस व्यक्ति की देखरेख में तैयार हाेगा, जिसे सरकार नियुक्त करेगी। माना जा रहा है कि इससे पाठ्यक्रम तैयार करने में सरकार की सीधी दखल और बढ़ जाएगी। इसके साथ ही 11 नवंबर 1978 को गठित एसआईईआरटी एक इतिहास बन जाएगी। शेष| पेज 11
शिक्षाराज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने भास्कर को राज्य सरकार के नए फैसले के बारे में बताते हुए कहा कि एसआईईआरटी की जगह लेने जा रही नई संस्था एससीईआरटी स्वायत्त संस्था के रूप में होगी और वह स्वतंत्र रूप से काम करेगी। इसके संचालन करने के लिए केंद्र से भी सहायता मिलेगी।
प्रतिनियुक्ति से मिलेगा छुटकारा, साक्षात्कार से भरेंगे पद
देवनानीनेबताया कि एसआईईआरटी में अधिकतर यही सुनने को मिलता है कि शिक्षक शहर में रहने के लिए अपनी प्रतिनियुक्ति एसआईईआरटी में करवा लेते हैं। लेकिन इसमें ऐसा नहीं होगा। इसमें लगने के लिए पूरी पारदर्शिता रखी जाएगी। इसमें प्रत्येक पद के लिए साक्षात्कार लिए जाएंगे।
कक्षा 1-12 तक के होंगे काम
अभीएसआईईआरटी में कक्षा 1-8 प्रारंभिक शिक्षा के काम होते हैं, जो अगले साल से एससीईआरटी करेगी। इसमें प्रशिक्षण, पाठ्यक्रम और शोध है। हालांकि पाठ्यपुस्तकों का काम अभी 1-8 तक का ही होगा। साथ ही अभी 9-12 तक के शिक्षकों को प्रशिक्षण देने का काम राजस्थान सर्व शिक्षा अभियान (रमसा) से किया जा रहा है, जो बंद हो जाएगा।
चेयरमैन होगा गैर सरकारी
एससीईआरटीऑटोनोमस बॉडी होने के कारण इसमें चेयरमैन का पद होगा। यह पद बोर्ड की तर्ज पर शिक्षाविद् को दिया जाएगा। यह माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की तरह संचालित होगी लेकिन नियंत्रण शिक्षा विभाग का ही होगा।
देवनानी नेबताया कि देश के कुछ राज्यों में इसकी स्थापना हो चुकी है लेकिन राजस्थान में इसके खुलने को लेकर फाइल अटकी पड़ी थी। इस फाइल काे आगे बढ़ाते हुए वर्तमान में संचालित एसआईईआरटी के निदेशक के सान्निध्य में एक समिति बनाई थी। समिति को दिल्ली में बनी एससीईआरटी में सर्वे के लिए भेजा था। लगभग एक महीनेे बाद समिति ने अपनी रिपोर्ट सोमवार को सौंपी है। अब इस रिपोर्ट को देखते हुए जल्द काम शुरू कर दिए जाएंगे।
केन्द्र सरकार सेे मंजूरी, उदयपुर में देवनानी ने ली शिक्षा विभाग और एसआईईआरटी के अफसरों की बैठक, पाठ्यक्रम बदलाव में अब होगी सरकार की सीधी दखल
इसके चेयरमैन पद पर राज्य सरकार अपनी तरफ से किसी शिक्षाविद को नियुक्त करेगी। केंद्र से इसकी मंजूरी भी मिल गई है। राज्य सरकार का यह फैसला इसलिए बहुत बड़ा है, क्योंकि इससे आठवीं कक्षा तक की स्कूली किताबों का सारा पाठ्यक्रम उस व्यक्ति की देखरेख में तैयार हाेगा, जिसे सरकार नियुक्त करेगी। माना जा रहा है कि इससे पाठ्यक्रम तैयार करने में सरकार की सीधी दखल और बढ़ जाएगी। इसके साथ ही 11 नवंबर 1978 को गठित एसआईईआरटी एक इतिहास बन जाएगी। शेष| पेज 11
शिक्षाराज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने भास्कर को राज्य सरकार के नए फैसले के बारे में बताते हुए कहा कि एसआईईआरटी की जगह लेने जा रही नई संस्था एससीईआरटी स्वायत्त संस्था के रूप में होगी और वह स्वतंत्र रूप से काम करेगी। इसके संचालन करने के लिए केंद्र से भी सहायता मिलेगी।
प्रतिनियुक्ति से मिलेगा छुटकारा, साक्षात्कार से भरेंगे पद
देवनानीनेबताया कि एसआईईआरटी में अधिकतर यही सुनने को मिलता है कि शिक्षक शहर में रहने के लिए अपनी प्रतिनियुक्ति एसआईईआरटी में करवा लेते हैं। लेकिन इसमें ऐसा नहीं होगा। इसमें लगने के लिए पूरी पारदर्शिता रखी जाएगी। इसमें प्रत्येक पद के लिए साक्षात्कार लिए जाएंगे।
कक्षा 1-12 तक के होंगे काम
अभीएसआईईआरटी में कक्षा 1-8 प्रारंभिक शिक्षा के काम होते हैं, जो अगले साल से एससीईआरटी करेगी। इसमें प्रशिक्षण, पाठ्यक्रम और शोध है। हालांकि पाठ्यपुस्तकों का काम अभी 1-8 तक का ही होगा। साथ ही अभी 9-12 तक के शिक्षकों को प्रशिक्षण देने का काम राजस्थान सर्व शिक्षा अभियान (रमसा) से किया जा रहा है, जो बंद हो जाएगा।
चेयरमैन होगा गैर सरकारी
एससीईआरटीऑटोनोमस बॉडी होने के कारण इसमें चेयरमैन का पद होगा। यह पद बोर्ड की तर्ज पर शिक्षाविद् को दिया जाएगा। यह माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की तरह संचालित होगी लेकिन नियंत्रण शिक्षा विभाग का ही होगा।
देवनानी नेबताया कि देश के कुछ राज्यों में इसकी स्थापना हो चुकी है लेकिन राजस्थान में इसके खुलने को लेकर फाइल अटकी पड़ी थी। इस फाइल काे आगे बढ़ाते हुए वर्तमान में संचालित एसआईईआरटी के निदेशक के सान्निध्य में एक समिति बनाई थी। समिति को दिल्ली में बनी एससीईआरटी में सर्वे के लिए भेजा था। लगभग एक महीनेे बाद समिति ने अपनी रिपोर्ट सोमवार को सौंपी है। अब इस रिपोर्ट को देखते हुए जल्द काम शुरू कर दिए जाएंगे।
केन्द्र सरकार सेे मंजूरी, उदयपुर में देवनानी ने ली शिक्षा विभाग और एसआईईआरटी के अफसरों की बैठक, पाठ्यक्रम बदलाव में अब होगी सरकार की सीधी दखल
No comments:
Post a Comment