शिक्षकों के तबादले में बरती गई अनियमितताएं, झालावाड़ की तरह मेवाड़-वागड़ में भी लग सकती है रोक
उदयपुर। शिक्षा विभाग में हाल ही में हुए द्वितीय श्रेणी और शारीरिक शिक्षकों के स्थानांतरण शक के दायरे में आ गए हंै। इसका ताजा उदाहरण मुख्य सेवक के निर्वाचन जिले में हुए स्थानांतरण पर सरकार द्वारा रोक लगाना है। इसी तरह से अब उदयपुर, बांसवाड़ा और डूंगरपुर मंडल द्वारा किए गए स्थानांतरण भी शक के दायरे में हैं।
हालांकि इस मसले पर विभाग के आला अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है और वो कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है। इसी से समझा जा रहा है कि संभवत: झालावाड़ की तरह कहीं उदयपुर संभाग के स्थानांतरण सूचियों पर रोक लग जाए।
उदयपुर, बांसवाड़ा-डूंगरपुर के समस्त स्थानांतरण पर रोक लगाने की संभावना के पीछे मूल कारण यह है कि द्वितीय श्रेणी ओर शारीरिक शिक्षकों के तबादलों में काफी अनियमितताएं सामने आई है। जिसका काफी दिनों से शिक्षक संगठन विरोध कर रहे हंै।
इन कारणों से हो रही हैं शंका
-पुरुष शारीरिक शिक्षकों को बालिका स्कूलों में पदस्थापन, महिला पीटीआई को बॉयज स्कूलों में लगाया गया।
-राज्यपाल और राष्ट्रपति पुरस्कृत शिक्षक-शिक्षिकाओं को भी तबादले कर दिए, जबकि स्वैच्छिक नहीं थे।
-कुछ स्कूलों में द्वितीय श्रेणी शिक्षकों को एक ही स्कूल से तबादला कर उसी स्कूल में व्याख्याता विरुद्ध लगाया।
-जिन स्कूलों से तबादले किए, वहां पद रिक्त छोड़ा गया, बदले में अन्य जगह से ट्रांसफर नहीं किया गया।
-ग्रामीण क्षेत्र के बजाय तबादलों में शहरीकरण किया गया है। शहरों के निकट ज्यादा तबादले हुए हैं।
उदयपुर। शिक्षा विभाग में हाल ही में हुए द्वितीय श्रेणी और शारीरिक शिक्षकों के स्थानांतरण शक के दायरे में आ गए हंै। इसका ताजा उदाहरण मुख्य सेवक के निर्वाचन जिले में हुए स्थानांतरण पर सरकार द्वारा रोक लगाना है। इसी तरह से अब उदयपुर, बांसवाड़ा और डूंगरपुर मंडल द्वारा किए गए स्थानांतरण भी शक के दायरे में हैं।
हालांकि इस मसले पर विभाग के आला अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है और वो कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है। इसी से समझा जा रहा है कि संभवत: झालावाड़ की तरह कहीं उदयपुर संभाग के स्थानांतरण सूचियों पर रोक लग जाए।
उदयपुर, बांसवाड़ा-डूंगरपुर के समस्त स्थानांतरण पर रोक लगाने की संभावना के पीछे मूल कारण यह है कि द्वितीय श्रेणी ओर शारीरिक शिक्षकों के तबादलों में काफी अनियमितताएं सामने आई है। जिसका काफी दिनों से शिक्षक संगठन विरोध कर रहे हंै।
इन कारणों से हो रही हैं शंका
-पुरुष शारीरिक शिक्षकों को बालिका स्कूलों में पदस्थापन, महिला पीटीआई को बॉयज स्कूलों में लगाया गया।
-राज्यपाल और राष्ट्रपति पुरस्कृत शिक्षक-शिक्षिकाओं को भी तबादले कर दिए, जबकि स्वैच्छिक नहीं थे।
-कुछ स्कूलों में द्वितीय श्रेणी शिक्षकों को एक ही स्कूल से तबादला कर उसी स्कूल में व्याख्याता विरुद्ध लगाया।
-जिन स्कूलों से तबादले किए, वहां पद रिक्त छोड़ा गया, बदले में अन्य जगह से ट्रांसफर नहीं किया गया।
-ग्रामीण क्षेत्र के बजाय तबादलों में शहरीकरण किया गया है। शहरों के निकट ज्यादा तबादले हुए हैं।
कार्मिकों के मोबाइल निदेशक ने रखे : एक कर्मचारी (शिक्षा संकुल में ट्रांसफर कैंप में मौजूद) के मुताबिक इस बार निदेशक ने समस्त कर्मचारियों के मोबाइल अपने पास ही रखवा लिए थे। वैसे भी ट्रांसफर कैंप के दौरान हमेशा ही जो कर्मचारी तबादले के काम में लगे होते है, उनके मोबाइल रखवा लेते थे। ऐसा इस बार भी हुआ, लेकिन इस बार मोबाइल निदेशक ने रख लिए और जो भी फोन आते, उससे कर्मचारी की हैसियत से बातचीत की। इस दौरान तबादले को लेकर हो रही अनियमितता की पोल खोली। खास बात यह है कि इसी कैंप में डूंगरपुर के एक कर्मचारी को तत्काल रवाना किया गया।
वर्जन…
जो भी तबादले हुए हैं, वह अनियमित हुए हैं। इनमें कोई भी प्लान, नीति या नियम का ध्यान नहीं रखा गया है। अनियमित ट्रांसफर में संशोधन होना चाहिए। -शेर सिंह चौहान, जिलाध्यक्ष, पंचायती राज शिक्षक संघ
तबादले में कहीं-कहीं स्कूलों और ग्रामीण क्षेत्र का ध्यान नहीं रखा गया है। इस पूरे मामले को लेकर जांच की जानी चाहिए। यहां पर रोक भी लगनी चाहिए। -अनिल व्यास, जिला मंत्री, शिक्षक संघ राष्ट्रीय
स्थानांतरण की जांच जरूरी है। जिस तरह से झालावाड़ में रोक लगी है, ठीक हमारे यहां पर भी रोक लगानी चाहिए।
– लक्ष्मीनारायणसिंह, जिलामंत्री (प्राथमिक और माध्यमिक)
जो भी तबादले हुए हैं, वह अनियमित हुए हैं। इनमें कोई भी प्लान, नीति या नियम का ध्यान नहीं रखा गया है। अनियमित ट्रांसफर में संशोधन होना चाहिए। -शेर सिंह चौहान, जिलाध्यक्ष, पंचायती राज शिक्षक संघ
तबादले में कहीं-कहीं स्कूलों और ग्रामीण क्षेत्र का ध्यान नहीं रखा गया है। इस पूरे मामले को लेकर जांच की जानी चाहिए। यहां पर रोक भी लगनी चाहिए। -अनिल व्यास, जिला मंत्री, शिक्षक संघ राष्ट्रीय
स्थानांतरण की जांच जरूरी है। जिस तरह से झालावाड़ में रोक लगी है, ठीक हमारे यहां पर भी रोक लगानी चाहिए।
– लक्ष्मीनारायणसिंह, जिलामंत्री (प्राथमिक और माध्यमिक)
No comments:
Post a Comment