शिक्षाके प्रति सरकार पहले से ज्यादा संवेदनशील हो गई है। सरकार आम सहमति
उन स्कूलों को एक करेगी जहां बच्चे नहीं के बराबर हैं। स्कूल के फासले को
दूर कर एक ही जगह विद्यालय का संचालन होगा।
इससे बच्चों को भी सभी विषय के शिक्षक मिल जाएंगे और शिक्षक भी विद्यार्थी के बिना यूं ही बैठकर समय जाया नहीं करेंगे। पठन-पाठन बेहतर करने खानापूर्ति से बचने का यह रास्ता अख्तियार किया जा रहा है। जिले की 87 प्राथमिक स्कूलों को निकट के सरकारी स्कूल में मर्ज करने के प्रस्ताव है। जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक विष्णु चाष्टा ने बताया कि प्रस्तावित स्कूलों का पहले भौतिक सत्यापन कराया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि, निदेशालय ने प्राथमिक स्कूलों में 15 से कम नामांकन एवं मिडिल स्कूलों में 30 से कम नामांकन वाले स्कूलों को निकटतम सरकारी स्कूल में मर्ज करने के प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश दिए थे।
मांडल में सर्वाधिक, रायपुर में एक भी नहीं
प्रस्तावितसूची में सर्वाधिक 19 प्राथमिक स्कूल मांडल ब्लॉक के है। वहीं रायपुर बनेड़ा ब्लॉक में एक भी स्कूल नहीं है। इनके अलावा आसींद के 7, बिजौलिया के 8, हुरड़ा के 3, जहाजपुर के 15, कोटड़ी के 11, मांडलगढ़ के 10, सहाड़ा एवं सुवाणा ब्लॉक के 4-4 एवं शाहपुरा के 6 स्कूल शामिल है।
^अब तक 784 स्कूल हो चुके मर्ज हो चुके है। निदेशालय ने 15 से कम नामांकन वाले प्राथमिक स्कूलों को मर्ज करने के प्रस्ताव मांगे है। निदेशालय भेजने से पूर्व इनका भौतिक सत्यापन कराया जाएगा। ताकि कोई गलत स्कूल मर्ज नहीं हो। विष्णुचाष्टा, डीईओ प्रारंभिक, भीलवाड़ा
इससे बच्चों को भी सभी विषय के शिक्षक मिल जाएंगे और शिक्षक भी विद्यार्थी के बिना यूं ही बैठकर समय जाया नहीं करेंगे। पठन-पाठन बेहतर करने खानापूर्ति से बचने का यह रास्ता अख्तियार किया जा रहा है। जिले की 87 प्राथमिक स्कूलों को निकट के सरकारी स्कूल में मर्ज करने के प्रस्ताव है। जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक विष्णु चाष्टा ने बताया कि प्रस्तावित स्कूलों का पहले भौतिक सत्यापन कराया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि, निदेशालय ने प्राथमिक स्कूलों में 15 से कम नामांकन एवं मिडिल स्कूलों में 30 से कम नामांकन वाले स्कूलों को निकटतम सरकारी स्कूल में मर्ज करने के प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश दिए थे।
मांडल में सर्वाधिक, रायपुर में एक भी नहीं
प्रस्तावितसूची में सर्वाधिक 19 प्राथमिक स्कूल मांडल ब्लॉक के है। वहीं रायपुर बनेड़ा ब्लॉक में एक भी स्कूल नहीं है। इनके अलावा आसींद के 7, बिजौलिया के 8, हुरड़ा के 3, जहाजपुर के 15, कोटड़ी के 11, मांडलगढ़ के 10, सहाड़ा एवं सुवाणा ब्लॉक के 4-4 एवं शाहपुरा के 6 स्कूल शामिल है।
^अब तक 784 स्कूल हो चुके मर्ज हो चुके है। निदेशालय ने 15 से कम नामांकन वाले प्राथमिक स्कूलों को मर्ज करने के प्रस्ताव मांगे है। निदेशालय भेजने से पूर्व इनका भौतिक सत्यापन कराया जाएगा। ताकि कोई गलत स्कूल मर्ज नहीं हो। विष्णुचाष्टा, डीईओ प्रारंभिक, भीलवाड़ा
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