जोधपुर.
हाल ही में संपन्न प्रारंभिक से माध्यमिक शिक्षा की काउंसलिंग में करीब
650 सैकंडरी व सीनियर सैकंडरी स्कूलों में 300 स्कूलों के
प्रिंसिपल-हैडमास्टर ने शाला दर्पण में छोटी-मोटी गड़बड़ियां की। इसका
खमियाजा शिक्षक भुगत रहे हैं। शाला दर्पण में संस्था प्रधान को संंबंधित
स्कूल के शिक्षक का नाम, नियुक्ति, विषय, स्कूल का नाम, पता,
विधवा-परित्यक्ता अथवा प्राथमिकता वाले ऑप्शन में शिक्षक आ रहे हैं या
नहीं, सीनियर-जूनियर, पदों के रिक्त और भरे होने, नामांकन आदि की
जानकारियां ऑनलाइन भरनी थी, लेकिन अधिकतर संस्था प्रधानों ने शाला दर्पण की
जानकारी ई-मित्र से पोर्टल कर दी गई। नतीजा शिक्षकों को पदभार ग्रहण करने व
रिलीव होने के लिए संस्था प्रधानों के आगे-पीछे घूमना पड़ रहा है।
राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय प्रदेश उपाध्यक्ष भंवरलाल काला का कहना है
कि कुछ कमियां शाला दर्पण के कारण हुई।
डेढ़ हजार स्कूलों से नए फार्मेट में मांगी जानकारी
जिले
की करीब डेढ़ हजार से अधिक स्कूलों ने आधी-अधूरी जानकारियां भरी हैं। अब
निदेशालय प्रारंभिक शिक्षा ने इन स्कूलों के संस्था प्रधानों को ऑफलाइन
जानकारी भेजने के निर्देश दिए हैं। इधर, मिडिल स्कूलों में पातेय वेतन पर
कार्य कर रहे संस्था प्रधानों की शिक्षा विभाग ने एक फार्मेट में सूची
मांगी है। इसके लिए विभाग की ओर से शुक्रवार को फार्मेट जारी किया गया।
इसमें जिला, ब्लॉक, गांव, स्कूल, डाइस कोड, टीचर आईडी, संस्था प्रधान का
नाम के अलावा उच्च प्राथमिक स्कूल में प्रधानाध्यापक द्वितीय श्रेणी पातेय
वेतन पद पर कार्यरत शिक्षकों की सूची मांगी है।
77 शिक्षकों का मामला निदेशालय भेजा
काउंसलिंग में आई 305 परिवेदनाओं में से 157 का निस्तारण करने के बाद उपनिदेशक माध्यमिक ने दो अलग-अलग आदेशों में 77 शिक्षकों को लेकर निदेशक माध्यमिक से मार्गदर्शन के लिए निर्देश मांगे गए हैं। इसके तहत सूची को निदेशालय माध्यमिक शिक्षा भेजा गया है, जहां से इस संबंध में अभी तक कोई दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं।