राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने 29 जुलाई 2011 से पूर्व बीएड करने वालों को शिक्षक पात्रता परीक्षा में शामिल होने के लिए स्नातक और परास्नातक में 50% अंकों की अनिवार्यता में छूट दे दी है। लेकिन अगले महीने होने वाले टीईटी और सीटीईटी में इसका लाभ अभ्यर्थियों को नहीं मिलेगा।
एनसीटीई ने 13 नवंबर को अधिसूचना जारी की है जबकि आठ दिसंबर को प्रस्तावित सीटीईटी और 22 दिसंबर को होने जा रहे टीईटी के लिए आवेदन एवं अन्य औपचारिकताएं पहले ही शुरू हो चुकी थी। शिक्षक पात्रता परीक्षा के संबंध में एनसीटीई का संशोधन परीक्षा नियामक प्राधिकारी को मंगलवार तक प्राप्त नहीं हुआ था। ऐसे में 2019 की परीक्षा में नई अधिसूचना के अनुसार संशोधन संभव नहीं होगा।
29 जुलाई 2011 से पहले बीएड के लिए 50% अंकों की अनिवार्यता नहीं थी। बाद में एनसीटीई ने स्नातक एवं परास्नातक में 50 फीसदी से कम अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को भी बीएड करने की अनुमति दी थी। दूरस्थ शिक्षा से बीएड करने वालों के लिए अंकों की कोई अनिवार्यता नहीं थी। ऐसे में कम अंक वाले अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका की थी क्योंकि उन्हें शिक्षक भर्ती में शामिल नहीं किया जा रहा था।
एनसीटीई ने 13 नवंबर को अधिसूचना जारी की है जबकि आठ दिसंबर को प्रस्तावित सीटीईटी और 22 दिसंबर को होने जा रहे टीईटी के लिए आवेदन एवं अन्य औपचारिकताएं पहले ही शुरू हो चुकी थी। शिक्षक पात्रता परीक्षा के संबंध में एनसीटीई का संशोधन परीक्षा नियामक प्राधिकारी को मंगलवार तक प्राप्त नहीं हुआ था। ऐसे में 2019 की परीक्षा में नई अधिसूचना के अनुसार संशोधन संभव नहीं होगा।
29 जुलाई 2011 से पहले बीएड के लिए 50% अंकों की अनिवार्यता नहीं थी। बाद में एनसीटीई ने स्नातक एवं परास्नातक में 50 फीसदी से कम अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को भी बीएड करने की अनुमति दी थी। दूरस्थ शिक्षा से बीएड करने वालों के लिए अंकों की कोई अनिवार्यता नहीं थी। ऐसे में कम अंक वाले अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका की थी क्योंकि उन्हें शिक्षक भर्ती में शामिल नहीं किया जा रहा था।
No comments:
Post a Comment