राजस्थान उच्च न्यायालय ने सुनाया फैसला
सीकर. प्रदेश के सात हजार से अधिक गणित-विज्ञान के चयनित शिक्षकों की नौकरी की राह खुल गई है। न्यायालय का निर्णय आने के बाद प्रांरभिक शिक्षा विभाग ने भी तैयारी कर ली है। मंगलवार शाम को प्रांरभिक शिक्षा निदेशालय ने नियुक्ति देने के आदेश जारी
कर दिए।
अब जिला परिषदों की स्थापना एवं स्थायी समिति की बैठक के बाद नौकरी मिल जाएगी। रीट 2016 के जरिए ९७२ शिक्षकों का गणित-विज्ञान विषय में चयन हुआ था। अब इन शिक्षकों की जिला परिषदों के जरिए जल्द काउंसलिग होगी। वर्ष 2016 के चयनित अभ्यर्थियों को उस समय मामला न्यायालय में जाने के कारण काउंसलिंग भी नहीं हो सकी थी। ऐसे में वह दो साल से नौकरी के लिए चक्कर लगा रहे थे। अब इनकी नौकरी की आस पूरी होगी। इधर, फैसला आने के बाद राजस्थान बेरोजगार महासंघ के कार्यालय में आतिशबाजी कर जश्न मनाया गया। अध्यक्ष उपेन यादव ने इसे बेरोजगारों की जीत बताया है।
न्यायालय ने निर्णय में यह कहा
गणित-विज्ञान मामले पर सुनवाई पर फैसला देते हुए अदालत ने गणित और विज्ञान विषय के लिए सामान शिक्षक होने का आदेश दिया है। कोर्ट के इस फैसले से लगभग सात हज़ार नियुक्तियों का रास्ता साफ़ हो गया है। जस्टिस मोहम्मद रफीक की अदालत ने मंगलवार को अपना फैसला देते हुए एकलपीठ के पहले दिए आदेश को खारिज कर दिया। ऐसे में अब इस फैसले के आने के बाद अब शिक्षक भर्ती 2017 में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा। गौरतलब है कि इस मामले में सुनवाई पिछले दिनों पूरी हुई थी और अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालती आदेश का बड़ी संख्या में बेरोजग़ारों को इंतज़ार था। अब सभी को रीट प्रथम लेवल मामले में अदालत के फैसले का इंतज़ार है। इस मामले में भी इसी महीने के पहले सप्ताह में सुनवाई पूरी हो चुकी है और अब फैसला आना है। प्रथम लेवल मामले की सुनवाई से भी लगभग 26 हज़ार बेरोजग़ार युवाओं का भविष्य तय होना है।
उप मुख्यमंत्री से मिले बेरोजगार
राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के बैनर तले बेरोजगारों का प्रतिनिधिमंडल उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट से मिला। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव ने गणित-विज्ञान के चयनित अभ्यर्थियों को जल्द नियुक्ति दिलाने की बात कही। इस दौरान डिप्टी सीएम ने जल्द इस मामले में पदस्थापन आदेश जारी कराने का आश्वासन दिया। वहीं यादव ने रीट प्रथम लेवल की नौ जनवरी को होने वाली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट से एडवोकेट बुलाने की बात कही। इस पर भी उप मुख्यमंत्री ने सकारात्मक आश्वासन दिया है। गौरतलब है कि बेरोजगार संघ की ओर से पिछले कई महीनों से इस संबंध में संघर्ष किया था। इसके बाद न्यायालय के निर्णय से विद्यार्थियों की खुशियां निकली है।
2018 का होना है अनुमोदन
रीट 2018 के जरिए चयनित ५९०० शिक्षकों को जिला परिषद ने स्कूल आवंटन कर दिया था। लेकिन पदस्थान से पहले ही नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लग गई थी। ऐसे में अब जिला परिषदों ने गणित-विज्ञान के शिक्षकों का अनुमोदन नहीं किया था। अब न्यायालय से भर्ती को हरी झंडी मिलने पर सभी जिला परिषदों को पहले चयनित शिक्षकों के काउंसलिंग के आदेशों का अनुमोदन करना होगा। जिला परिषद में आगामी एक-दो दिन में स्थापना समितियों की बैठक होगी। इसके बाद चयनित अभ्यर्थी सीधे स्कूलों में जा सकेंगे।
इस भर्ती में यह था विवाद
रीट के जरिए हुई गणित-विज्ञान विषय की भर्ती के मामले में सबसे बड़ा पेंच दोनों विषयों के अलग-अलग पद करने से शुरू हुआ था। इस दौरान शिक्षा विभाग ने आरटीई व एनसीटीई के नियमों का हवाला देते हुए कहा कि था कि गणित व विज्ञान वाले शिक्षक दोनों आपस में जुड़े है, इसलिए दोनों विषयों की पढ़ाई करा सकते है।
