जयपुर।
प्रदेश जहां कोरोना काल में संकट से घिरा हुआ है। वहीं इस दौर में शिक्षकों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। इसके तहत राजस्थान सरकार ने शिक्षकों से जुड़े अहम फैसले लिए हैं।
सरकार की ओर से लॉकडाउन 3.0 में पहले लिए गए फैसले में शिक्षकों को राहत दे दी गई है। दरअसल शिक्षकों को सरकार की ओर से पूर्व में यह आदेश दिया गया था कि 54 हजार शिक्षकों को 15 मई तक मुख्यालय पहुंचना है, लेकिन इस संबंध में शिक्षा विभाग की ओर से निर्देश जारी कर दिए गए हैं। निर्देशों के अनुसार अब रेड जोन में रहने वाले शिक्षकों को मुख्यालय जाने की जरूरत नहीं है।
दो अहम फैसलों ने भी दी राहत
जहां एक ओर शिक्षकों को सरकार ने मुख्यालय पहुंचने में राहत दी है। वहीं एक अहम फैसले के तहत अब रोजेदार शिक्षकों को भी कोरोना ड्यूटी में नहीं लगाया जाएगा, यह निर्णय लिया गया है। इसी तरह दिव्यांग , असाध्य रोगी, विधवा , परित्यक्ता एकल महिला और दो वर्ष से कम आयु वाली संतान की मां शिक्षिका भी कोरोना ड्यूटी में नहीं लगाए जाने का फैसला किया है। इसमें दो साल में रिटायर्ड होने वाले शिक्षकों को भी राहत दी गई है।
इसलिए लिया फैसला
बता दें कि लॉकडाउन के चलते इस आदेश के आने के बाद शिक्षकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। साथ ही यह सवाल भी उठाया जा रहा था कि रेड जोन वाले शिक्षक कैसे मुख्यालय तक पहुंचेगे, लिहाजा राज्य सरकार और शिक्षा विभाग की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं।
प्रदेश जहां कोरोना काल में संकट से घिरा हुआ है। वहीं इस दौर में शिक्षकों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। इसके तहत राजस्थान सरकार ने शिक्षकों से जुड़े अहम फैसले लिए हैं।
सरकार की ओर से लॉकडाउन 3.0 में पहले लिए गए फैसले में शिक्षकों को राहत दे दी गई है। दरअसल शिक्षकों को सरकार की ओर से पूर्व में यह आदेश दिया गया था कि 54 हजार शिक्षकों को 15 मई तक मुख्यालय पहुंचना है, लेकिन इस संबंध में शिक्षा विभाग की ओर से निर्देश जारी कर दिए गए हैं। निर्देशों के अनुसार अब रेड जोन में रहने वाले शिक्षकों को मुख्यालय जाने की जरूरत नहीं है।
दो अहम फैसलों ने भी दी राहत
जहां एक ओर शिक्षकों को सरकार ने मुख्यालय पहुंचने में राहत दी है। वहीं एक अहम फैसले के तहत अब रोजेदार शिक्षकों को भी कोरोना ड्यूटी में नहीं लगाया जाएगा, यह निर्णय लिया गया है। इसी तरह दिव्यांग , असाध्य रोगी, विधवा , परित्यक्ता एकल महिला और दो वर्ष से कम आयु वाली संतान की मां शिक्षिका भी कोरोना ड्यूटी में नहीं लगाए जाने का फैसला किया है। इसमें दो साल में रिटायर्ड होने वाले शिक्षकों को भी राहत दी गई है।
इसलिए लिया फैसला
बता दें कि लॉकडाउन के चलते इस आदेश के आने के बाद शिक्षकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। साथ ही यह सवाल भी उठाया जा रहा था कि रेड जोन वाले शिक्षक कैसे मुख्यालय तक पहुंचेगे, लिहाजा राज्य सरकार और शिक्षा विभाग की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं।
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