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नई ‪शिक्षा नीति‬ से बदलाव: कठेरिया

कोटा । इंजीनियर और डॉक्टर बनाने की चाहत में कोचिंग या अभिभावक बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं कर सकते। पारिवारिक अपेक्षाओं और पढ़ाई के दबाव में छात्र जिंदगी खत्म करने जैसा रास्ता अपना रहे हैं।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से परीक्षा पैटर्न में बदलाव कर उसे आसान बनाने में जुटा है। इसके साथ ही कोचिंग संस्थानों की मॉनीटरिंग पर भी विचार किया जा रहा है।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री प्रो. रामशंकर कठेरिया ने राजस्थान पत्रिका से विशेष बातचीत में कहा, कोचिंग संस्थानों का सर्वे कराया गया है। शुरुआती तौर पर फीस स्ट्रक्चर, पढ़ाई का पैटर्न और कोर्स आदि की जानकारी जुटाई गई है।
प्रो. कठेरिया ने कहा, सरकार 9वीं और 10वीं के बच्चों के साथ उनके अभिभावकों की भी काउंसलिंग करेगी। काउंसिलिंग में अभिभावकों को इस बात के लिए तैयार किया जाएगा कि वो बच्चों पर पढ़ाई के दबाव न डालें।
8 माह पूर्व विस में भी कहा था नियम बनेंगे
इस वर्ष विधानसभा के बजट सत्र में भी सराफ ने विधायक रामचंद्र सुनारीवाल के सवाल के जवाब में कोचिंग संस्थानों पर नियंत्रण के लिए नियम बनाने की बात कही थी।
कोचिंग संस्थानों की मनमानी नहीं चल सकती है। इनका टाइम टेबल, सुबह से रात तक बच्चों पर पढ़ाई का दबाव एेसे मुद्दे हैं जिन पर सख्ती जरूरी है। इसके लिए नियम बनेंगे।
कालीचरण सराफ, उच्च शिक्षा मंत्री

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