चितौड़गढ़ शिक्षाविभाग में अंधेरगर्दी स्टाफिंग पैटर्न के बाद एकल स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों पर भारी पड़ रही है। करीब 33 शिक्षक प्रारंभिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग के फेर में फंसे होने से दो महीने से उनके वेतन के लाले पड़े हुए है।
प्रारंभिक शिक्षा विभाग यह कहते हुए वेतन जारी नहीं कर रहा कि ये शिक्षक माध्यमिक में चले गए। माध्यमिक शिक्षा विभाग कह रहा कि ये अभी हमारे यहां सेवा नहीं दे रहे हैं।
माध्यमिक शिक्षा विभाग में जून में स्टाफिंग पैटर्न की प्रक्रिया चली। इस दौरान जिले में 6डी में कार्यरत शिक्षकों की काउंसलिंग कर समायोजन कर दिया था। हालांकि उसी दिन से ये शिक्षक प्रारंभिक शिक्षा से माध्यमिक शिक्षा में चले गए थे,लेकिन निदेशालय के एकल शिक्षकों को पद पूर्ति होने के बाद ही कार्यमुक्त होने के निर्देश से पेच फंस गया। जिले के करीब 33 शिक्षक प्रारंभिक शिक्षा के स्कूलों में ही सेवा देते रहे। उन्हें यह पता नहीं था कि इस चक्कर में माध्यमिक शिक्षा विभाग वेतन नहीं देगा। पूरे दो महीने निकल गए। इन शिक्षकों ने वेतन की मांग की,लेकिन माध्यमिक शिक्षा अधिकारियों ने यह कहते हुए मना कर दिया कि अभी तक हमारे यहां सेवा ही नहीं दे रहे तो,वेतन काहे का। प्रारंभिक शिक्षा के अधिकारियों ने भी यह कहते हुए टाल दिया कि उनको वेतन देने की जिम्मेदारी माध्यमिक शिक्षा विभाग की है। इस प्रकार वेतन की मांग को लेकर ये शिक्षक फुटबाल बने हुए है। हालांकि अब प्रारंभिक शिक्षा विभाग निदेशालय से मार्गदर्शन मांग रहा है,लेकिन अभी यह तय नहीं हो पाया कि आखिर इन शिक्षकों को वेतन कब तक मिलेगा और कौन सा विभाग देगा। इस कारण ये शिक्षक और उनके परिवार आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं।
^6-डी में समायोजित शिक्षकों के वेतन के संबंध में उप निदेशक प्रारंभिक शिक्षा को पत्र भेजकर मार्गदर्शन मांगा है। उम्मीद है कि जल्द समस्या का निराकरण हो सकेगा। लक्ष्मीचौबीसा,डीईओ प्रारंभिक,चित्तौड़गढ़
2012 के शिक्षक भी परेशान
2012में नियुक्त हुए कई तृतीय श्रेणी शिक्षक भी परेशान है। जैसे तैसे जिले में कार्यरत इन कैटेगरी के शिक्षकों को वेतनवृद्धि का लाभ मिलना शुरू हुआ,लेकिन इसमें भी कई शिक्षकों को मेडिकल सुविधा प्राप्त हुई तो,कुछ को नहीं।
यहां हैं एक-एक शिक्षक नियुक्त
{भूपालसागरमें 6
{गंगरार में 7
{निम्बाहेड़ा में 2
{भदेसर में 3
{डूंगला में 5
{चित्तौड़गढ़ में 10
पूरी तैयारी के बाद ही अपनाना था पैटर्न
राजस्थानशिक्षक संघ राधाकृष्णन के जिलाध्यक्ष लालसिंह अमराणा,मंत्री अनिल शर्मा सहित शिक्षक नेताओं ने कहा कि स्टाफिंग पैटर्न अपनाते समय प्रारंभिक शिक्षा विभाग के एकल शिक्षकों को रिलीव नहीं करने के आदेश जारी किए। उसी दौरान यह तय करना चाहिए था कि इन शिक्षकों को वेतन कौन जारी होगा। इससे विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न खड़ा होता है।
^स्टाफिंग पैटर्न के दौरान प्रारंभिक से माध्यमिक में आए शिक्षकों को वेतन माध्यमिक से दिया जा रहा है,लेकिन जो शिक्षक अभी भी प्रारंभिक शिक्षा विभाग की स्कूलों में कार्यरत है,उनको माशि विभाग कैसे वेतन जारी करे। फिर भी उच्च अधिकारियों से मार्गदर्शन मांगा जाएगा। शांतिलालसुथार,एडीईओ माध्यमिक,चित्तौड़गढ़
