पूरे प्रदेश में 39 हजार 139 शिक्षकों को इस बार दीपावली का बोनस नहीं
मिलेगा। इन शिक्षकों की भर्ती 2012 में पंचायतीराज विभाग के तहत की गई थी।
इस विभाग की ओर से अब तक पूरे प्रदेश के इन शिक्षकों के स्थाईकरण आदेश जारी
नहीं हुए है। जिसके चलते वित्त विभाग की ओर से इन शिक्षकों का बोनस भी
स्वीकृत नहीं हुआ है। दूसरी खास बात यह है कि बोनस के रुपए बाद में एरियर
के रूप में भी नहीं दिए जाते हैं।
सरकारी कर्मचारियों के सेवा नियमों के मुताबिक भर्ती और नियुक्ति तिथि से लेकर 2 साल की अवधि तक प्रोबेशन पीरियड होता है, जिसमें सरकार उन्हें स्थाई कर्मचारी के तौर पर नहीं मानती है। 2 साल की अवधि पूरी होने के बाद सेवा नियमों के तहत स्थाईकरण आदेश जारी किया जाता है। जिसे आम बोलचाल की भाषा में नियमितीकरण कहा जाता है।
दूसरी ओर इन शिक्षकों को अब तक स्थाई क्यों नहीं किया गया है, तो इसके जबाव में पंचायतीराज के अधिकारियों का कहना है कि पूरी भर्ती प्रक्रिया का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। जिसके चलते स्थाईकरण के आदेश जारी नहीं किए गए हैं। शेष| पेज 12
येशिक्षक अब बोनस की मांग को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने के प्रयास में लगे हुए है।
शिक्षाविभाग ने भी पल्ला झाड़ा
शिक्षाविभाग ने पूरे प्रकरण को पंचायतीराज विभाग पर डाल दिया है। शिक्षा विभाग की मानें तो उनका कोई भी रोल नहीं है, क्योंकि इन शिक्षकों की नियुक्तियां सीधे ही पंचायतीराज विभाग के माध्यम से जिला परिषदों ने की थी, इसलिए स्थाईकरण आदेश और बोनस का भुगतान का काम भी उनके जरिए होना है। वैसे ये शिक्षक फिलहाल बतौर तृतीय श्रेणी शिक्षक के रूप में शिक्षा विभाग की स्कूलों में ही कार्यरत हैं।
इधर, डीईओ प्रभाकर आचार्य ने कहा कि नियमानुसार स्थाईकरण आदेश के बाद ही बोनस की गणना हो सकती है। इन शिक्षकों के ये दोनों ही कार्य पंचायतीराज विभाग से ही होने हैं।
इधर,वित्त विभाग का इंकार, क्योंकि स्थाई नहीं
वित्त विभाग ने पंचायतीराज विभाग को तय बजट स्वीकृत नहीं किया है। वित्त विभाग के रिकाॅर्ड के मुताबिक इन सभी शिक्षकों की सेवाएं अभी स्थाई नहीं हुई है। वित्त विभाग के नियमों के अनुसार बिना स्थाईकरण आदेश के बोनस की गणना नहीं होती है। इसी कारण इन शिक्षकों को बोनस नहीं दिया जा रहा है।
इतने शिक्षकों को नहीं मिलेगा बोनस
अजमेर - 1491
अलवर - 1866
बांसवाड़ा - 560
बारां - 1232
बाड़मेर - 2832
भरतपुर - 1140
भीलवाड़ा - 1999
बीकानेर - 881
बूंदी - 826
चित्तौड़ - 1972
चुरु - 1081
दौसा - 494
धौलपुर - 626
डूंगरपुर - 235
श्रीगंगानगर - 1038
हनुमानगढ़ - 751
जयपुर - 568
जालौर - 1478
झालावाड़ - 1465
झुंझुनूं - 20
जोधपुर - 1677
करौली - 492
कोटा - 692
नागौर - 3022
पाली - 2614
प्रतापगढ़ - 1174
राजसमंद - 2072
सवाईमाधोपुर - 473
सीकर - 704
सिरोही - 720
टोंक - 586
उदयपुर - 2278
वर्जन
