बांसवाड़ा| पिछले दिनाें शिक्षा मंत्री ने शिक्षकाें की छुट्टियां गर्मियों
में बढ़ाकर राहत दे दी, लेकिन अब शुरू होने वाले तबादलों के दौर में परेशानी
बढ़ने वाली है। सोमवार देर शाम जारी आदेश के मुताबिक प्रदेश के करीब 3600
और बांसवाड़ा जिले के करीब 50 शिक्षकों के नाम सामने आए हैं।
पिछली सरकार में जिन शिक्षकों को गलत तरीके से फायदा पहुंचाया गया उनको वापस मूल विभाग में भेजा जाएगा। तबादले के बाद भी ऑनलाइन कार्यग्रहण नहीं करने वाले प्रदेश के करीब 500 शिक्षकों के अब कांग्रेस सरकार तबादले रद्द करेगी। विभाग के आदेशों को दरकिनार कर पुराने पदों पर जमे 3100 शिक्षकों को अब वापस अपने मूल स्थान पर जाना होगा। इस अादेशाें के बाद से शिक्षकाें में राेष अाैर नाराजगी बढ़ गई है। वो शिक्षक जिनका तबादला हो चुका है, लेकिन ऑनलाइन कार्यभार नहीं संभाला है। उनका तबादला निरस्त होगा। प्रदेश में ऐसे शिक्षकों की संख्या 500 से अधिक है। वहीं बांसवाड़ा में ऐसे शिक्षक 5 से 10 है। इन शिक्षकों को वापस अपने मूल स्थानों पर जाना होगा।
ढाई हजार से अधिक शिक्षक अभी भी शहर क्षेत्र में जमे
पिछली सरकार के समय प्रांरभिक शिक्षा विभाग के 7636 शिक्षकों में से ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत 5089 शिक्षकों को तो माध्यमिक शिक्षा में भेज दिया गया। लेकिन 2500 से अधिक शिक्षक अभी भी शहरी क्षेत्रों में जमे हुए, जबकि इन शिक्षकों का भी दूसरे स्कूलों में जाना तय था। इनको भी विभाग ने पुराने आदेशों के तहत भेजने की तैयारी कर ली है। हालांकि जिले में यह आंकड़ा शून्य है।
पिछली सरकार में जिन शिक्षकों को गलत तरीके से फायदा पहुंचाया गया उनको वापस मूल विभाग में भेजा जाएगा। तबादले के बाद भी ऑनलाइन कार्यग्रहण नहीं करने वाले प्रदेश के करीब 500 शिक्षकों के अब कांग्रेस सरकार तबादले रद्द करेगी। विभाग के आदेशों को दरकिनार कर पुराने पदों पर जमे 3100 शिक्षकों को अब वापस अपने मूल स्थान पर जाना होगा। इस अादेशाें के बाद से शिक्षकाें में राेष अाैर नाराजगी बढ़ गई है। वो शिक्षक जिनका तबादला हो चुका है, लेकिन ऑनलाइन कार्यभार नहीं संभाला है। उनका तबादला निरस्त होगा। प्रदेश में ऐसे शिक्षकों की संख्या 500 से अधिक है। वहीं बांसवाड़ा में ऐसे शिक्षक 5 से 10 है। इन शिक्षकों को वापस अपने मूल स्थानों पर जाना होगा।
ढाई हजार से अधिक शिक्षक अभी भी शहर क्षेत्र में जमे
पिछली सरकार के समय प्रांरभिक शिक्षा विभाग के 7636 शिक्षकों में से ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत 5089 शिक्षकों को तो माध्यमिक शिक्षा में भेज दिया गया। लेकिन 2500 से अधिक शिक्षक अभी भी शहरी क्षेत्रों में जमे हुए, जबकि इन शिक्षकों का भी दूसरे स्कूलों में जाना तय था। इनको भी विभाग ने पुराने आदेशों के तहत भेजने की तैयारी कर ली है। हालांकि जिले में यह आंकड़ा शून्य है।
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