^सरकारको शिक्षकों के वेतन सहित समस्याओं के निराकरण का ध्यान रखना चाहिए। इसके बिना उनके पूरे समर्पण एवं मनोयोग से अध्यापन कराने की उम्मीद भी बेमानी हो जाती है। दोनों विभाग के अधिकारियों को वेतन की समस्या का समाधान करना चाहिए।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
प्रारंभिक शिक्षा विभाग यह कहते हुए वेतन जारी नहीं कर रहा कि ये शिक्षक माध्यमिक में चले गए। माध्यमिक शिक्षा विभाग कह रहा कि ये अभी हमारे यहां सेवा नहीं दे रहे हैं।
माध्यमिक शिक्षा विभाग में जून में स्टाफिंग पैटर्न की प्रक्रिया चली। इस दौरान जिले में 6डी में कार्यरत शिक्षकों की काउंसलिंग कर समायोजन कर दिया था। हालांकि उसी दिन से ये शिक्षक प्रारंभिक शिक्षा से माध्यमिक शिक्षा में चले गए थे,लेकिन निदेशालय के एकल शिक्षकों को पद पूर्ति होने के बाद ही कार्यमुक्त होने के निर्देश से पेच फंस गया। जिले के करीब 33 शिक्षक प्रारंभिक शिक्षा के स्कूलों में ही सेवा देते रहे। उन्हें यह पता नहीं था कि इस चक्कर में माध्यमिक शिक्षा विभाग वेतन नहीं देगा। पूरे दो महीने निकल गए। इन शिक्षकों ने वेतन की मांग की,लेकिन माध्यमिक शिक्षा अधिकारियों ने यह कहते हुए मना कर दिया कि अभी तक हमारे यहां सेवा ही नहीं दे रहे तो,वेतन काहे का। प्रारंभिक शिक्षा के अधिकारियों ने भी यह कहते हुए टाल दिया कि उनको वेतन देने की जिम्मेदारी माध्यमिक शिक्षा विभाग की है। इस प्रकार वेतन की मांग को लेकर ये शिक्षक फुटबाल बने हुए है। हालांकि अब प्रारंभिक शिक्षा विभाग निदेशालय से मार्गदर्शन मांग रहा है,लेकिन अभी यह तय नहीं हो पाया कि आखिर इन शिक्षकों को वेतन कब तक मिलेगा और कौन सा विभाग देगा। इस कारण ये शिक्षक और उनके परिवार आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं।
^6-डी में समायोजित शिक्षकों के वेतन के संबंध में उप निदेशक प्रारंभिक शिक्षा को पत्र भेजकर मार्गदर्शन मांगा है। उम्मीद है कि जल्द समस्या का निराकरण हो सकेगा। लक्ष्मीचौबीसा,डीईओ प्रारंभिक,चित्तौड़गढ़
2012 के शिक्षक भी परेशान
2012में नियुक्त हुए कई तृतीय श्रेणी शिक्षक भी परेशान है। जैसे तैसे जिले में कार्यरत इन कैटेगरी के शिक्षकों को वेतनवृद्धि का लाभ मिलना शुरू हुआ,लेकिन इसमें भी कई शिक्षकों को मेडिकल सुविधा प्राप्त हुई तो,कुछ को नहीं।
यहां हैं एक-एक शिक्षक नियुक्त
{भूपालसागरमें 6
{गंगरार में 7
{निम्बाहेड़ा में 2
{भदेसर में 3
{डूंगला में 5
{चित्तौड़गढ़ में 10
पूरी तैयारी के बाद ही अपनाना था पैटर्न
राजस्थानशिक्षक संघ राधाकृष्णन के जिलाध्यक्ष लालसिंह अमराणा,मंत्री अनिल शर्मा सहित शिक्षक नेताओं ने कहा कि स्टाफिंग पैटर्न अपनाते समय प्रारंभिक शिक्षा विभाग के एकल शिक्षकों को रिलीव नहीं करने के आदेश जारी किए। उसी दौरान यह तय करना चाहिए था कि इन शिक्षकों को वेतन कौन जारी होगा। इससे विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न खड़ा होता है।
^स्टाफिंग पैटर्न के दौरान प्रारंभिक से माध्यमिक में आए शिक्षकों को वेतन माध्यमिक से दिया जा रहा है,लेकिन जो शिक्षक अभी भी प्रारंभिक शिक्षा विभाग की स्कूलों में कार्यरत है,उनको माशि विभाग कैसे वेतन जारी करे। फिर भी उच्च अधिकारियों से मार्गदर्शन मांगा जाएगा। शांतिलालसुथार,एडीईओ माध्यमिक,चित्तौड़गढ़
^सरकारको शिक्षकों के वेतन सहित समस्याओं के निराकरण का ध्यान रखना चाहिए। इसके बिना उनके पूरे समर्पण एवं मनोयोग से अध्यापन कराने की उम्मीद भी बेमानी हो जाती है। दोनों विभाग के अधिकारियों को वेतन की समस्या का समाधान करना चाहिए।
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