सीकर. प्रदेश के सात हजार से अधिक गणित-विज्ञान के चयनित शिक्षकों की नौकरी की राह खुल गई है। न्यायालय का निर्णय आने के बाद प्रांरभिक शिक्षा विभाग ने भी तैयारी कर ली है। मंगलवार शाम को प्रांरभिक शिक्षा निदेशालय ने नियुक्ति देने के आदेश जारी
कर दिए।
अब जिला परिषदों की स्थापना एवं स्थायी समिति की बैठक के बाद नौकरी मिल जाएगी। रीट 2016 के जरिए ९७२ शिक्षकों का गणित-विज्ञान विषय में चयन हुआ था। अब इन शिक्षकों की जिला परिषदों के जरिए जल्द काउंसलिग होगी। वर्ष 2016 के चयनित अभ्यर्थियों को उस समय मामला न्यायालय में जाने के कारण काउंसलिंग भी नहीं हो सकी थी। ऐसे में वह दो साल से नौकरी के लिए चक्कर लगा रहे थे। अब इनकी नौकरी की आस पूरी होगी। इधर, फैसला आने के बाद राजस्थान बेरोजगार महासंघ के कार्यालय में आतिशबाजी कर जश्न मनाया गया। अध्यक्ष उपेन यादव ने इसे बेरोजगारों की जीत बताया है।
न्यायालय ने निर्णय में यह कहा
गणित-विज्ञान मामले पर सुनवाई पर फैसला देते हुए अदालत ने गणित और विज्ञान विषय के लिए सामान शिक्षक होने का आदेश दिया है। कोर्ट के इस फैसले से लगभग सात हज़ार नियुक्तियों का रास्ता साफ़ हो गया है। जस्टिस मोहम्मद रफीक की अदालत ने मंगलवार को अपना फैसला देते हुए एकलपीठ के पहले दिए आदेश को खारिज कर दिया। ऐसे में अब इस फैसले के आने के बाद अब शिक्षक भर्ती 2017 में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा। गौरतलब है कि इस मामले में सुनवाई पिछले दिनों पूरी हुई थी और अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालती आदेश का बड़ी संख्या में बेरोजग़ारों को इंतज़ार था। अब सभी को रीट प्रथम लेवल मामले में अदालत के फैसले का इंतज़ार है। इस मामले में भी इसी महीने के पहले सप्ताह में सुनवाई पूरी हो चुकी है और अब फैसला आना है। प्रथम लेवल मामले की सुनवाई से भी लगभग 26 हज़ार बेरोजग़ार युवाओं का भविष्य तय होना है।
उप मुख्यमंत्री से मिले बेरोजगार
राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के बैनर तले बेरोजगारों का प्रतिनिधिमंडल उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट से मिला। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव ने गणित-विज्ञान के चयनित अभ्यर्थियों को जल्द नियुक्ति दिलाने की बात कही। इस दौरान डिप्टी सीएम ने जल्द इस मामले में पदस्थापन आदेश जारी कराने का आश्वासन दिया। वहीं यादव ने रीट प्रथम लेवल की नौ जनवरी को होने वाली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट से एडवोकेट बुलाने की बात कही। इस पर भी उप मुख्यमंत्री ने सकारात्मक आश्वासन दिया है। गौरतलब है कि बेरोजगार संघ की ओर से पिछले कई महीनों से इस संबंध में संघर्ष किया था। इसके बाद न्यायालय के निर्णय से विद्यार्थियों की खुशियां निकली है।
2018 का होना है अनुमोदन
रीट 2018 के जरिए चयनित ५९०० शिक्षकों को जिला परिषद ने स्कूल आवंटन कर दिया था। लेकिन पदस्थान से पहले ही नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लग गई थी। ऐसे में अब जिला परिषदों ने गणित-विज्ञान के शिक्षकों का अनुमोदन नहीं किया था। अब न्यायालय से भर्ती को हरी झंडी मिलने पर सभी जिला परिषदों को पहले चयनित शिक्षकों के काउंसलिंग के आदेशों का अनुमोदन करना होगा। जिला परिषद में आगामी एक-दो दिन में स्थापना समितियों की बैठक होगी। इसके बाद चयनित अभ्यर्थी सीधे स्कूलों में जा सकेंगे।
इस भर्ती में यह था विवाद
रीट के जरिए हुई गणित-विज्ञान विषय की भर्ती के मामले में सबसे बड़ा पेंच दोनों विषयों के अलग-अलग पद करने से शुरू हुआ था। इस दौरान शिक्षा विभाग ने आरटीई व एनसीटीई के नियमों का हवाला देते हुए कहा कि था कि गणित व विज्ञान वाले शिक्षक दोनों आपस में जुड़े है, इसलिए दोनों विषयों की पढ़ाई करा सकते है।
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