11वीं कक्षा में कला संकाय के 35 विद्यार्थी फेल - The Rajasthan Teachers Blog - राजस्थान - शिक्षकों का ब्लॉग

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Tuesday 3 May 2016

11वीं कक्षा में कला संकाय के 35 विद्यार्थी फेल

भास्कर न्यूज | रायपुर मारवाड़  स्थानीयराजकीय चंपालाल बोहरा हायर सैकंडरी स्कूल के 11वीं कला संकाय के छात्रों ने स्कूल के प्रिंसिपल भंवर मोहम्मद उनके पुत्र इसी स्कूल में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत शिक्षक कमल हसन पर गंभीर आरोप लगाते हुए जांच की मांग को लेकर कलेक्टर जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। अधिकारियों ने भी छात्रों की बात गंभीरता से सुनी निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलवाया।

येहैं मामला

गौरतलबहै कि कुछ दिन पूर्व रायपुर विद्यालय की विभिन्न कक्षाआें का परिणाम जारी कर स्कूल के सूचना पट्ट पर परिणाम चस्पा किया गया था। चस्पा परिणाम के अनुसार 11 वीं कला संकाय के 89 विद्यार्थियों में से 35 छात्र अनुुुत्तीर्ण घोषित किए गए। छात्रों ने परिणाम जारी होने के बाद से ही इसका विरोध प्रारंभ कर दिया और इसे बदले की भावना से किया गया कृत्य बताया।

^मामले में निष्पक्ष जांच करवाई जाएगी। कोई दोषी पाया जाता है तो कड़ी कार्रवाई करेंगे। छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। -जीवराजजाट, डीईईआे पाली

नहीं आते स्कूल

छात्रोंने ज्ञापन में शिक्षक के स्कूल नहीं आने का भी आरोप लगाया। ज्ञापन के अनुसार शिक्षक एक-दो माह में एक-दो बार ही स्कूल आता था। उसके अलावा कोई भी भूगोल विषय नहीं पढ़ाता। जब से शिकायत की थी तब से तो उन्होंने 11वीं कक्षा के विद्यार्थियों को एक पाठ भी नहीं पढ़ाया। एेसे में उनके स्थान पर कोई दूसरा शिक्षक स्कूल में लगाया जाता तो उन्हें कुछ सीखने को तो मिलता।

पुलिस पहरे में जारी किया रिजल्ट

परीक्षापरिणाम के बाद होने वाले विरोध का अंदाजा शायद प्रधानाचार्य को पहले से ही था। इसी के चलते इतिहास में पहली बार रायपुर स्कूल का रिजल्ट पुलिस पहरे में जारी किया गया। पूरे राजस्थान का इतिहास देखे तो शायद कहीं भी किसी भी विद्यालय में आज तक पुलिस की मौजूदगी में परीक्षा परिणाम जारी नहीं हुआ। जब सब कुछ स्वभाविक था और सही था तो प्रधानाचार्य ने परीक्षा परिणाम जारी करने से पहले पुलिस क्यों बुलवाई।

पहले भी शिक्षक पर लगे हैं आरोप

गौरतलबहै कि जिस शिक्षक के खिलाफ छात्र आरोप लगा रहे हैं, उनका विवादों और शिकायतों से पुराना नाता है। बीते साल बर निवासी एक छात्रा ने शिक्षक कमल हसन पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। इस पर अधिकारियों ने इस शिक्षक का तबादला गिरी कर दिया। गिरी के ग्रामीणों ने शिक्षक को अपने गांव की स्कूल में ज्वाइन नहीं करने दिया गया और धरना-प्रदर्शन किया गया। इस पर विभाग ने शिक्षक को कुशालपुरा भेज दिया। कुशालपुरा में भी जनता ने विरोध किया तो शिक्षक के पिता और रायपुर स्कूल के प्रिंसीपल ने उन्हें प्रतिनियुक्ति पर रायपुर स्कूल में ज्वाइन करवा दिया।

पढ़ाया किसी ने जांचा किसी ने

परीक्षापरिणाम के बाद होने वाली किसी भी जांच और आरोप से बचने के लिए प्रधानाचार्य ने पहले ही व्यवस्था कर ली। फेल हुए अधिकांश छात्र भूगोल की प्रायोगिक परीक्षा में फेल किए गए हैं। यह विषय प्रतिनियुक्ति पर तैनात शिक्षक कमल हसन ने पढ़ाया। परीक्षा का पेपर भी उन्हीं के द्वारा तैयार किया गया, लेकिन परीक्षा की कॉपियां विद्यालय में ही नियुक्त एक अन्य शिक्षक के द्वारा जांची गई। एेसे में सवाल यह उठता है कि जो शिक्षक विषय पढ़ा ही नहीं रहा, वह उस कक्षा की उत्तर पुस्तिकाएं कैसे जांच सकता है।

पाली में जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपते रायपुर के छात्र।

शिकायत करने वाले सभी छात्र फेल

छात्रोंने अपनी शिकायत के साथ ही पिछली बार की गई शिकायत की छायाप्रति भी भास्कर को उपलब्ध करवाई। वह शिकायत छह छात्रों द्वारा की गई थी और 29 छात्रों ने उस शिकायत पर अपनी सहमति जताते हुए हस्ताक्षर किए थे। मामले में सबसे चौकानें वाला तथ्य भी यहीं है, जिन छात्रों के नाम पिछली शिकायत में है परीक्षा परिणाम में सिर्फ वे ही छात्र अनुत्तीर्ण है।

ये लगाए आरोप

अधिकारियोंको सौंपे गए ज्ञापन में छात्रों ने आरोप लगाया कि गत जनवरी माह में प्रिंसिपल पुत्र और शिक्षक कमल हसन द्वारा अभद्र व्यवहार करने और विद्यालय में छात्रों के साथ गाली-गलौच करने की शिकायत 11वीं कला वर्ग के छात्रों द्वारा की गई। मामला बढ़ा तो प्रिंसिपल भंवर मोहम्मद ने मध्यस्थता करते हुए कमल हसन से माफी मंगवा दी और भविष्य में ऐसा नहीं होने की बात कहते हुए छात्रों को शिकायत वापस लेने पर राजी कर लिया। छात्रों ने प्रधानाचार्य की बात मानते हुए अपनी शिकायत वापस ले ली। दो माह तो सब कुछ ठीक चलता रहा, लेकिन जैसे ही परीक्षाएं प्रारंभ हुई कमल हसन और प्रधानाचार्य दोनों ने शिकायत करने वाले सभी छात्रों को पास नहीं होने देने की धमकी दी। पूरा साल खराब हो जाने के डर से छात्रों ने पिता-पुत्र से माफी मांग ली और परीक्षा में कुछ नहीं करने का निवेदन भी किया। इस पर प्रधानाचार्य भंवर मोहम्मद ने कमल हसन के सामने छात्रों को हाथ जोड़ने के लिए कहा। छात्रों ने अपना भविष्य बचाने के लिए हाथ तक जोड़ लिए, लेकिन इसके बावजूद शिकायत करने वाले और उनका साथ देने वाले सभी छात्र फेल हो गए।
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