उदयपुर । सलूंबर विधायक की चिट्ठी पर अवैध खनन का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि खेरवाड़ा विधायक नानालाल अहारी ने भतीजी को शहरी स्कूल में लगाने के लिए शिक्षा विभाग के सारे नियम-कायदों को ताक पर धर दिया। भतीजी को मनचाहे स्थान पर पदस्थापित करने के लिए सोमवार को विधायक दो घंटे तक जिला शैक्षणिक एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) पर जमे रहे।
अपने रसूख का पूरा इस्तेमाल करने के बाद ही वापस लौटे।
उदयपुर में ब्रिक्स सम्मेलन के कारण बदल सकती है छात्रसंघ चुनाव की तिथि!
गोवर्धन विलास स्थित डाइट कार्यालय में सोमवार को प्रारंभिक शिक्षा में अधिशेष शिक्षकों को पदस्थापित करने की काउंसलिंग प्रक्रिया थी। इसमें वे शिक्षक शामिल हुए जो प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अधिशेष थे। इसी सूची में मनवाखेड़ा उच्च प्राथमिक विद्यालय के तीन शिक्षक चंद्रावती जैन (परित्यक्ता), मंजू अहारी (विधायक भतीजी) व द्रोपदी नरवारिया का नाम भी शामिल थे।
सुबह से रिमझिम का दौर, रूक-रूक कर भीग रहा शहर
इनमें चन्द्रावती जैन ने परित्यक्ता होने की परिवेदना 4 जुलाई को दे दी थी। एकल महिला व वरिष्ठता क्रमांक के आधार उन्होंने शहर के नजदीकी स्कूल में पदस्थापित करने की गुहार लगाई थी। लेकिन विभाग ने उनकी परिवेदना को अनसुना कर कलड़वास पंचायत के नयाखेड़ा विद्यालय में लगा दिया। यह स्कूल शहर से करीब 13 किमी दूर है। वहीं मंजू अहारी को विधायक के दबाव पर शहर में सेक्टर-4 स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय में लगा दिया। जबकि, काउंसलिंग सूची में चन्द्रावती का वरिष्ठता क्रमांक-614 व मंजू का 633 था।
यह हैं अधिशेष पदस्थापना के नियम
नियमानुसार अधिशेष शिक्षकों को शहरी क्षेत्र में नियुक्ति देना ही नहीं है। नॉन टीएसपी क्षेत्र के अधिशेष शिक्षकों को उसी पंचायत में लगाना है, जहां वे कार्यरत हैं। इसके अलावा यदि लेवल-2 (कक्षा छह से आठवीं) में स्थान रिक्त नहीं हो तो लेवल-1 (कक्षा एक से पांचवीं) के विपरीत लगाया जा सकता है। एेसे में विधायक अहारी को भतीजी को गिर्वा ब्लॉक के ही किसी स्कूल में लगाना था न कि शहरी क्षेत्र में।
अधिकारी ने दिया तर्क
प्रारंभिक जिला शिक्षा अधिकारी नारायणलाल प्रजापत ने बताया कि शिक्षा विभाग के कार्मिकों को उसी पंचायत में पद देना है। इसी नियम के तहत मंजू अहारी को नजदीकी विद्यालय में लगाया गया। हालांकि यह नियम चंद्रावती जैन के लिए दरकिनार कर दिए गए। बावजूद इसके कि उन्होंने काउंसलिंग के समय सेक्टर-11 व गोवर्धन विलास स्थित विद्यालय में पद खाली होना बताया था। पर, विभाग ने नियमों का हवाला देकर मना कर दिया।
बोले विधायक, भतीजी के लिए नहीं गया
& ऋषभदेव की एक शिक्षिका की समस्या के निराकरण के लिए डाइट कार्यालय गया था। बात नहीं बनी तो शिक्षिका को नियमानुसार परिवेदना देने को कह दिया। मंजू अहारी के मामले की जानकारी नहीं है।
- नानालाल अहारी, विधायक, खेरवाड़ा
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
अपने रसूख का पूरा इस्तेमाल करने के बाद ही वापस लौटे।
उदयपुर में ब्रिक्स सम्मेलन के कारण बदल सकती है छात्रसंघ चुनाव की तिथि!
गोवर्धन विलास स्थित डाइट कार्यालय में सोमवार को प्रारंभिक शिक्षा में अधिशेष शिक्षकों को पदस्थापित करने की काउंसलिंग प्रक्रिया थी। इसमें वे शिक्षक शामिल हुए जो प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अधिशेष थे। इसी सूची में मनवाखेड़ा उच्च प्राथमिक विद्यालय के तीन शिक्षक चंद्रावती जैन (परित्यक्ता), मंजू अहारी (विधायक भतीजी) व द्रोपदी नरवारिया का नाम भी शामिल थे।
सुबह से रिमझिम का दौर, रूक-रूक कर भीग रहा शहर
इनमें चन्द्रावती जैन ने परित्यक्ता होने की परिवेदना 4 जुलाई को दे दी थी। एकल महिला व वरिष्ठता क्रमांक के आधार उन्होंने शहर के नजदीकी स्कूल में पदस्थापित करने की गुहार लगाई थी। लेकिन विभाग ने उनकी परिवेदना को अनसुना कर कलड़वास पंचायत के नयाखेड़ा विद्यालय में लगा दिया। यह स्कूल शहर से करीब 13 किमी दूर है। वहीं मंजू अहारी को विधायक के दबाव पर शहर में सेक्टर-4 स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय में लगा दिया। जबकि, काउंसलिंग सूची में चन्द्रावती का वरिष्ठता क्रमांक-614 व मंजू का 633 था।
यह हैं अधिशेष पदस्थापना के नियम
नियमानुसार अधिशेष शिक्षकों को शहरी क्षेत्र में नियुक्ति देना ही नहीं है। नॉन टीएसपी क्षेत्र के अधिशेष शिक्षकों को उसी पंचायत में लगाना है, जहां वे कार्यरत हैं। इसके अलावा यदि लेवल-2 (कक्षा छह से आठवीं) में स्थान रिक्त नहीं हो तो लेवल-1 (कक्षा एक से पांचवीं) के विपरीत लगाया जा सकता है। एेसे में विधायक अहारी को भतीजी को गिर्वा ब्लॉक के ही किसी स्कूल में लगाना था न कि शहरी क्षेत्र में।
अधिकारी ने दिया तर्क
प्रारंभिक जिला शिक्षा अधिकारी नारायणलाल प्रजापत ने बताया कि शिक्षा विभाग के कार्मिकों को उसी पंचायत में पद देना है। इसी नियम के तहत मंजू अहारी को नजदीकी विद्यालय में लगाया गया। हालांकि यह नियम चंद्रावती जैन के लिए दरकिनार कर दिए गए। बावजूद इसके कि उन्होंने काउंसलिंग के समय सेक्टर-11 व गोवर्धन विलास स्थित विद्यालय में पद खाली होना बताया था। पर, विभाग ने नियमों का हवाला देकर मना कर दिया।
बोले विधायक, भतीजी के लिए नहीं गया
& ऋषभदेव की एक शिक्षिका की समस्या के निराकरण के लिए डाइट कार्यालय गया था। बात नहीं बनी तो शिक्षिका को नियमानुसार परिवेदना देने को कह दिया। मंजू अहारी के मामले की जानकारी नहीं है।
- नानालाल अहारी, विधायक, खेरवाड़ा
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