राज्यसरकार की लापरवाही के कारण भर्तियां कोर्ट में अटकती हैं। ग्रेड थर्ड
शिक्षक भर्ती में भी यही कारण है। साढ़े तीन साल में सरकारों ने तीन बार
ग्रेड थर्ड शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया बदली। नतीजा यह है कि इस साल की 13
हजार पदों की भर्ती कोर्ट में चली गई है।
कांग्रेस सरकार ने 2012 में थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती का काम आरपीएससी से लेकर करीब 40 हजार पदों की भर्ती का काम जिला परिषदों को सौंपा था, लेकिन प्रक्रिया शुरू होते ही भर्ती में नियमों की उलझनें पैदा हो गई। इसका समाधान सरकार अब तक भी नहीं कर सकी हैं। चुनावी वर्ष ने कांग्रेस सरकार ने आनन-फानन पिछली भर्ती के विवाद खत्म किए बिना ही वर्ष 2013 में 20 हजार पदों के लिए जिला परिषदों के माध्यम से थर्ड ग्रेड शिक्षक की भर्ती खोल दी गई। जो दो वर्ष बाद भी पूरी नहीं हो सकी है। इस भर्ती में करीब सात हजार अभ्यर्थियों का चयन हो जाने के बाद भी नियुक्ति नहीं मिल सकी है। उन्हें अभी भी नियुक्ति का इंतजार है। भाजपा के सत्ता में आने के बाद जिला परिषदों से भर्ती का अधिकार छिनकर प्रारंभिक शिक्षा विभाग को सौंपा और रीट परीक्षा के माध्यम से ही भर्ती करने के लिए पिछले महीने प्रक्रिया शुरू कर अभ्यर्थियों से आवेदन पत्र भरवाने का काम शुरू किया, लेकिन आधे अधूरे नियमों के चलते भर्ती प्रक्रिया अटक गई। एक के बाद एक तीनों भर्तियां अटकने का खामियाजा भुगतान पड़ रहा है।
सुप्रीम कोर्ट में अटकी है 2012 से 2013 की भर्ती
वर्ष2012 2013 में शुरू की गई थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती आरटेट परीक्षा में अभ्यर्थियों को न्यूनतम उत्तीर्ण अंकों में छूट देने के कारण मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। इस बार शुरू की गई शिक्षक भर्ती भी नियमों के कारण हाईकोर्ट में अटक गई है। सरकार को भर्ती शुरू करने से पहले नियमों एवं प्रक्रिया का परीक्षण कर लेना चाहिए ताकि भर्ती समय पर पूरी हो सकें। अभ्यर्थियों को किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़े।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
कांग्रेस सरकार ने 2012 में थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती का काम आरपीएससी से लेकर करीब 40 हजार पदों की भर्ती का काम जिला परिषदों को सौंपा था, लेकिन प्रक्रिया शुरू होते ही भर्ती में नियमों की उलझनें पैदा हो गई। इसका समाधान सरकार अब तक भी नहीं कर सकी हैं। चुनावी वर्ष ने कांग्रेस सरकार ने आनन-फानन पिछली भर्ती के विवाद खत्म किए बिना ही वर्ष 2013 में 20 हजार पदों के लिए जिला परिषदों के माध्यम से थर्ड ग्रेड शिक्षक की भर्ती खोल दी गई। जो दो वर्ष बाद भी पूरी नहीं हो सकी है। इस भर्ती में करीब सात हजार अभ्यर्थियों का चयन हो जाने के बाद भी नियुक्ति नहीं मिल सकी है। उन्हें अभी भी नियुक्ति का इंतजार है। भाजपा के सत्ता में आने के बाद जिला परिषदों से भर्ती का अधिकार छिनकर प्रारंभिक शिक्षा विभाग को सौंपा और रीट परीक्षा के माध्यम से ही भर्ती करने के लिए पिछले महीने प्रक्रिया शुरू कर अभ्यर्थियों से आवेदन पत्र भरवाने का काम शुरू किया, लेकिन आधे अधूरे नियमों के चलते भर्ती प्रक्रिया अटक गई। एक के बाद एक तीनों भर्तियां अटकने का खामियाजा भुगतान पड़ रहा है।
सुप्रीम कोर्ट में अटकी है 2012 से 2013 की भर्ती
वर्ष2012 2013 में शुरू की गई थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती आरटेट परीक्षा में अभ्यर्थियों को न्यूनतम उत्तीर्ण अंकों में छूट देने के कारण मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। इस बार शुरू की गई शिक्षक भर्ती भी नियमों के कारण हाईकोर्ट में अटक गई है। सरकार को भर्ती शुरू करने से पहले नियमों एवं प्रक्रिया का परीक्षण कर लेना चाहिए ताकि भर्ती समय पर पूरी हो सकें। अभ्यर्थियों को किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़े।
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