छबड़ा।राज्य के गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने शनिवार को मौजूदा शिक्षाव्यवस्था को लेकर सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने कहा कि देश में शिक्षा का विघटन हो रहा है, गरीब की शिक्षा अलग और अमीर की अलग हो रही है। Read More : चार जनों की तत्परता से बची नाले में गिरी बालिकासंस्कार व आदर्श खो गए हैं।
उन्होंनेशिक्षकों से अपना कत्र्तव्य पूरी जिम्मेदारी से निभाने का आह्वान किया। वे विद्या भारती संस्थान की ओरसे संचालित यहां के आदर्श विद्या मंदिर में 65 लाख रुपए की लागत से नवनिर्मित भवन के लोकार्पण समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। Read More : डकैती के आरोपित को लेने रायपुर जाएगी पुलिसउन्होंने कहा कि बच्चे को संस्कार यातो माता-पिता से या स्कूल से मिलते हैं, कभी गरीब-अमीर सरकारी स्कूल में एक साथ पढ़ते थे लेकिन अब सोच बदल रहीहै। सरकारी स्कूल अब गरीबों के लिए रह गए। समरसता आनी चाहिए थी, उसके टुकड़े कर डाले। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा 40 हजार करोड़ रुपए शिक्षा में खर्च करने के बाद भी संस्कार और संवेदना नहीं है, 28 हजार रुपए से 1 लाख रुपए की तनख्वाह के बादभी कुछ ही स्कूलों का परीक्षा परिणामही अच्छा रहता है। कत्र्तव्य का निर्वहन करोकटारिया ने कहा कि एक दूसरे की गलती मत निकालो अपने कत्र्तव्य का सही निर्वहन करो, चुनौती के रूप में लो हिंदुस्तानी बच्चों ने हर देश में अपनी बुद्धि का झंडा गाड़ा है। यहां के बच्चों में टेलेंट है किंतु इसे उभारने की जरूरत है। उन्होंनेे कहा पहले राजा हरीशचंद्र, पन्नाधाय के पाठ पढ़ाए जाते थे जिससे बच्चे सीखतेथे। कटारिया ने विद्या मंदिर को इंसान घडऩे की फैक्ट्री बताते हुए कहा कि यहां शिक्षा के साथ संस्कार दिए जाते हैं। संस्कार आज सबसे बड़ी जरूरत है, इसीलिए समूचे देश में 14 हजार विद्यालय विद्या भारती संस्थानके चल रहे हैं।Read More : सड़क पर ही छोड़ भागे बाइक, चोरी गई 3 बाइक बरामदगिर रहा स्तरसमारोह की अध्यक्षता क्षेत्रीय विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने की एवंमुख्य उद्बोधनकर्ता के रूप में विद्या भारती शिक्षण संस्थान के राष्ट्रीय सह मंत्री शिवप्रसाद ने भाग लिया। समारोह में बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद थे। संस्थान के राष्ट्रीय सह मंत्री शिव प्रसाद ने कहा कि शिक्षा के वर्तमान स्वरूप नेेवास्तव में गौरव खो दिया है। विद्या भारती का लक्ष्य है पंचकोषात्मक विकास करना जो हम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज शिक्षा नहीं है स्तर नीचे गिर गया है, मूल उद्देश्य ध्वस्त हो गए हैं, सिर्फ रटने वाली अंग्रेजी शिक्षा चल रही है, शिक्षा गलत मार्ग पर जा रही है।
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उन्होंनेशिक्षकों से अपना कत्र्तव्य पूरी जिम्मेदारी से निभाने का आह्वान किया। वे विद्या भारती संस्थान की ओरसे संचालित यहां के आदर्श विद्या मंदिर में 65 लाख रुपए की लागत से नवनिर्मित भवन के लोकार्पण समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। Read More : डकैती के आरोपित को लेने रायपुर जाएगी पुलिसउन्होंने कहा कि बच्चे को संस्कार यातो माता-पिता से या स्कूल से मिलते हैं, कभी गरीब-अमीर सरकारी स्कूल में एक साथ पढ़ते थे लेकिन अब सोच बदल रहीहै। सरकारी स्कूल अब गरीबों के लिए रह गए। समरसता आनी चाहिए थी, उसके टुकड़े कर डाले। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा 40 हजार करोड़ रुपए शिक्षा में खर्च करने के बाद भी संस्कार और संवेदना नहीं है, 28 हजार रुपए से 1 लाख रुपए की तनख्वाह के बादभी कुछ ही स्कूलों का परीक्षा परिणामही अच्छा रहता है। कत्र्तव्य का निर्वहन करोकटारिया ने कहा कि एक दूसरे की गलती मत निकालो अपने कत्र्तव्य का सही निर्वहन करो, चुनौती के रूप में लो हिंदुस्तानी बच्चों ने हर देश में अपनी बुद्धि का झंडा गाड़ा है। यहां के बच्चों में टेलेंट है किंतु इसे उभारने की जरूरत है। उन्होंनेे कहा पहले राजा हरीशचंद्र, पन्नाधाय के पाठ पढ़ाए जाते थे जिससे बच्चे सीखतेथे। कटारिया ने विद्या मंदिर को इंसान घडऩे की फैक्ट्री बताते हुए कहा कि यहां शिक्षा के साथ संस्कार दिए जाते हैं। संस्कार आज सबसे बड़ी जरूरत है, इसीलिए समूचे देश में 14 हजार विद्यालय विद्या भारती संस्थानके चल रहे हैं।Read More : सड़क पर ही छोड़ भागे बाइक, चोरी गई 3 बाइक बरामदगिर रहा स्तरसमारोह की अध्यक्षता क्षेत्रीय विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने की एवंमुख्य उद्बोधनकर्ता के रूप में विद्या भारती शिक्षण संस्थान के राष्ट्रीय सह मंत्री शिवप्रसाद ने भाग लिया। समारोह में बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद थे। संस्थान के राष्ट्रीय सह मंत्री शिव प्रसाद ने कहा कि शिक्षा के वर्तमान स्वरूप नेेवास्तव में गौरव खो दिया है। विद्या भारती का लक्ष्य है पंचकोषात्मक विकास करना जो हम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज शिक्षा नहीं है स्तर नीचे गिर गया है, मूल उद्देश्य ध्वस्त हो गए हैं, सिर्फ रटने वाली अंग्रेजी शिक्षा चल रही है, शिक्षा गलत मार्ग पर जा रही है।
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