बांसवाडा,। सात सूत्री मांगपत्र को
लेकर समूचे राज्य के व्याख्याता 5 अक्टूबर को जयपुर में महारैली का आयोजन
करेंगे। अपनी मांगों को लेकर लम्बे समय से आंदोलन कर रहे व्याख्याताओं के
दोनों संगठनों रेसा-पी के जिला अध्यक्ष विमल चौबीसा एवं रेसला के जिला
अध्यक्ष विजयकृष्ण वैष्णव ने रविवार को बांसवाड़ा में यह घोषणा की।
उन्होने बताया कि रेसा-पी के प्रदेशाध्यक्ष प्रमोद मिश्रा एवं रेसला के अध्यक्ष मोहन सिहाग की अगुवाई में 23 सितम्बर से जयपुर के शिक्षा संकुल के बाहर धरना जारी है। अब मांगों को लेकर आर-पार की लडाई का मानस बना लिया हैं और 5 अक्टूबर को जयपुर में होने वाली महारैली की तैयारियां पूरे प्रदेश में की जा रही हैं ताकि राज्य सरकार को अपने शक्ति प्रदर्शन से वाजिब मांगे पूरी करने संदेश दिया जा सकें। चौबीसा एवं वैष्णव ने सात सुत्रीय मांगों का ब्यौरा दिया व बताया कि उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य के पद पर पदोन्नति हेतु प्रदेश में कार्यरत व्याख्याताओं व माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों के संख्यात्मक अनुपात को देखकर वरिष्ठता सूची बनाई जाए तथा पदोन्नति में 92:8 के अनुपात से पदोन्नति की जाए।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के समस्त राज्य कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को शीघ्र लागू किया जाए और इसके सभी परिलाभ केन्द्र के अनुरूप दिए जाएं। उन्होंने सातवें वेतन आयोग में प्रधानाचार्य का वेतन स्थिरीकरण केन्द्र के अनुरूप करने, प्राध्यापकों का वेतन स्थिरीकरण केन्द्र के समकक्ष करने, काऊसलिंग में वंचित जुलाई 2015 की सूची से पदोन्नत इच्छुक प्रधानाचार्य व 2015 में आरपीएससी-डीपीसी द्वारा चयनित प्राध्यापकों को प्रदेश में रिक्त पदों पर पदस्थापन का मौका देने, नवपदोन्नत प्रधानाचार्यों का वेतन स्थिरीकरण नियम 24 की सही व्याख्या कर सभी जिलों में समान रूप से करने जाए तथा जुलाई 2013 से पूर्व पदोन्नत प्रधानाचार्य व इसके बाद पदोन्नत प्रधानाचार्य के वेतनमान की विसंगति को दूर करने की मांग की। उन्होंने बताया कि जयपुर में होने वाली महारैली में प्रदेश के शिक्षक जमा होंगे और सरकार के समक्ष अपने मांगपत्रों को लेकर सशक्त उपस्थिति दर्ज कराएंगें।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
उन्होने बताया कि रेसा-पी के प्रदेशाध्यक्ष प्रमोद मिश्रा एवं रेसला के अध्यक्ष मोहन सिहाग की अगुवाई में 23 सितम्बर से जयपुर के शिक्षा संकुल के बाहर धरना जारी है। अब मांगों को लेकर आर-पार की लडाई का मानस बना लिया हैं और 5 अक्टूबर को जयपुर में होने वाली महारैली की तैयारियां पूरे प्रदेश में की जा रही हैं ताकि राज्य सरकार को अपने शक्ति प्रदर्शन से वाजिब मांगे पूरी करने संदेश दिया जा सकें। चौबीसा एवं वैष्णव ने सात सुत्रीय मांगों का ब्यौरा दिया व बताया कि उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य के पद पर पदोन्नति हेतु प्रदेश में कार्यरत व्याख्याताओं व माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों के संख्यात्मक अनुपात को देखकर वरिष्ठता सूची बनाई जाए तथा पदोन्नति में 92:8 के अनुपात से पदोन्नति की जाए।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के समस्त राज्य कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को शीघ्र लागू किया जाए और इसके सभी परिलाभ केन्द्र के अनुरूप दिए जाएं। उन्होंने सातवें वेतन आयोग में प्रधानाचार्य का वेतन स्थिरीकरण केन्द्र के अनुरूप करने, प्राध्यापकों का वेतन स्थिरीकरण केन्द्र के समकक्ष करने, काऊसलिंग में वंचित जुलाई 2015 की सूची से पदोन्नत इच्छुक प्रधानाचार्य व 2015 में आरपीएससी-डीपीसी द्वारा चयनित प्राध्यापकों को प्रदेश में रिक्त पदों पर पदस्थापन का मौका देने, नवपदोन्नत प्रधानाचार्यों का वेतन स्थिरीकरण नियम 24 की सही व्याख्या कर सभी जिलों में समान रूप से करने जाए तथा जुलाई 2013 से पूर्व पदोन्नत प्रधानाचार्य व इसके बाद पदोन्नत प्रधानाचार्य के वेतनमान की विसंगति को दूर करने की मांग की। उन्होंने बताया कि जयपुर में होने वाली महारैली में प्रदेश के शिक्षक जमा होंगे और सरकार के समक्ष अपने मांगपत्रों को लेकर सशक्त उपस्थिति दर्ज कराएंगें।
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