ओडिशा के 58 साल के डी. प्रकाश राव का दिन शुरु होता है सुबह 4 बजे। इसके बाद वह कटक के बक्सीबाज़ार में अपनी चाय की एक छोटी सी दुकान पर जाते हैं।
इस दुकान से राव अपनी अजीविका नहीं चलाते बल्कि कई बच्चों की ज़िंदगी संवारने का काम करते हैं।
वह चाय से होने वाली आमदनी का 50 प्रतिशत हिस्सा झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों की पढ़ाई पर ख़र्च करते हैं। वह स्कूल में 70 बच्चों को पढ़ाते हैं।
राव का कहना है कि पढ़ाई बहुत ही जरूरी है लेकिन झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले बच्चे आर्थिक तंगी के कारण पढ़ नहीं पाते। इसलिए हमने झुग्गी में ही स्कूल की व्यवस्था की है। गरीब तबके के बच्चों के शिक्षक को प्रकाश अपनी जेब से पैसे देते हैं और गरीब बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए दूध भी देते हैं। उनका मानना है कि बच्चे दूध पीकर ही सेहतमंद हो सकेंगे और वे पढ़ाई पर ध्यान लगा सकेंगे।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
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वह चाय से होने वाली आमदनी का 50 प्रतिशत हिस्सा झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों की पढ़ाई पर ख़र्च करते हैं। वह स्कूल में 70 बच्चों को पढ़ाते हैं।
राव का कहना है कि पढ़ाई बहुत ही जरूरी है लेकिन झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले बच्चे आर्थिक तंगी के कारण पढ़ नहीं पाते। इसलिए हमने झुग्गी में ही स्कूल की व्यवस्था की है। गरीब तबके के बच्चों के शिक्षक को प्रकाश अपनी जेब से पैसे देते हैं और गरीब बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए दूध भी देते हैं। उनका मानना है कि बच्चे दूध पीकर ही सेहतमंद हो सकेंगे और वे पढ़ाई पर ध्यान लगा सकेंगे।
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