भास्कर न्यूज | मानपुर कस्बे के राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक स्कूल में रिक्त चल रहे
व्याख्याता शिक्षकों के पदों से बाधित पढ़ाई से गुस्साई छात्राएं स्कूल मैन
गेट पर ताला जड़कर एक किमी पैदल नारेबाजी हंगामा करते हुए जयपुर-आगरा
नेशनल हाइवे स्थित मानपुर चौराह पर जाम लगाने पहुंच गई।
गुस्साई छात्राओं ने हाइवे पर करीब एक घंटे तक बैठकर जमकर प्रदर्शन किया, जिससे कई किमी तक हाइवे पर दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई। सूचना पर पहुंचे एसडीएम जिला शिक्षा अधिकारी ने चार शिक्षक लगाने का आश्वासन दिया तब जाकर छात्राएं जाम खोलने के लिए राजी हुई। वहीं डीईओ ने प्रधानाचार्य से इस मामले में स्प्ष्टीकरण मांगा है।
सुबह करीब साढ़े 8 बजे छात्राओं ने रिक्त चल रहे व्याख्याता शिक्षकों के पदों को लेकर स्कूल के मैन गेट पर ताला लगा दिया। छात्राओं का कहना था कि स्कूल में छह व्याख्याता चार शिक्षकों के पद सालों से रिक्त चल रहे हैं। इसके बाद छात्राएं नारेबाजी हंगामा करती हुई करीब एक किमी पैदल चलकर नेशनल हाइवे पर मानपुर चौराहे पहुंच गई। जहां जाम लगाकर बैठ गई। इसके बाद महज डेढ़ सौ मीटर स्थित थाने से पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने छात्राओं को समझाकर जाम खुलवाने का प्रयास किया, लेकिन गुस्साई छात्राओं ने पुलिस अधिकारियों की एक नहीं सुनी। एक घंटे तक हाइवे पर जाम लगा रहा। जाम में फंसे सैंकड़ों यात्री पुलिस प्रशासन को कोसते नजर आए। सूचना पर पहुंचे एसडीएम रतनलाल योगी डीईओ प्रेमवती शर्मा, नोडल प्रधानाचार्य घनश्याम मीना, बीईईओ राजेंद्र मीना ने जाम लगाकर बैठी छात्राओं से समझाइश कर चार शिक्षक लगाने का आश्वासन दिया। इसके बाद छात्राएं जाम खोलने के लिए राजी हुई।
पुलिसरास्ते में रोक देती तो नहीं लगता जाम
सुबह8 बजे स्कूल के मैनगेट पर तालाबंदी कर छात्राएं हाइवे जाम करने के लिए मानपुर चौराहे पर रवाना हो गई। छात्राएं मुख्य बाजार से लेकर हाइवे तक जाने वाले एकमात्र मात्र मार्ग पर नारेबाजी हंगामा करते हुए गुजरी छात्राओं ने एक किलोमीटर दूर तक का सफर पैदल तय कर हाइवे पर जाम लगा दिया। इसके बाद पुलिस महज डेढ़ सौ मीटर दूर स्थित थाने से जीप पैदल बाहर निकली। लोगों का कहना था कि यदि पुलिस छात्राओं को हाइवे जाम करने से पहले ही रास्ते में रोककर विभाग अधिकारियों को सूचना देती तो नेशनल हाइवे पर लगाए गए जाम के कारण सैंकड़ों वाहनों में सवार यात्रियों को एक घंटे परेशान नहीं होना पड़ता।
बालिकाओंको किसने बहकाया, जांच कर रही हूं
राबाउमास्कूल प्रिंसीपल सुषमा नागर का कहना है कि छात्राएं सुबह स्कूल आई और बाहर ही बैग रखकर हाइवे जाम करने के लिए रवाना हो गई। मैं दौसा वर्कशॉप में थी। स्कूल स्टॉफ ने छात्राओं को रोकने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं रुकी। जहां तक मुझे पता लगा है, यह किसी के बहकावे के कारण हुआ है, जिसकी मैं स्वयं जांच कर रही हूं।
अभीकेस दर्ज नहीं, रपट की फौरी जांच
डिप्टीएसपी पूनम चंद विश्नोई का कहना है कि फिलहाल तो मामला दर्ज नहीं किया गया, लेकिन रोजनामचे में रपट डाली गई है। छात्राओं को हाइवे जाम से पहले रास्ते में रोका जा सकता था। मामले की जांच की जा रही है।
