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Rajasthan: जब ITI संस्थाओं में स्टाफ का है भारी टोटा, तो कैसे होगा स्टूडेंट्स का कौशल विकास?

 जयपुर. राजस्थान में कौशल विकास (Skill development) को बढ़ावा देने के लिए वैसे तो सरकार कई प्रयास कर रही है, लेकिन सरकारी आईटीआई संस्थाओं (ITI institutions) की ओर इसका ध्यान नहीं है. आईटीआई संस्थाओं में स्टाफ की भारी कमी की वजह से विद्यार्थियों (Students) की पढ़ाई पर सीधा असर पड़ रहा है. 3 हजार से ज्यादा स्थाई पद खाली पड़े हैं. आईटीआई में विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करने वाले कनिष्ठ अनुदेशकों के स्थाई पदों पर तो केवल बीस फीसदी स्टाफ ही लगा हुआ है. दूसरी तरफ प्रशिक्षित बेरोजगार (Trained unemployed) विभाग में स्थाई नौकरियों का इंतजार कर रहे हैं.

राज्य में रोजगार और कौशल विकास विभाग के जरिए रोजगार को बढ़ावा देने की कोशिशें की जा रही हैं, लेकिन उससे पहले आईटीआई संस्थाओं में खाली पड़े पदों को भरने की दरकार है. संस्थानों में गेस्ट फैकल्टी (Guest Faculty) से काम चलाया जा रहा है.

5000 स्वीकृत पदों में 3000 से ज्यादा स्थायी पद खाली
विधानसभा में सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार प्रदेश में 229 सरकारी आईटीआई संस्थान हैं. इनमें मौजूदा समय में स्टाफ के करीब 5 हजार से ज्यादा पद स्वीकृत हैं. लेकिन 3 हजार से ज्यादा स्थाई पद खाली पड़े हैं. जबकि हाल ही में एक आरटीआई के जवाब में कनिष्ठ अनुदेशकों के स्वीकृत पदों की संख्या 2071 बताई है और इनमें से 1638 पद रिक्त हैं. विभाग में 1065 गेस्ट फेकल्टी हैं.

2019 की ही बजट घोषणाएं पूरी नहीं
आईटीआई संस्थाओं को लेकर 2019 के बजट में ही पांच सौ पदों पर भर्ती की घोषणा भी की जा चुकी है. आंकड़ों के अनुसार इनमें से 492 पदों पर भर्ती निकाली गई. करीब तीन सौ पदों पर नियुक्तियां दी गईं, लेकिन वह भी सभी पदों पर पूरी नहीं की जा सकी हैं. जयपुर के आईटीआई की बात की जाए तो बनीपार्क स्थित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान आईटीआई में टेक्निकल के 52 में से 34 पदों पर ही नियमित शिक्षक कार्य कर रहे हैं. जबकि 18 पदों पर गेस्ट फैकल्टी द्वारा शिक्षण कार्य करवाया जा रहा है.

हर साल चार लाख से ज्यादा आवेदन
आईटीआई संस्थाओं में दाखिले की मांग इसी से देखी जा सकती हैं कि यहां आवेदन के लिए अभ्यर्थियों की लंबी कतारें नजर आती हैं. संस्थान के प्राचार्य (Principal) आरएन सैनी का कहना है कि देश दुनिया में आईटीआई कोर्सेज की अहमियत है और इसी के तहत हर साल करीब 4 लाख से ज्यादा विद्यार्थी आईटीआई में आवेदन करते हैं.

कई पद भरे, कई अभी भी खाली
कौशल विकास मंत्री अशोक चांदना का कहना है कि पूर्व में राज्य के आईटीआई संस्थानों में शिक्षकों के पद बड़ी संख्या में रिक्त थे. अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में पन्द्रह सौ पदों पर भर्ती की घोषणा की, जिनमें से कई पदों को भर दिया गया. जल्द ही अन्य पदों को भी भर दिया जाएगा.

भर्तियां नियमित हों और संसाधन बढ़ाए जाएं
कई आईटीआई संस्थाएं( ITI Institutions) तो ऐसी भी हैं, जहां स्थाई फैकल्टी की लंबे समय से दरकार है. डीजीटी द्वारा आईटीआई संस्थाओं में सत्तर प्रतिशत पदों पर नियमित फैकल्टी रखा जाना जरूरी किया गया है. यह बेहद जरूरी है कि आईटीआई संस्थाओं को मजबूती दिए जाने के लिए इन संस्थाओं पर नियमित रूप से भर्तियां की जाएं और विद्यार्थियों के लिए सुविधाएं और संसाधन बढाएं जाएं.

प्रदेश के आईटीआई संस्थानों पर एक नजर
– प्रदेश में कुल 260 सरकारी आईटीआई हैं.
– 229 आईटीआई संस्थान में प्रशिक्षण दिया जाता है.
– कुल स्टाफ के महज 1496 पद भरे हुए हैं.
– 3636 पद आईटीआई में रिक्त चल रहे हैं.
– कनिष्ठ अनुदेशक के 2071 में से 1638 रिक्त हैं.
– 1065 गेस्ट फैकल्टी के रूप में कार्यरत हैं.

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