इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय अब प्रदेश के आदिवासी क्षेत्र
में ड्रॉपआउट स्टूडेंट्स को शिक्षा से जोड़ने के लिए डाटा बेस तैयार करेगा।
प्रथम चरण में तहसील मुख्यालय पर ड्रॉपआउट स्टूडेंट्स की पहचान की जाएगी।
स्कूली बच्चों को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूली से जोड़ा जाएगा।
वहीं कॉलेज स्टूडेंट्स को इग्नू दूरस्थ शिक्षा के तहत डिग्री देगा। इग्नू ने पहली बार इस शैक्षणिक सत्र (2016-17) से एसटी-एससी वर्ग के स्टूडेंट्स को ग्रेजुएशन कोर्सेज में नि:शुल्क शिक्षा देने की पहल शुरू की है। इनमें बीए, बीकॉम, बीएसडब्ल्यू, बीएससी और बीसीए कोर्सेज शामिल हैं। इग्नू की इस नि:शुल्क शिक्षा का उद्देश्य आदिवासी क्षेत्र में बदलाव लाना है। इसके लिए जोधपुर रीजन के सहायक क्षेत्रीय निदेशक की टीम बीते एक सप्ताह से मेवाड़ के आदिवासी जिलों में दौरे कर रही है। टीम ने प्रतापगढ़, बांसवाड़ा, डूंगरपुर और उदयपुर के कॉलेज-स्कूल में सेमिनार किए। पंचायतों में भी लोगों से फीडबैक ले रहे हैं।
शिविरलगाकर करेंगे चिह्नित, रोजगार भी उपलब्ध कराएंगे : इग्नूजोधपुर के सहायक क्षेत्रीय निदेशक डॉ. अजय वर्धन आचार्य ने बताया कि आदिवासी जिलों में तहसील स्तर पर शिविर लगाए जाएंगे। शिविर में साक्षरता विभाग के प्रेरक, शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तथा ग्रामीणों की मदद ली जाएगी। जिसके आधार पर ड्रॉपआउट स्टूडेंट्स काे चिह्नित करेंगे। डॉ. आचार्य ने बताया कि आदिवासी युवाओं का पलायन रोकने के लिए काउंसलिंग सेंटर बनाए जाएंगे। जहां स्टूडेंट्स के साथ अभिभावकों की भी काउंसलिंग की जाएगी। फिर उनके बच्चों को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत रोजगार से जोड़ा जाएगा। वर्तमान में विद्याभवन कॉलेज में इग्नू की ओर से रोजगार प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
वहीं कॉलेज स्टूडेंट्स को इग्नू दूरस्थ शिक्षा के तहत डिग्री देगा। इग्नू ने पहली बार इस शैक्षणिक सत्र (2016-17) से एसटी-एससी वर्ग के स्टूडेंट्स को ग्रेजुएशन कोर्सेज में नि:शुल्क शिक्षा देने की पहल शुरू की है। इनमें बीए, बीकॉम, बीएसडब्ल्यू, बीएससी और बीसीए कोर्सेज शामिल हैं। इग्नू की इस नि:शुल्क शिक्षा का उद्देश्य आदिवासी क्षेत्र में बदलाव लाना है। इसके लिए जोधपुर रीजन के सहायक क्षेत्रीय निदेशक की टीम बीते एक सप्ताह से मेवाड़ के आदिवासी जिलों में दौरे कर रही है। टीम ने प्रतापगढ़, बांसवाड़ा, डूंगरपुर और उदयपुर के कॉलेज-स्कूल में सेमिनार किए। पंचायतों में भी लोगों से फीडबैक ले रहे हैं।
शिविरलगाकर करेंगे चिह्नित, रोजगार भी उपलब्ध कराएंगे : इग्नूजोधपुर के सहायक क्षेत्रीय निदेशक डॉ. अजय वर्धन आचार्य ने बताया कि आदिवासी जिलों में तहसील स्तर पर शिविर लगाए जाएंगे। शिविर में साक्षरता विभाग के प्रेरक, शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तथा ग्रामीणों की मदद ली जाएगी। जिसके आधार पर ड्रॉपआउट स्टूडेंट्स काे चिह्नित करेंगे। डॉ. आचार्य ने बताया कि आदिवासी युवाओं का पलायन रोकने के लिए काउंसलिंग सेंटर बनाए जाएंगे। जहां स्टूडेंट्स के साथ अभिभावकों की भी काउंसलिंग की जाएगी। फिर उनके बच्चों को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत रोजगार से जोड़ा जाएगा। वर्तमान में विद्याभवन कॉलेज में इग्नू की ओर से रोजगार प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
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