डॉ. सचिन माथुर सीकर. । इसे लापरवाही कहें या सांठगांठ का खेल...। जिस राजस्थान विश्वविद्यालय की सम्बद्धता नहीं होने पर सीकर व झुंझुनूं के कॉलेजों के परिणाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी यूनिवर्सिटी ने रोक दिए हैं, खुद राजस्थान विश्वविद्यालय ने ही उन कॉलेजों का सेकंड व फाइनल ईयर का परिणाम जारी कर दिया है।
राजस्थान विश्वविद्यालय को कॉलेजों के पास सम्बद्धता नहीं होने की जानकारी भी मिल गई थी। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि राजस्थान विश्वविद्यालय में किस कदर अंधेरगर्दी है।
यह है मामला
सीकर व झुंझुनूं के कॉलेज राजस्थान विश्वविद्यालय के अधीन रहे हैं। लेकिन, पिछले साल इन्हें शेखावाटी विश्वविद्यालय के अधीन कर सरकार ने शेखावाटी विश्वविद्यालय को इनकी प्रथम वर्ष की परीक्षा का जिम्मा सौंपा था। परीक्षा के बाद शेखावाटी विश्वविद्यालय ने सीकर व झुंझुनूं के 17 ऐसे निजी कॉलेजों को पकड़ा था, जिनके पास कुछ विषयों में समबद्धता नहीं होने के बावजूद उन्होंने स्टूडेंट्स की परीक्षा करवा दी थी।
सामने आया था कि राजस्थान विश्वविद्यालय कई सालों से बिना सम्बद्धता उनकी परीक्षा करवा परिणाम भी जारी कर रही थी। मामले में शेखावाटी विश्वविद्यालय ने उन कॉलेजों पर पेनाल्टी लगाकर उनके स्टूडेंट्स को प्राइवेट कर दिया। पेनाल्टी नहीं जमा कराने वाले कॉलेजों का रिजल्ट भी रोक लिया। लेकिन, उन्हीं कॉलेजों के राजस्थान विश्वविद्यालय से सेकंड व फाइनल ईयर की परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स की परीक्षा करवा राजस्थान विश्वविद्यालय ने फिर उनका रिजल्ट जारी कर दिया है।
शेखावाटी विश्वविद्यालय के मुताबिक इन 17 कॉलेजों में से 2 कॉलेजों ने तो बाद में राजस्थान यूनिवर्सिटी का ऐफिलिएशन पेश कर दिया था। जबकि तीन कॉलेजों के कोर्ट में जाने पर कोर्ट ने उन्हें पेनाल्टी जमा कराने को कहा। 9 कॉलेजों ने पेनाल्टी जमा करवा दी। जबकि बाकी कॉलेजों पर अब तक कोई फैसला नहीं हुआ। लिहाजा, शेखावाटी यूनिवर्सिटी ने उनका परिणाम अब तक रोक
रखा है।
एक लाख का लगाया था जुर्माना
बिना सम्बद्धता प्रवेश देने वाले कॉलेजों पर शेखावाटी यूनिवर्सिटी की बीओआई ने 10 हजार रुपए प्रति स्टूडेंट या एक लाख में जो भी ज्यादा हो का जुर्माना तय किया था। स्टूडेंट्स को प्राइवेट करने के साथ ड्राइंग एण्ड पेंटिंग, फिजिकल एजुकेशन तथा एमएससी केमिस्ट्री सरीखी प्राइवेट नहीं होने
वाली परीक्षा को तो रद्द भी कर
दिया था। इस मामले में कई महाविद्यालयों ने जुर्माना भी जमा करा दिया था। जबकि कई महाविद्यालयों ने न्यायालय की शरण ली थी। इधर, राजस्थान विश्वविद्यालय के इन महाविद्यालय के परिणाम जारी करने से सवाल खड़े हो रहे हैं।
सम्बद्धता से जुड़े विषयों का नियमानुसार निस्तारण किया जाता है। किसी को भी नियम विरुद्ध छूट नहीं दी जाती है। जो मामले बता रहे हैं, उनकी पड़ताल की जाएगी।