^हमनेइस मामले में प्रधानाचार्य सुषमा नागर से जाम के मामले में स्पष्टीकरण मांगा है कि छात्राएं स्कूल वेश में जाम के लिए कैसे पहुंची। प्रेमवतीशर्मा, डीईओ माध्यमिक, दौसा
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
गुस्साई छात्राओं ने हाइवे पर करीब एक घंटे तक बैठकर जमकर प्रदर्शन किया, जिससे कई किमी तक हाइवे पर दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई। सूचना पर पहुंचे एसडीएम जिला शिक्षा अधिकारी ने चार शिक्षक लगाने का आश्वासन दिया तब जाकर छात्राएं जाम खोलने के लिए राजी हुई। वहीं डीईओ ने प्रधानाचार्य से इस मामले में स्प्ष्टीकरण मांगा है।
सुबह करीब साढ़े 8 बजे छात्राओं ने रिक्त चल रहे व्याख्याता शिक्षकों के पदों को लेकर स्कूल के मैन गेट पर ताला लगा दिया। छात्राओं का कहना था कि स्कूल में छह व्याख्याता चार शिक्षकों के पद सालों से रिक्त चल रहे हैं। इसके बाद छात्राएं नारेबाजी हंगामा करती हुई करीब एक किमी पैदल चलकर नेशनल हाइवे पर मानपुर चौराहे पहुंच गई। जहां जाम लगाकर बैठ गई। इसके बाद महज डेढ़ सौ मीटर स्थित थाने से पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने छात्राओं को समझाकर जाम खुलवाने का प्रयास किया, लेकिन गुस्साई छात्राओं ने पुलिस अधिकारियों की एक नहीं सुनी। एक घंटे तक हाइवे पर जाम लगा रहा। जाम में फंसे सैंकड़ों यात्री पुलिस प्रशासन को कोसते नजर आए। सूचना पर पहुंचे एसडीएम रतनलाल योगी डीईओ प्रेमवती शर्मा, नोडल प्रधानाचार्य घनश्याम मीना, बीईईओ राजेंद्र मीना ने जाम लगाकर बैठी छात्राओं से समझाइश कर चार शिक्षक लगाने का आश्वासन दिया। इसके बाद छात्राएं जाम खोलने के लिए राजी हुई।
पुलिसरास्ते में रोक देती तो नहीं लगता जाम
सुबह8 बजे स्कूल के मैनगेट पर तालाबंदी कर छात्राएं हाइवे जाम करने के लिए मानपुर चौराहे पर रवाना हो गई। छात्राएं मुख्य बाजार से लेकर हाइवे तक जाने वाले एकमात्र मात्र मार्ग पर नारेबाजी हंगामा करते हुए गुजरी छात्राओं ने एक किलोमीटर दूर तक का सफर पैदल तय कर हाइवे पर जाम लगा दिया। इसके बाद पुलिस महज डेढ़ सौ मीटर दूर स्थित थाने से जीप पैदल बाहर निकली। लोगों का कहना था कि यदि पुलिस छात्राओं को हाइवे जाम करने से पहले ही रास्ते में रोककर विभाग अधिकारियों को सूचना देती तो नेशनल हाइवे पर लगाए गए जाम के कारण सैंकड़ों वाहनों में सवार यात्रियों को एक घंटे परेशान नहीं होना पड़ता।
बालिकाओंको किसने बहकाया, जांच कर रही हूं
राबाउमास्कूल प्रिंसीपल सुषमा नागर का कहना है कि छात्राएं सुबह स्कूल आई और बाहर ही बैग रखकर हाइवे जाम करने के लिए रवाना हो गई। मैं दौसा वर्कशॉप में थी। स्कूल स्टॉफ ने छात्राओं को रोकने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं रुकी। जहां तक मुझे पता लगा है, यह किसी के बहकावे के कारण हुआ है, जिसकी मैं स्वयं जांच कर रही हूं।
अभीकेस दर्ज नहीं, रपट की फौरी जांच
डिप्टीएसपी पूनम चंद विश्नोई का कहना है कि फिलहाल तो मामला दर्ज नहीं किया गया, लेकिन रोजनामचे में रपट डाली गई है। छात्राओं को हाइवे जाम से पहले रास्ते में रोका जा सकता था। मामले की जांच की जा रही है।
^हमनेइस मामले में प्रधानाचार्य सुषमा नागर से जाम के मामले में स्पष्टीकरण मांगा है कि छात्राएं स्कूल वेश में जाम के लिए कैसे पहुंची। प्रेमवतीशर्मा, डीईओ माध्यमिक, दौसा
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