भास्कर संवाददाता | धौलपुर राजस्थान शिक्षक एवं पंचायती राज कर्मचारी संघ ने सरकार से शिक्षकों की
प्रस्तावित तबादला नीति को लागू करते हुए थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादलों
से रोक हटा कर स्थानांतरण प्रक्रिया शुरू किए जाने की मांग की है।
संघ जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा ने मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञापन में लिखा है कि प्रारंभिक शिक्षा में पिछले 6 वर्षों से शिक्षकों प्रबोधकों के तथा प्रतिबंधित जिलों में से 10 सालों से थर्ड ग्रेड शिक्षकों के स्थानांतरण नहीं किए गए हैं।
सरकार की ओर से हर साल एवं हाल ही में माध्यमिक एवं प्रारंभिक शिक्षा में कार्यरत थर्ड ग्रेड शिक्षकों को छोड़कर सभी वर्गों के बड़ी तादात शिक्षकों के तबादले किए गए। थर्ड ग्रेड शिक्षकों हर बार मायूसी ही हाथ लगती हैं। ज्ञापन में लिखा है कि हाल के दिनों में शिक्षामंत्री की ओर से भाजपा विधायकों से स्थानांतरण के लिए 40 शिक्षकों के नाम मांगे जाने से स्थानांतरण प्रक्रिया शुरू होने की चर्चाएं शुरू हो गई हैं, लेकिन कोई विभागीय गाइडलाइन जारी नहीं होने से आम शिक्षक में गफलत पैदा हो गई है तथा सरकार के इस एक पक्षीय व्यवस्था से रोष है।
ज्ञापन में लिखा है कि जिस प्रकार आपकी सरकार ने पदोन्नति, नई नियुक्तियों सेटअप परिवर्तन में काउंसलिंग सिस्टम लागू कर ऐतिहासिक कार्य किया है। उसी प्रकार सरकारी स्कूलों की बेहतरी के लिए शिक्षकों के तबादलों में भी राजनैतिक हस्तक्षेप बंद होना चाहिए। वहीं स्थाई तबादला नीति लागू कर रिक्त पदों पर ऑनलाइन आवेदन पत्र लेकर काउंसलिंग के माध्यम से तबादले किए जाने चाहिए। ज्ञापन की प्रति शिक्षामंत्री वासुदेव देवनानी को भी भेजी गई है।
संघ जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा ने मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञापन में लिखा है कि प्रारंभिक शिक्षा में पिछले 6 वर्षों से शिक्षकों प्रबोधकों के तथा प्रतिबंधित जिलों में से 10 सालों से थर्ड ग्रेड शिक्षकों के स्थानांतरण नहीं किए गए हैं।
सरकार की ओर से हर साल एवं हाल ही में माध्यमिक एवं प्रारंभिक शिक्षा में कार्यरत थर्ड ग्रेड शिक्षकों को छोड़कर सभी वर्गों के बड़ी तादात शिक्षकों के तबादले किए गए। थर्ड ग्रेड शिक्षकों हर बार मायूसी ही हाथ लगती हैं। ज्ञापन में लिखा है कि हाल के दिनों में शिक्षामंत्री की ओर से भाजपा विधायकों से स्थानांतरण के लिए 40 शिक्षकों के नाम मांगे जाने से स्थानांतरण प्रक्रिया शुरू होने की चर्चाएं शुरू हो गई हैं, लेकिन कोई विभागीय गाइडलाइन जारी नहीं होने से आम शिक्षक में गफलत पैदा हो गई है तथा सरकार के इस एक पक्षीय व्यवस्था से रोष है।
ज्ञापन में लिखा है कि जिस प्रकार आपकी सरकार ने पदोन्नति, नई नियुक्तियों सेटअप परिवर्तन में काउंसलिंग सिस्टम लागू कर ऐतिहासिक कार्य किया है। उसी प्रकार सरकारी स्कूलों की बेहतरी के लिए शिक्षकों के तबादलों में भी राजनैतिक हस्तक्षेप बंद होना चाहिए। वहीं स्थाई तबादला नीति लागू कर रिक्त पदों पर ऑनलाइन आवेदन पत्र लेकर काउंसलिंग के माध्यम से तबादले किए जाने चाहिए। ज्ञापन की प्रति शिक्षामंत्री वासुदेव देवनानी को भी भेजी गई है।
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