डीपीसी वरीयता सूची में यूं आया विषयवार अंतर : उपनिदेशक माध्यमिक शिक्षा की ओर से हाल ही में थर्ड ग्रेड से सैकंड
ग्रेड में प्रमोट किए शिक्षकों की संख्या वरीयता सूची में जारी शिक्षकों की
संख्या में बड़ा अंतर सामने आया है।
पिछले महीने उप निदेशक कार्यालय माध्यमिक ने संभाग के भरतपुर, धौलपुर, करौली एवं सवाई माधोपुर जिले में थर्ड ग्रेड के विभिन्न विषयों के 1136 शिक्षकों की डीपीसी कर उसका अनुमोदन आरपीएससी अजमेर में पदोन्नति समिति की बैठक में करा कर सूची निदेशालय बीकानेर को भी दी गई थी, लेकिन दो दिन पूर्व उप निदेशक की ओर से जारी सूची में 921 ही नाम काउंसलिंग के लिए जारी किए गए हैं। ऐसे में डीपीसी में शामिल 215 शिक्षकों के नामों का गायब होना विभागीय कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है। शिक्षकों का आरोप है डीडी कार्यालय की ओर से पिछले कई वर्षों से वरिष्ठता सूचियों के अपडेशन से लेकर पदोन्नति में गड़बड़ियां की जाती रहीं हैं, जो कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। जिसके चलते संभाग के बड़ी संख्या में पात्र शिक्षक पदोन्नति से वंचित हो जाते हैं। अपात्र पहले से ही पदोन्नत शिक्षकों की पदोन्नति कर दी जाती है। मा. शिक्षा निदेशालय की ओर से थर्ड ग्रेड से द्वितीय श्रेणी में पदोन्नत शिक्षकों के पदस्थापन के लिए परामर्श कैंप के घोषित कार्यक्रम में भी पदोन्नत शिक्षकों की संख्या 1136 दर्शाई है।
शिक्षामंत्री से शिकायत, जांच कराने की मांग
उधर,राजस्थान शिक्षक एवं पंचायती राज कर्मचारी संघ जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा ने शिक्षामंत्री को इस मामले में प्रेषित किए ज्ञापन में रिक्त पदों के अनुरूप की गई डीपीसी में शामिल सभी 1136 शिक्षकों को पदस्थापन देने की मांग की है। वहीं, वरिष्ठता सूची में शामिल अन्य पात्र लोगों को काउंसलिंग में शामिल कर पदस्थापन दिए जाने सहित उप निदेशक भरतपुर की ओर से जारी वरीयता सूची में शामिल शिक्षकों की विषयवार संख्या एवं निदेशालय बीकानेर की ओर से काउंसलिंग कार्यक्रम में दर्शाई संख्या में 215 शिक्षकों के अंतर को लेकर इसकी उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है।
विषय वरीयता डीपीसी में अंतर
सूची संख्या शामिल संख्या
अंग्रेजी80 75 5
गणित 64 49 15
एसएसटी 133 116 17
सामान्य 58 50 08
हिंदी 371 333 38
विज्ञान 186 103 83
संस्कृत 240 191 49
उर्दू 04 04 -
योग1136 921 215
आंकड़े शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार
डीपीसी
पिछले महीने उप निदेशक कार्यालय माध्यमिक ने संभाग के भरतपुर, धौलपुर, करौली एवं सवाई माधोपुर जिले में थर्ड ग्रेड के विभिन्न विषयों के 1136 शिक्षकों की डीपीसी कर उसका अनुमोदन आरपीएससी अजमेर में पदोन्नति समिति की बैठक में करा कर सूची निदेशालय बीकानेर को भी दी गई थी, लेकिन दो दिन पूर्व उप निदेशक की ओर से जारी सूची में 921 ही नाम काउंसलिंग के लिए जारी किए गए हैं। ऐसे में डीपीसी में शामिल 215 शिक्षकों के नामों का गायब होना विभागीय कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है। शिक्षकों का आरोप है डीडी कार्यालय की ओर से पिछले कई वर्षों से वरिष्ठता सूचियों के अपडेशन से लेकर पदोन्नति में गड़बड़ियां की जाती रहीं हैं, जो कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। जिसके चलते संभाग के बड़ी संख्या में पात्र शिक्षक पदोन्नति से वंचित हो जाते हैं। अपात्र पहले से ही पदोन्नत शिक्षकों की पदोन्नति कर दी जाती है। मा. शिक्षा निदेशालय की ओर से थर्ड ग्रेड से द्वितीय श्रेणी में पदोन्नत शिक्षकों के पदस्थापन के लिए परामर्श कैंप के घोषित कार्यक्रम में भी पदोन्नत शिक्षकों की संख्या 1136 दर्शाई है।
शिक्षामंत्री से शिकायत, जांच कराने की मांग
उधर,राजस्थान शिक्षक एवं पंचायती राज कर्मचारी संघ जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा ने शिक्षामंत्री को इस मामले में प्रेषित किए ज्ञापन में रिक्त पदों के अनुरूप की गई डीपीसी में शामिल सभी 1136 शिक्षकों को पदस्थापन देने की मांग की है। वहीं, वरिष्ठता सूची में शामिल अन्य पात्र लोगों को काउंसलिंग में शामिल कर पदस्थापन दिए जाने सहित उप निदेशक भरतपुर की ओर से जारी वरीयता सूची में शामिल शिक्षकों की विषयवार संख्या एवं निदेशालय बीकानेर की ओर से काउंसलिंग कार्यक्रम में दर्शाई संख्या में 215 शिक्षकों के अंतर को लेकर इसकी उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है।
विषय वरीयता डीपीसी में अंतर
सूची संख्या शामिल संख्या
अंग्रेजी80 75 5
गणित 64 49 15
एसएसटी 133 116 17
सामान्य 58 50 08
हिंदी 371 333 38
विज्ञान 186 103 83
संस्कृत 240 191 49
उर्दू 04 04 -
योग1136 921 215
आंकड़े शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार
डीपीसी
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