इन शिक्षकों की भर्ती 2012 में हुई थी, लेकिन स्थाईकरण नहीं हुआ है। जिसके चलते बोनस नहीं मिल पा रहा है। प्रकरण फिलहाल कोर्ट में भी चल रहा है।
- पोखरमल, उपशासन सचिव, ग्रामीण विकास और पंचायतीराज विभाग
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
सरकारी कर्मचारियों के सेवा नियमों के मुताबिक भर्ती और नियुक्ति तिथि से लेकर 2 साल की अवधि तक प्रोबेशन पीरियड होता है, जिसमें सरकार उन्हें स्थाई कर्मचारी के तौर पर नहीं मानती है। 2 साल की अवधि पूरी होने के बाद सेवा नियमों के तहत स्थाईकरण आदेश जारी किया जाता है। जिसे आम बोलचाल की भाषा में नियमितीकरण कहा जाता है।
दूसरी ओर इन शिक्षकों को अब तक स्थाई क्यों नहीं किया गया है, तो इसके जबाव में पंचायतीराज के अधिकारियों का कहना है कि पूरी भर्ती प्रक्रिया का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। जिसके चलते स्थाईकरण के आदेश जारी नहीं किए गए हैं। शेष| पेज 12
येशिक्षक अब बोनस की मांग को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने के प्रयास में लगे हुए है।
शिक्षाविभाग ने भी पल्ला झाड़ा
शिक्षाविभाग ने पूरे प्रकरण को पंचायतीराज विभाग पर डाल दिया है। शिक्षा विभाग की मानें तो उनका कोई भी रोल नहीं है, क्योंकि इन शिक्षकों की नियुक्तियां सीधे ही पंचायतीराज विभाग के माध्यम से जिला परिषदों ने की थी, इसलिए स्थाईकरण आदेश और बोनस का भुगतान का काम भी उनके जरिए होना है। वैसे ये शिक्षक फिलहाल बतौर तृतीय श्रेणी शिक्षक के रूप में शिक्षा विभाग की स्कूलों में ही कार्यरत हैं।
इधर, डीईओ प्रभाकर आचार्य ने कहा कि नियमानुसार स्थाईकरण आदेश के बाद ही बोनस की गणना हो सकती है। इन शिक्षकों के ये दोनों ही कार्य पंचायतीराज विभाग से ही होने हैं।
इधर,वित्त विभाग का इंकार, क्योंकि स्थाई नहीं
वित्त विभाग ने पंचायतीराज विभाग को तय बजट स्वीकृत नहीं किया है। वित्त विभाग के रिकाॅर्ड के मुताबिक इन सभी शिक्षकों की सेवाएं अभी स्थाई नहीं हुई है। वित्त विभाग के नियमों के अनुसार बिना स्थाईकरण आदेश के बोनस की गणना नहीं होती है। इसी कारण इन शिक्षकों को बोनस नहीं दिया जा रहा है।
इतने शिक्षकों को नहीं मिलेगा बोनस
अजमेर - 1491
अलवर - 1866
बांसवाड़ा - 560
बारां - 1232
बाड़मेर - 2832
भरतपुर - 1140
भीलवाड़ा - 1999
बीकानेर - 881
बूंदी - 826
चित्तौड़ - 1972
चुरु - 1081
दौसा - 494
धौलपुर - 626
डूंगरपुर - 235
श्रीगंगानगर - 1038
हनुमानगढ़ - 751
जयपुर - 568
जालौर - 1478
झालावाड़ - 1465
झुंझुनूं - 20
जोधपुर - 1677
करौली - 492
कोटा - 692
नागौर - 3022
पाली - 2614
प्रतापगढ़ - 1174
राजसमंद - 2072
सवाईमाधोपुर - 473
सीकर - 704
सिरोही - 720
टोंक - 586
उदयपुर - 2278
वर्जन
इन शिक्षकों की भर्ती 2012 में हुई थी, लेकिन स्थाईकरण नहीं हुआ है। जिसके चलते बोनस नहीं मिल पा रहा है। प्रकरण फिलहाल कोर्ट में भी चल रहा है।
- पोखरमल, उपशासन सचिव, ग्रामीण विकास और पंचायतीराज विभाग
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC