कोटा. । शिक्षा विभाग ने नियमों को ताक पर रखकर पहुंचने में शहर के नजदीकी सरकारी स्कूलों में 40-40 इंटर्नशिप आशार्थी लगा दिए। हालात ये है कि इन आशार्थियों के स्कूलों में पढ़ाने की छोड़ बैठाने तक व्यवस्था नहीं है।
निदेशालय ने स्कूलों में खाली पड़े पदों के लिए बीएड, एसटीसी आशार्थियों को लगाने के आदेश दिए थे, ताकि बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके, लेकिन इस उद्देश्य से परे आशार्थियों को एडजस्ट किया जा रहा है, जबकि एेसे अधिकांश स्कूलों में पढ़ाने के लिए पर्याप्त स्टाफ है।
राजनीतिक दखल
शहर के नजदीक स्कूलों में आशार्थी लगाने में राजनीतिक दखल भी चल रहा है। जिन आशार्थियों की राजनीतिक पहुंच है, उनको पास के स्कूलों में एडजस्ट किया जा रहा है। इससे भी स्कूलों की व्यवस्था चरमरा रही है। संस्था प्रधान चाहकर भी इनको रोक नहीं पा रहा है।
यहां जगह खाली
राप्रावि गांवड़ी रंगपुर, बालिता रोड स्थित राप्रावि रामचन्द्रपुरा, राप्रावि कसार, लखावा समेत अन्य विद्यालय शामिल हैं। इन स्कूलों में आशार्थी नहीं लगाए गए हैं।
यहां लगा दी 'भीड़'
शिक्षा विभाग ने कोटा दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में सबसे ज्यादा आशार्थी लगाए। राउमावि बसंत विहार में 45, राउमावि केशवपुरा में 40, राउमावि महावीर नगर तृतीय में 40, राउमावि दादाबाड़ी 30, तलवंडी राउमावि 30, रंगबाड़ी बालिका स्कूल 30 समेत कई स्कूलों में इंटर्नशिप के लिए आशार्थी लगा दिए हैं।
लिखित पत्र पर ही आशार्थियों को लगा रहे हैं
संस्था प्रधान के लिखित पत्र पर ही आशार्थियों को लगा रहे हैं। पिछले दिनों शासन सचिव ने इस मामले की समीक्षा की थी। इसमें आदेशित किया गया था कि जिन स्कूलों में पर्याप्त आशार्थी लग चुके है। वे नहीं लें, अन्यथा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
-देवलाल गोचर, शैक्षणिक प्रकोष्ठ अधिकारी, प्रारंभिक शिक्षा
निदेशालय ने स्कूलों में खाली पड़े पदों के लिए बीएड, एसटीसी आशार्थियों को लगाने के आदेश दिए थे, ताकि बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके, लेकिन इस उद्देश्य से परे आशार्थियों को एडजस्ट किया जा रहा है, जबकि एेसे अधिकांश स्कूलों में पढ़ाने के लिए पर्याप्त स्टाफ है।
राजनीतिक दखल
शहर के नजदीक स्कूलों में आशार्थी लगाने में राजनीतिक दखल भी चल रहा है। जिन आशार्थियों की राजनीतिक पहुंच है, उनको पास के स्कूलों में एडजस्ट किया जा रहा है। इससे भी स्कूलों की व्यवस्था चरमरा रही है। संस्था प्रधान चाहकर भी इनको रोक नहीं पा रहा है।
यहां जगह खाली
राप्रावि गांवड़ी रंगपुर, बालिता रोड स्थित राप्रावि रामचन्द्रपुरा, राप्रावि कसार, लखावा समेत अन्य विद्यालय शामिल हैं। इन स्कूलों में आशार्थी नहीं लगाए गए हैं।
यहां लगा दी 'भीड़'
शिक्षा विभाग ने कोटा दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में सबसे ज्यादा आशार्थी लगाए। राउमावि बसंत विहार में 45, राउमावि केशवपुरा में 40, राउमावि महावीर नगर तृतीय में 40, राउमावि दादाबाड़ी 30, तलवंडी राउमावि 30, रंगबाड़ी बालिका स्कूल 30 समेत कई स्कूलों में इंटर्नशिप के लिए आशार्थी लगा दिए हैं।
लिखित पत्र पर ही आशार्थियों को लगा रहे हैं
संस्था प्रधान के लिखित पत्र पर ही आशार्थियों को लगा रहे हैं। पिछले दिनों शासन सचिव ने इस मामले की समीक्षा की थी। इसमें आदेशित किया गया था कि जिन स्कूलों में पर्याप्त आशार्थी लग चुके है। वे नहीं लें, अन्यथा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
-देवलाल गोचर, शैक्षणिक प्रकोष्ठ अधिकारी, प्रारंभिक शिक्षा
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