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दस सालों से गरीब परिवार के बच्चों को दे रहे निशुल्क शिक्षा

सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पद, शिक्षकों के जिम्मे कई कार्य, कार्यरत शिक्षकों की पढ़ाने में कम रुचि लेने आदि कारणों को लेकर पिछड़ी और दम तोड़ती प्रतिभाओं को सहारा देने के लिए जागरूक लोग व स्वयं छात्र आगे आने लगे हैं.

इनका सपना भर इतना है कि पैसों की कमी को लेकर कोई प्रतिभावान छात्र कामयाबी हासिल करने में नहीं पिछड़े. विकसित राष्ट्रों की तरह देश का विकास हो.

बाड़मेर जिले के प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 8 हजार 759 शिक्षकों पद रिक्त हैं. ऐसे विद्यालयों में इस तरह के प्रयासों की अधिक जरूरत है. जागरूक व्यक्तियों के प्रयास शिक्षक पद रिक्तता वाले विद्यालयों के कमजोर ग्रामीण छात्रों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं.

बाड़मेर के राजकीय चिकित्सालय में कार्यरत डॉ. भरत सारण सामान्य परिवार से हैं. पिता जैताराम चौधरी द्वितीय श्रेणी शिक्षक तो माता गृहिणी है. पूर्व राष्ट्रपति डॉ. कलाम के 2020 के सपने को साकार करने के लिए वे पिछले दस वर्ष से कमजोर परिवार के बच्चों को नि:शुल्क पढ़ा रहे हैं.

सारण बताते हैं कि डॉ. ओमप्रकाश और डॉ. हरदान सहारण के सहयोग पर फिफ्टी विलेजर्स सेवा संस्था बाड़मेर का गठन किया. संस्था से जुड़े चिकित्सक व अन्य नि:शुल्क पढ़ाई के कार्य में सहयोग करते हैं. संस्था के प्रयास से नीट, पीएमटी उत्तीर्ण छात्र ग्रामीण विद्यालयों में भौतिक, रसायन, जीव विज्ञान की पढ़ाई करवाते हैं.

चिकित्सकों की इस पहल के बाद रविवार को बाड़मेर के हाई स्कूल मैदान में छुट्टी के बावजूद हजारों बच्चो और शहर गांव के अभिभावकों ने 3 चिकित्सकों की इस पहल को सम्बंल दिया और कार्यक्रम में उमड़े.

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