भगवानपुरा/स्कूलोंमें शिक्षकों की कमी से पढ़ाई चौपट हो रही है। शिक्षक
लगाने की मांग को लेकर आए दिन आंदोलन हो रहे हैं। स्कूलों में नामांकन के
मुकाबले शिक्षक कम हैं। वहीं कमरों का अभाव होने से बच्चों को खुले में
बैठकर पढ़ना पड़ता है।
कई स्कूल ऐसे हैं जहां दो बच्चों को पढ़ाने के लिए एक शिक्षक लगा रखा है। वहीं कुछ जगह नामांकन ज्यादा होने के बावजूद शिक्षक कम हैं। राजकीय प्राथमिक विद्यालय थोब का खेड़ा दो बच्चों को पढ़ाने के लिए एक शिक्षक लगा रखा है। राजकीय प्राथमिक विद्यालय रामगढ़ में 70 बच्चों का नामांकन है फिर भी यहां एक शिक्षक लगा रखा है। राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय वार्ड नंबर 8 भगवानपुरा में 31 बच्चों का नामांकन होने के बावजूद दो शिक्षक कार्यरत हैं। राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय कुमावतों का खेड़ा में 92 छात्राएं हैं। स्कूल में मात्र दो कमरे हैं। बारिश में छत से पानी टपकता है। विवश होकर विद्यार्थियों को खुले में बैठाकर पढ़ाया जा रहा है। प्रधानाचार्य राजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि इस संबंध में कई बार शिक्षा विभाग के आला अफसरों को बता दिया गया लेकिन समाधान नहीं हो पाया है।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
कई स्कूल ऐसे हैं जहां दो बच्चों को पढ़ाने के लिए एक शिक्षक लगा रखा है। वहीं कुछ जगह नामांकन ज्यादा होने के बावजूद शिक्षक कम हैं। राजकीय प्राथमिक विद्यालय थोब का खेड़ा दो बच्चों को पढ़ाने के लिए एक शिक्षक लगा रखा है। राजकीय प्राथमिक विद्यालय रामगढ़ में 70 बच्चों का नामांकन है फिर भी यहां एक शिक्षक लगा रखा है। राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय वार्ड नंबर 8 भगवानपुरा में 31 बच्चों का नामांकन होने के बावजूद दो शिक्षक कार्यरत हैं। राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय कुमावतों का खेड़ा में 92 छात्राएं हैं। स्कूल में मात्र दो कमरे हैं। बारिश में छत से पानी टपकता है। विवश होकर विद्यार्थियों को खुले में बैठाकर पढ़ाया जा रहा है। प्रधानाचार्य राजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि इस संबंध में कई बार शिक्षा विभाग के आला अफसरों को बता दिया गया लेकिन समाधान नहीं हो पाया है।
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