राजस्थान में 20 साल से नियुक्ति के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा के उच्च वरीयता प्राप्त अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
और पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह से गुहार लगाई है. चयनित तृतीय श्रेणी
शिक्षकों ने कहा कि वर्ष 1998 में उन्हें चयनित कर लिया गया था लेकिन
सर्वोच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर होने के बाद बोनस अंक हटाते हुए नई
वरीयता सूची बनाकर नए आदेश दिए थे और सरकार ने वर्ष 2003 में नियुक्ति के
आदेश जारी कर दिए थे, लेकिन उन्हें नियुक्ति नहीं दी गई.
चयनित तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने बताया कि बाद में जोधपुर के उच्च न्यायालय द्वारा उच्च वरीयता प्राप्त अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने के आदेश जारी कर दिए फिर भी सरकारों द्वारा आदेशों की पालना नहीं की जा रही है और वह 20 साल से नौकरी के लिए तरस रहे हैं, जिससे उनके भूखों मरने की स्थिति पैदा हो रही है और वे सड़क पर आ रहे हैं . उन्होंने सरकार से गुहार लगाई है कि उन्हें नियुक्ति दी जाए ताकि वह अपना जीवन यापन कर सकें.
चयनित तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने बताया कि बाद में जोधपुर के उच्च न्यायालय द्वारा उच्च वरीयता प्राप्त अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने के आदेश जारी कर दिए फिर भी सरकारों द्वारा आदेशों की पालना नहीं की जा रही है और वह 20 साल से नौकरी के लिए तरस रहे हैं, जिससे उनके भूखों मरने की स्थिति पैदा हो रही है और वे सड़क पर आ रहे हैं . उन्होंने सरकार से गुहार लगाई है कि उन्हें नियुक्ति दी जाए ताकि वह अपना जीवन यापन कर सकें.
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