अजमेर | राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती
2004 में करीब 15 साल बाद भी न्याय नहीं मिलने से नाराज अभ्यर्थियों ने भी
अब आयोग के सामने आमरण अनशन की चेतावनी दी है।
चयनित बेरोजगार तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2004 की संघर्ष समिति इस मामले को लेकर आगे बढ़ रही है।
समिति के डूंगरदान चारण ने कहा कि 15 वर्ष व्यतीत हो जाने व न्यायालय के आदेश हो जाने के बाद भी अब तक न्याय नहीं मिला है। आयोग द्वारा इस भर्ती की चयन प्रक्रिया में क्षितिज आरक्षण नियमों की पालना नहीं की गई है। इसके चलते 2354 पदों पर आरक्षण से अधिक पुरुष पदों पर महिलाओं द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया। इसके नतीजे में 2354 पुरुषों को नियुक्ति से वंचित कर दिया गया जो पूर्णतया नियम विरुद्ध एवं असंवैधानिक है।
181 पर दी शिकायतें
उन्होंने बताया कि वंचित पुरुष अभ्यर्थियों द्वारा राजस्थान जनसंपर्क पोर्टल 181 पर आयोग की चयन प्रक्रिया के विरुद्ध परिवाद भी दर्ज कराए गए। पीडितों द्वारा दर्ज परिवादों को महज औपचारिकता मानकर अविधिक निस्तारण किया जा रहा है, जोकि पूर्णतया नियम विरुद्ध है तथा असंवैधानिक है। आयोग ने प्री लिटिगेशन के परिवादों के निस्तारण में भी लापरवाही बरती है। जिन परिवादियों द्वारा परिवेदनाएं भी नहीं लगाई गई, उन्हें भी आयोग द्वारा जवाब प्रेषित किया जा रहा है जो न्यायालय में नहीं गए उनका भी एक जैसा निस्तारण किया जा रहा है।
परिवाद किसी निस्तारण किसी के नाम
अभ्यर्थियों का आरोप है कि जन सम्पर्क पोर्टल पर पाली के जयंती लाल द्वारा परिवाद दर्ज करवाया गया था तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2004 को लेकर और उसके परिवाद के निस्तारण कर निस्तारण पत्र डाला जा रहा है किसी लविश कुमार गुप्ता का। इस प्रकार तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2004 के विधिक प्रकरण के निस्तारण में विभाग द्वारा भारी कोताही बरती जा रही है।
अब यह है मांग
संगठन की मांग आयोग के इन लापरवाह व अकर्मण्य लोक सेवकों के विरुद्ध आयोग शीघ्र अनुशासनात्मक कार्यवाही करे व प्रकरण का विधिक निस्तारण कर पीडितों के न्यायिक आदेशों की पालना कर शिक्षा विभाग को अभिस्तावना भिजवाई जाए तथा 31 दिसम्बर को होने वाली कार्मिक विभाग, आयोग व वित्त विभाग की संयुक्त मीटिंग में प्रकरण को रखकर विधिक निस्तारण करवाया जाए अन्यथा संगठन द्वारा आंदोलन उग्र कर राजस्थान लोक सेवा आयोग के आगे आमरण अनशन पर बैठा जाएगा।
चयनित बेरोजगार तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2004 की संघर्ष समिति इस मामले को लेकर आगे बढ़ रही है।
समिति के डूंगरदान चारण ने कहा कि 15 वर्ष व्यतीत हो जाने व न्यायालय के आदेश हो जाने के बाद भी अब तक न्याय नहीं मिला है। आयोग द्वारा इस भर्ती की चयन प्रक्रिया में क्षितिज आरक्षण नियमों की पालना नहीं की गई है। इसके चलते 2354 पदों पर आरक्षण से अधिक पुरुष पदों पर महिलाओं द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया। इसके नतीजे में 2354 पुरुषों को नियुक्ति से वंचित कर दिया गया जो पूर्णतया नियम विरुद्ध एवं असंवैधानिक है।
181 पर दी शिकायतें
उन्होंने बताया कि वंचित पुरुष अभ्यर्थियों द्वारा राजस्थान जनसंपर्क पोर्टल 181 पर आयोग की चयन प्रक्रिया के विरुद्ध परिवाद भी दर्ज कराए गए। पीडितों द्वारा दर्ज परिवादों को महज औपचारिकता मानकर अविधिक निस्तारण किया जा रहा है, जोकि पूर्णतया नियम विरुद्ध है तथा असंवैधानिक है। आयोग ने प्री लिटिगेशन के परिवादों के निस्तारण में भी लापरवाही बरती है। जिन परिवादियों द्वारा परिवेदनाएं भी नहीं लगाई गई, उन्हें भी आयोग द्वारा जवाब प्रेषित किया जा रहा है जो न्यायालय में नहीं गए उनका भी एक जैसा निस्तारण किया जा रहा है।
परिवाद किसी निस्तारण किसी के नाम
अभ्यर्थियों का आरोप है कि जन सम्पर्क पोर्टल पर पाली के जयंती लाल द्वारा परिवाद दर्ज करवाया गया था तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2004 को लेकर और उसके परिवाद के निस्तारण कर निस्तारण पत्र डाला जा रहा है किसी लविश कुमार गुप्ता का। इस प्रकार तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2004 के विधिक प्रकरण के निस्तारण में विभाग द्वारा भारी कोताही बरती जा रही है।
अब यह है मांग
संगठन की मांग आयोग के इन लापरवाह व अकर्मण्य लोक सेवकों के विरुद्ध आयोग शीघ्र अनुशासनात्मक कार्यवाही करे व प्रकरण का विधिक निस्तारण कर पीडितों के न्यायिक आदेशों की पालना कर शिक्षा विभाग को अभिस्तावना भिजवाई जाए तथा 31 दिसम्बर को होने वाली कार्मिक विभाग, आयोग व वित्त विभाग की संयुक्त मीटिंग में प्रकरण को रखकर विधिक निस्तारण करवाया जाए अन्यथा संगठन द्वारा आंदोलन उग्र कर राजस्थान लोक सेवा आयोग के आगे आमरण अनशन पर बैठा जाएगा।
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