भीलवाड़ा.तीन साल पहले बोरड़ा के जिस स्कूल में 35 छात्राओं के
बाल काटे गए थे उन्हें अब 10-10 हजार रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। यह राशि
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दखल के बाद शिक्षा विभाग देगा। जो राशि
छात्राओं को दी जाएगी वह बाल काटने की आरोपी शिक्षिकाओं से वसूली जाएगी। यह
मामला सुवाणा ब्लॉक के राजकीय बालिका उप्रावि स्कूल का और घटना 12, मार्च,
2013 की है। छात्राओं के बाल काटने का मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
में पहुंचा था और आयोग ने 29 जून 2016 को इस संबंध में मामला दर्ज किया था।
इसके
बाद आयोग ने अपना फैसला सुनाते हुए शिक्षा विभाग को सभी 35 छात्राओं को
10-10 हजार रुपए का मुआवजा देने का फैसला सुनाया है। इस संबंध में जिला
शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक विष्णु चाष्टा ने सुवाणा ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को
पत्र लिखा है। आदेश में बताया गया कि छात्राओं को मुआवजा देने के लिए
आरोपी शिक्षिकाओं से राशि वसूलकर राजकीय कोष में जमा करानी है और इसके बाद
प्रत्येक छात्रा को मुआवजा देना है।
यह था मामला
स्कूल
की प्रधानाध्यापिका ने सिर्फ इस बात पर 35 छात्राओं के बाल काट दिए थे
क्योंकि वे दो चोटी बनाकर नहीं आई थीं। घटना के बाद शिक्षा विभाग ने
तत्कालीन प्रधानाध्यापिका अनुराधा लोयमा को निलंबित कर दिया था। जांच में
पाया गया था कि प्रार्थना सभा के बाद लोयमा सभी कक्षाओं में गईं अौर
छात्राओं के बाल दो से चार सेंटीमीटर तक काट दिए गए। छात्राएं रोती रहीं
लेकिन लोयमा नहीं मानीं। छात्राओं ने घर पहुंचकर परिजनों को जानकारी दी।
लोयमा को निलंबित करने के अलावा पूरे स्टाफ को एपीओ कर दिया गया था।
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