डॉ. बी. एल. गुप्ता, परीक्षा नियंत्रक
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
राजस्थान विश्वविद्यालय को कॉलेजों के पास सम्बद्धता नहीं होने की जानकारी भी मिल गई थी। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि राजस्थान विश्वविद्यालय में किस कदर अंधेरगर्दी है।
यह है मामला
सीकर व झुंझुनूं के कॉलेज राजस्थान विश्वविद्यालय के अधीन रहे हैं। लेकिन, पिछले साल इन्हें शेखावाटी विश्वविद्यालय के अधीन कर सरकार ने शेखावाटी विश्वविद्यालय को इनकी प्रथम वर्ष की परीक्षा का जिम्मा सौंपा था। परीक्षा के बाद शेखावाटी विश्वविद्यालय ने सीकर व झुंझुनूं के 17 ऐसे निजी कॉलेजों को पकड़ा था, जिनके पास कुछ विषयों में समबद्धता नहीं होने के बावजूद उन्होंने स्टूडेंट्स की परीक्षा करवा दी थी।
सामने आया था कि राजस्थान विश्वविद्यालय कई सालों से बिना सम्बद्धता उनकी परीक्षा करवा परिणाम भी जारी कर रही थी। मामले में शेखावाटी विश्वविद्यालय ने उन कॉलेजों पर पेनाल्टी लगाकर उनके स्टूडेंट्स को प्राइवेट कर दिया। पेनाल्टी नहीं जमा कराने वाले कॉलेजों का रिजल्ट भी रोक लिया। लेकिन, उन्हीं कॉलेजों के राजस्थान विश्वविद्यालय से सेकंड व फाइनल ईयर की परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स की परीक्षा करवा राजस्थान विश्वविद्यालय ने फिर उनका रिजल्ट जारी कर दिया है।
शेखावाटी विश्वविद्यालय के मुताबिक इन 17 कॉलेजों में से 2 कॉलेजों ने तो बाद में राजस्थान यूनिवर्सिटी का ऐफिलिएशन पेश कर दिया था। जबकि तीन कॉलेजों के कोर्ट में जाने पर कोर्ट ने उन्हें पेनाल्टी जमा कराने को कहा। 9 कॉलेजों ने पेनाल्टी जमा करवा दी। जबकि बाकी कॉलेजों पर अब तक कोई फैसला नहीं हुआ। लिहाजा, शेखावाटी यूनिवर्सिटी ने उनका परिणाम अब तक रोक
रखा है।
एक लाख का लगाया था जुर्माना
बिना सम्बद्धता प्रवेश देने वाले कॉलेजों पर शेखावाटी यूनिवर्सिटी की बीओआई ने 10 हजार रुपए प्रति स्टूडेंट या एक लाख में जो भी ज्यादा हो का जुर्माना तय किया था। स्टूडेंट्स को प्राइवेट करने के साथ ड्राइंग एण्ड पेंटिंग, फिजिकल एजुकेशन तथा एमएससी केमिस्ट्री सरीखी प्राइवेट नहीं होने
वाली परीक्षा को तो रद्द भी कर
दिया था। इस मामले में कई महाविद्यालयों ने जुर्माना भी जमा करा दिया था। जबकि कई महाविद्यालयों ने न्यायालय की शरण ली थी। इधर, राजस्थान विश्वविद्यालय के इन महाविद्यालय के परिणाम जारी करने से सवाल खड़े हो रहे हैं।
सम्बद्धता से जुड़े विषयों का नियमानुसार निस्तारण किया जाता है। किसी को भी नियम विरुद्ध छूट नहीं दी जाती है। जो मामले बता रहे हैं, उनकी पड़ताल की जाएगी।
डॉ. बी. एल. गुप्ता, परीक्षा नियंत्रक
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
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