पाली. जिले की 28 बेटिया अब निजी अस्पताल व सोनोग्राफी सेंटर की बेटी भी कहलाएगी। बेटियों को अच्छी शिक्षा दिलवाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से गुरुवार को यह पहल शुरू की गई।
गुरुवार को जिला कलक्टर सहित अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में जिले के निजी अस्पताल व सोनोग्राफी सेंटर ने 28 बेटियों को गोद लिया। अब इन बेटियों की पूरी शिक्षा का खर्च निजी अस्पताल व सोनोग्राफी सेंटर उठाएंगे। गुरुवार को आपणी बेटी योजना की समीक्षा बैठक में सभी निजी अस्पताल व सोनोग्राफी सेंटर के संचालकों ने इस पहल की शुरूवात की है। सभी संस्थाओं की ओर से अपनी गोद ली गई बेटी को शिक्षण सामग्री किट उपलब्ध करवाया गया। इस दौरान आरसीएचओ डॉ. दीपक तंवर, जिला प्रशिक्षण प्रधानाचार्य केसी सैनी, डीपीएम भवानीसिंह, पीसीपीएनडीटी समन्वयक महेश कुमार निजी अस्पताल व सोनोग्राफी सेंटर के संचालक मौजूद थे।
संस्था की ब्राण्ड एम्बेसडर होगी बेटी
सीएमएचओ डॉ. एसएस शेखावत ने बताया कि जिस संस्थान ने बेटी गोद ली है। वह बेटी उस संस्थान की ब्राण्ड एम्बेसडर होगी। संस्थान के मुख्य द्वार पर उस बेटी का फोटो लगाया जाएगा। साथ ही उस बेटी के शिक्षा का पूरा खर्च उस संस्था की ओर से उठाया जाएगा।
रेखा होगी जिले की ब्राण्ड एम्बेसडर
जिले की ब्राण्ड एम्बेसडर बेटी रेखा वैष्णव को बनाया गया है। जिला प्रशासन व चिकित्सा विभाग ने जिले की ब्रांड एम्बेसडर बेटी के लिए शिक्षा विभाग व कॉलेज प्रशासन से एक बेटी का नाम मांगा था। इसके तहत बांगड़ कॉलेज एमए की छात्र रेखा वैष्णव का नाम जिले की बेटी के लिए सामने आया। जिला कलक्टर कुमारपाल गौतम ने बताया कि रेखा वैष्णव के पिता गोपालदास स्वयं अनपढ़ होने के बाद भी बेटी को उच्च शिक्षा दिला रहे हैं। रेखा ने पढ़ाई के साथ ही खेलों में भी अपना दबदबा बना रखा है। उसे दो बार जिला प्रशासन की ओर से सम्मानित किया जा चुका है। साथ ही राज्य स्तरीय महिला कुश्ती में द्वितीय, राज्य स्तरीय खो-खो प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त कर चुकी है। वहीं पिछले दिनों छत्तीसगढ़ के रायपुर में आयोजित राष्ट्रीय युवा महोत्सव में भी भाग ले चुकी है।
अगले चरण में सभी सरकारी डॉक्टर गोद लेंगे बेटी
सीएमएचओ डॉ. एसएस शेखावत ने बताया कि आपणी बेटी योजना के दूसरे चरण में सभी सरकारी डॉक्टर एक-एक बेटी गोद लेंगे। उसके बाद तीसरे चरण में सभी जिला स्तरीय अधिकारी व ब्लॉक स्तरीय अधिकारी बेटी गोद लेंगे। उन्होंने बताया कि बेटी को किसी व्यक्ति को नहीं उस पद को गोद दिया जा रहा है। उस बेटी के पढाई की जिम्मेदारी उस पद पर रहने वाले अधिकारी की होगी।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
गुरुवार को जिला कलक्टर सहित अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में जिले के निजी अस्पताल व सोनोग्राफी सेंटर ने 28 बेटियों को गोद लिया। अब इन बेटियों की पूरी शिक्षा का खर्च निजी अस्पताल व सोनोग्राफी सेंटर उठाएंगे। गुरुवार को आपणी बेटी योजना की समीक्षा बैठक में सभी निजी अस्पताल व सोनोग्राफी सेंटर के संचालकों ने इस पहल की शुरूवात की है। सभी संस्थाओं की ओर से अपनी गोद ली गई बेटी को शिक्षण सामग्री किट उपलब्ध करवाया गया। इस दौरान आरसीएचओ डॉ. दीपक तंवर, जिला प्रशिक्षण प्रधानाचार्य केसी सैनी, डीपीएम भवानीसिंह, पीसीपीएनडीटी समन्वयक महेश कुमार निजी अस्पताल व सोनोग्राफी सेंटर के संचालक मौजूद थे।
संस्था की ब्राण्ड एम्बेसडर होगी बेटी
सीएमएचओ डॉ. एसएस शेखावत ने बताया कि जिस संस्थान ने बेटी गोद ली है। वह बेटी उस संस्थान की ब्राण्ड एम्बेसडर होगी। संस्थान के मुख्य द्वार पर उस बेटी का फोटो लगाया जाएगा। साथ ही उस बेटी के शिक्षा का पूरा खर्च उस संस्था की ओर से उठाया जाएगा।
रेखा होगी जिले की ब्राण्ड एम्बेसडर
जिले की ब्राण्ड एम्बेसडर बेटी रेखा वैष्णव को बनाया गया है। जिला प्रशासन व चिकित्सा विभाग ने जिले की ब्रांड एम्बेसडर बेटी के लिए शिक्षा विभाग व कॉलेज प्रशासन से एक बेटी का नाम मांगा था। इसके तहत बांगड़ कॉलेज एमए की छात्र रेखा वैष्णव का नाम जिले की बेटी के लिए सामने आया। जिला कलक्टर कुमारपाल गौतम ने बताया कि रेखा वैष्णव के पिता गोपालदास स्वयं अनपढ़ होने के बाद भी बेटी को उच्च शिक्षा दिला रहे हैं। रेखा ने पढ़ाई के साथ ही खेलों में भी अपना दबदबा बना रखा है। उसे दो बार जिला प्रशासन की ओर से सम्मानित किया जा चुका है। साथ ही राज्य स्तरीय महिला कुश्ती में द्वितीय, राज्य स्तरीय खो-खो प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त कर चुकी है। वहीं पिछले दिनों छत्तीसगढ़ के रायपुर में आयोजित राष्ट्रीय युवा महोत्सव में भी भाग ले चुकी है।
अगले चरण में सभी सरकारी डॉक्टर गोद लेंगे बेटी
सीएमएचओ डॉ. एसएस शेखावत ने बताया कि आपणी बेटी योजना के दूसरे चरण में सभी सरकारी डॉक्टर एक-एक बेटी गोद लेंगे। उसके बाद तीसरे चरण में सभी जिला स्तरीय अधिकारी व ब्लॉक स्तरीय अधिकारी बेटी गोद लेंगे। उन्होंने बताया कि बेटी को किसी व्यक्ति को नहीं उस पद को गोद दिया जा रहा है। उस बेटी के पढाई की जिम्मेदारी उस पद पर रहने वाले अधिकारी की होगी।
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